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JPSC Controversy: बीजेपी विधायकों पर प्राथमिकी दर्ज होते ही सियासी संग्राम शुरू - जेपीएससी पर राजनीति

जेपीएससी विवाद (JPSC Controversy) पर झारखंड में जमकर राजनीति हो रही है. बीजेपी विधायकों पर प्राथमिकी (Fir on BJP MLA) दर्ज होते ही बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं कांग्रेस भी इस पर बीजेपी को घेर रही है.

politics on jpsc
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Published : Nov 25, 2021, 7:06 PM IST

रांची: सातवीं से दसवीं सिविल सेवा पीटी रिजल्ट के विवादों में आने के बाद एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग इन दिनों सुर्खियों में है. पीटी रिजल्ट पर सवाल खड़ा कर रहे छात्रों पर दो दिन पूर्व हुए लाठीचार्ज अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. जेपीएससी विवाद का फायदा राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से उठाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- JPSC PT RESULT:भाजपा विधायक भानु प्रताप और नवीन जायसवाल सहित 14 पर प्रदर्शन को लेकर नामजद एफआईआर

रांची पुलिस के द्वारा इस मामले में आंदोलन कर रहे छात्रों को उकसाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी के विधायकों पर प्राथमिकी दर्ज (Fir on BJP MLA) कराई गई है. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल, भानू प्रताप शाही और आजसू विधायक लंबोदर महतो सहित कई छात्रों पर कांड दर्ज किया है जो कहीं ना कहीं इस मामले में आग में घी डालने का काम किया है.

बीजेपी-कांग्रेस की प्रतिक्रिया

जेपीएससी पर राजनीति

रांची पुलिस के द्वारा कांड दर्ज किये जाने के बाद अब इस मामले में राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री बाल मुकुंद सहाय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर भाजपा विधायकों पर कांड दर्ज किया गया है, जिससे आंदोलन कमजोर हो सके. मगर ऐसा नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि सरकार लाठी के बल पर और मुकदमा दर्ज कर डराना चाहती है. मगर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डरनेवाले नहीं हैं और सरकार को जितना मुकदमा दर्ज करना हो करे बीजेपी कार्यकर्ता जनता का साथ देती रहेगी.

इधर, कांग्रेस ने बीजेपी पर छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि कांड दर्ज होने से बीजेपी नेता इतना घबरा क्यों रहे हैं. सामना करें पिछली सरकार में भी यूपीए के नेताओं पर कांड दर्ज होते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेपीएससी का सच जल्द सामने आयेगा. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है, चाहे वो बीजेपी का विधायक हो या सत्तारूढ़ दल का विधायक. लोकतंत्र में सबको आंदोलन करने का अधिकार है, मगर लोगों को बरगलाकर और उकसाकर भीड़ को हिंसक बनाना कहीं से भी उचित नहीं.

रांची: सातवीं से दसवीं सिविल सेवा पीटी रिजल्ट के विवादों में आने के बाद एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग इन दिनों सुर्खियों में है. पीटी रिजल्ट पर सवाल खड़ा कर रहे छात्रों पर दो दिन पूर्व हुए लाठीचार्ज अब राजनीतिक रंग लेने लगा है. जेपीएससी विवाद का फायदा राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से उठाना चाहते हैं.

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रांची पुलिस के द्वारा इस मामले में आंदोलन कर रहे छात्रों को उकसाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी के विधायकों पर प्राथमिकी दर्ज (Fir on BJP MLA) कराई गई है. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल, भानू प्रताप शाही और आजसू विधायक लंबोदर महतो सहित कई छात्रों पर कांड दर्ज किया है जो कहीं ना कहीं इस मामले में आग में घी डालने का काम किया है.

बीजेपी-कांग्रेस की प्रतिक्रिया

जेपीएससी पर राजनीति

रांची पुलिस के द्वारा कांड दर्ज किये जाने के बाद अब इस मामले में राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री बाल मुकुंद सहाय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर भाजपा विधायकों पर कांड दर्ज किया गया है, जिससे आंदोलन कमजोर हो सके. मगर ऐसा नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा कि सरकार लाठी के बल पर और मुकदमा दर्ज कर डराना चाहती है. मगर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डरनेवाले नहीं हैं और सरकार को जितना मुकदमा दर्ज करना हो करे बीजेपी कार्यकर्ता जनता का साथ देती रहेगी.

इधर, कांग्रेस ने बीजेपी पर छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि कांड दर्ज होने से बीजेपी नेता इतना घबरा क्यों रहे हैं. सामना करें पिछली सरकार में भी यूपीए के नेताओं पर कांड दर्ज होते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जेपीएससी का सच जल्द सामने आयेगा. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है, चाहे वो बीजेपी का विधायक हो या सत्तारूढ़ दल का विधायक. लोकतंत्र में सबको आंदोलन करने का अधिकार है, मगर लोगों को बरगलाकर और उकसाकर भीड़ को हिंसक बनाना कहीं से भी उचित नहीं.

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