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झामुमो ने कैंडल लाईट में किया प्रेस कॉन्फ्रेंस, बिजली व्यवस्था पर रघुवर सरकार को घेरा

झारखंड में चरमराई बिजली व्यवस्था के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वर्तमान रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि को वापस लेने समेत बेरोजगार हुए हजारों लोगों की पुनर्बहाली की मांग की है.

झामुमो ने कैंडल लाइट में किया प्रेस कॉंफ्रेंस
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Published : Aug 13, 2019, 10:10 PM IST

रांची: झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में कैंडल लाइट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिजली की चरमराई व्यवस्था की वजह से राज्य भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है. एक तरफ किसान मौसम की मार से फसल की बर्बादी झेल रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार के उदासीन और गलत नीतियों की वजह से राज्य में हाहाकार की स्थिति हो गई है.

देखें पूरी खबर

उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर चल रहा है और 12,000 कर्मचारियों को बैठाने की तैयारी की जा रही है. हजारों लोगों की नौकरियां चली गई है, जो दुखद पहलू है. इस कारण लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. राज्य की लगभग 60 कंपनियां तक बंद हो चुकी है. जिसमें लगभग 40,000 के ऊपर कर्मचारी कार्यरत थे. वे सब सड़क पर आ गए हैं और बेरोजगार हुए कर्मचारियों के परिवार के लाखों लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. हिंडाल्को में 13 अप्रैल को भी एक भयावह दुर्घटना हुई. वहां से भी 6,000 कर्मचारियों को निकाल देने का काम किया गया. पूरे राज्य में प्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख लोग जबरन बेरोजगार बना दिए गए क्योंकि बिजली दर के बेतहाशा वृद्धि की वजह से प्रोडक्शन ठप करना पड़ा और लोगों की नौकरियां चली गई. फैक्ट्री मालिक कर्ज में डूब गए लेकिन सरकार ने एक बार भी अपनी नीतियों की समीक्षा नहीं की. उल्टे सरकार उत्सव मना रही है. उन्होंने कहा है कि इस परिस्थिति का जिम्मेवार डबल इंजन की सरकार है. सरकार की सोची-समझी साजिश के तहत राज्य को कार्पोरेट घरानों के हाथों में सौंपा जा रहा है.

रांची: झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में कैंडल लाइट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिजली की चरमराई व्यवस्था की वजह से राज्य भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है. एक तरफ किसान मौसम की मार से फसल की बर्बादी झेल रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार के उदासीन और गलत नीतियों की वजह से राज्य में हाहाकार की स्थिति हो गई है.

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उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर चल रहा है और 12,000 कर्मचारियों को बैठाने की तैयारी की जा रही है. हजारों लोगों की नौकरियां चली गई है, जो दुखद पहलू है. इस कारण लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. राज्य की लगभग 60 कंपनियां तक बंद हो चुकी है. जिसमें लगभग 40,000 के ऊपर कर्मचारी कार्यरत थे. वे सब सड़क पर आ गए हैं और बेरोजगार हुए कर्मचारियों के परिवार के लाखों लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. हिंडाल्को में 13 अप्रैल को भी एक भयावह दुर्घटना हुई. वहां से भी 6,000 कर्मचारियों को निकाल देने का काम किया गया. पूरे राज्य में प्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख लोग जबरन बेरोजगार बना दिए गए क्योंकि बिजली दर के बेतहाशा वृद्धि की वजह से प्रोडक्शन ठप करना पड़ा और लोगों की नौकरियां चली गई. फैक्ट्री मालिक कर्ज में डूब गए लेकिन सरकार ने एक बार भी अपनी नीतियों की समीक्षा नहीं की. उल्टे सरकार उत्सव मना रही है. उन्होंने कहा है कि इस परिस्थिति का जिम्मेवार डबल इंजन की सरकार है. सरकार की सोची-समझी साजिश के तहत राज्य को कार्पोरेट घरानों के हाथों में सौंपा जा रहा है.

Intro:रांची. झारखंड में चरमराई बिजली व्यवस्था के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वर्तमान रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा है।जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कमर्शियल बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि को वापस लेने समेत बेरोजगार हुए हजारों लोगों के पुनर बहाली की मांग की है।Body:झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अनोखे अंदाज में कैंडल लाइट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिजली की चरमराई व्यवस्था की वजह से राज्य भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ मौसम की मार से फसल की बर्बादी किसान झेल रहे हैं।तो दूसरी तरफ राज्य सरकार के उदासीन और गलत नीतियों की वजह से राज्य में हाहाकार की स्थिति है। टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर चल रहा है और 12000 कर्मचारियों को बैठाने की तैयारी की जा रही है। हजारों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। जो दुखद पहलू है। लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। राज्य की लगभग 60 कंपनियां बंद हो चुकी है। जिसमें लगभग 40,000 के ऊपर कर्मचारी कार्यरत थे। जो अब सड़क पर आ गए हैं और बेरोजगार हुए कर्मचारियों के परिवार के लाखों लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं ।Conclusion:उन्होंने कहा कि हिंडाल्को में 13 अप्रैल को भयावह दुर्घटना हुई। वहां से भी 6000 कर्मचारियों को निकाल देने का काम किया गया।पूरे राज्य में प्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख लोग जबरन बेरोजगार बना दिए गए।क्योंकि बिजली दर के बेतहाशा वृद्धि की वजह से प्रोडक्शन ठप करना पड़ा और लोगों की नौकरियां चली गई। फैक्ट्री मालिक कर्ज में डूब गए और सरकार यहां आनंद उत्सव मना रही है। उन्होंने कहा है कि इस परिस्थिति का जिम्मेवार डबल इंजन की सरकार है। सरकार की सोची-समझी साजिश के तहत राज्य को कारपोरेट घरानों के हाथों में सौंपा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि राजधानी की सड़कें गंदगी से भरी हुई है। इसका जवाब सरकार से जनता मांग रही है।
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