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सरकार की उदासीनता ने बढ़ाई जेपीएससी अभ्यर्थियों की परेशानी, 21 वर्ष बाद भी आयोग का रवैया जस का तस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैलेंडर बनाकर हर साल जेपीएससी के माध्यम से अधिकारियों की नियुक्ति की बात कही थी लेकिन सीएम की घोषणा बेअसर साबित हो रही है. एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ आयोग के उदासीन रवैये से छात्र काफी परेशान हैं.

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जेपीएससी परीक्षा
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Published : Jun 17, 2021, 10:44 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 7:44 AM IST

रांची: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैलेंडर बनाकर जेपीएससी के जरिए हर वर्ष अधिकारियों की नियुक्ति की बात कही थी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के लाखों प्रतियोगी छात्रों में उम्मीद की किरण जगी थी कि अब उन्हें सरकारी नौकरी पाने का अवसर मिलेगा. समय पर विज्ञापन आएंगे और नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी.

यह भी पढ़ें: छठी जेपीएससी मामलाः हाईकोर्ट ने न्यूनतम अंक मामले में रिजल्ट निरस्त कर फिर से रिजल्ट बनाने का दिया निर्देश

सीएम की घोषणा से ऐसे छात्रों को और अधिक खुशी हुई जो लंबे समय से सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हुए निर्धारित उम्र सीमा के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके थे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. एक तरफ इसके पीछे कोरोना बड़ी वजह बनी और दूसरी तरफ उससे ज्यादा सरकार का वही उदासीन रवैया. ऐसे में छात्रों की नाराजगी तब और बढ़ गई जब 6वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश पर सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

देखें वीडियो

21 वर्षों में मात्र 6 जेपीएससी परीक्षा

परीक्षा आयोजन में गड़बड़ी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला झारखंड लोक सेवा आयोग इन दिनों हाईकोर्ट के 6वीं सिविल सेवा परीक्षा को लेकर दिये गए फैसले के बाद सुर्खियों में है. एक बार फिर आयोग द्वारा मेधावी छात्रों के साथ भेदभाव उजागर हुआ है. विवादों के बीच अब तक राज्य गठन के बाद से मात्र 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित हुईं हैं. हेमंत सरकार ने जेपीएससी को कैलेंडर बनाकर परीक्षा समय से लेने का जो निर्देश दिया था वो हवा हवाई साबित हो रहा है.

मंत्री बोले-जल्द होगी परीक्षा की तारीख की घोषणा

सातवीं से दसवीं तक की जेपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा एक साथ आयोजित करने के लिए विज्ञापन तो निकले लेकिन वो भी कोरोना के कारण परीक्षा स्थगित हो चुकी है. ऐसे में छात्र काफी परेशान हैं. इधर, हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए छात्र 6वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को या तो रद्द करने की मांग कर रहे हैं या नया मेरिट लिस्ट जारी कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. मंत्री मिथिलेश ठाकुर का मानना है कि सरकार घोषणा के अनुरूप काम कर रही है. कोरोना के कारण परीक्षाएं स्थगित हुईं हैं लेकिन जल्द इसकी घोषणा की जाएगी.

कैलेंडर बना महज दिखावा

जेपीएससी द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर आउटडेटेड होने के बावजूद अभी तक आयोग की वेबसाइट शोभा बढ़ी रही है. कैलेंडर में सातवीं से दसवीं की पीटी परीक्षा मई में ही आयोजित होनी थी. इसी तरह अन्य परीक्षाओं की भी तिथि दी गई है.

रांची: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैलेंडर बनाकर जेपीएससी के जरिए हर वर्ष अधिकारियों की नियुक्ति की बात कही थी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के लाखों प्रतियोगी छात्रों में उम्मीद की किरण जगी थी कि अब उन्हें सरकारी नौकरी पाने का अवसर मिलेगा. समय पर विज्ञापन आएंगे और नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी.

यह भी पढ़ें: छठी जेपीएससी मामलाः हाईकोर्ट ने न्यूनतम अंक मामले में रिजल्ट निरस्त कर फिर से रिजल्ट बनाने का दिया निर्देश

सीएम की घोषणा से ऐसे छात्रों को और अधिक खुशी हुई जो लंबे समय से सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हुए निर्धारित उम्र सीमा के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके थे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. एक तरफ इसके पीछे कोरोना बड़ी वजह बनी और दूसरी तरफ उससे ज्यादा सरकार का वही उदासीन रवैया. ऐसे में छात्रों की नाराजगी तब और बढ़ गई जब 6वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश पर सरकार द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

देखें वीडियो

21 वर्षों में मात्र 6 जेपीएससी परीक्षा

परीक्षा आयोजन में गड़बड़ी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला झारखंड लोक सेवा आयोग इन दिनों हाईकोर्ट के 6वीं सिविल सेवा परीक्षा को लेकर दिये गए फैसले के बाद सुर्खियों में है. एक बार फिर आयोग द्वारा मेधावी छात्रों के साथ भेदभाव उजागर हुआ है. विवादों के बीच अब तक राज्य गठन के बाद से मात्र 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित हुईं हैं. हेमंत सरकार ने जेपीएससी को कैलेंडर बनाकर परीक्षा समय से लेने का जो निर्देश दिया था वो हवा हवाई साबित हो रहा है.

मंत्री बोले-जल्द होगी परीक्षा की तारीख की घोषणा

सातवीं से दसवीं तक की जेपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा एक साथ आयोजित करने के लिए विज्ञापन तो निकले लेकिन वो भी कोरोना के कारण परीक्षा स्थगित हो चुकी है. ऐसे में छात्र काफी परेशान हैं. इधर, हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए छात्र 6वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को या तो रद्द करने की मांग कर रहे हैं या नया मेरिट लिस्ट जारी कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. मंत्री मिथिलेश ठाकुर का मानना है कि सरकार घोषणा के अनुरूप काम कर रही है. कोरोना के कारण परीक्षाएं स्थगित हुईं हैं लेकिन जल्द इसकी घोषणा की जाएगी.

कैलेंडर बना महज दिखावा

जेपीएससी द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर आउटडेटेड होने के बावजूद अभी तक आयोग की वेबसाइट शोभा बढ़ी रही है. कैलेंडर में सातवीं से दसवीं की पीटी परीक्षा मई में ही आयोजित होनी थी. इसी तरह अन्य परीक्षाओं की भी तिथि दी गई है.

Last Updated : Jun 18, 2021, 7:44 AM IST
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