रांचीः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के एक बयान ने राज्य में राजनीतिक पारा को फिर से गरमा दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने नाम लिए बगैर राज्यपाल और केंद्र की भाजपा सरकार को खुली चुनौती दे दी (JMM reaction over Jharkhand Governor statement) है कि वह राज्य में एटम बम फोड़ कर दिखाएं.
इसे भी पढ़ें- झारखंड में फट सकता है एक आध एटम बम, सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर बोले राज्यपाल
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने छतीसगढ़ में झारखंड के राज्यपाल के बयान पर कहा कि वह किसके हुक्म का इंतजार कर रहे हैं, एटम बम फोड़ कर दिखाएं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह झारखंड की धरती है और अगर यहां एक जनप्रिय आदिवासी के मुख्यमंत्री बेटे के साथ कुछ भी अन्याय हुआ तो उलगुलान होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि ऐसा पहली बार सुना गया है कि जिस निर्वाचन आयोग ने अपना मंतव्य राज्यपाल को भेजा है दोबारा सेकंड ओपिनियन के लिए उनके पास ही राज्यपाल फाइल लौटा रहे हैं. दरअसल राज्यपाल अपने आलकमान यानी केंद्र और भाजपा के नेताओं से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
एटम बम फटा तो उसकी ध्वनि की प्रतिध्वनि भी सुनाई देगीः झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यपाल को इशारों इशारों में खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल एटम बम फूटने की बात कहते हैं तो वह ऐसा कर क्यों नहीं रहे हैं. उन्हें यह जान लेना चाहिए कि यह धरती बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, चांद भैरव, नीलांबर-पीतांबर की धरती है. यहां के लोग अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते, ऐसे में अगर एटम बम फूटा तो उससे निकली ध्वनि का प्रतिध्वनि भी जरूर सुनाई देगी. झामुमो नेता मनोज पांडेय ने कहा कि अगर आदिवासी के बेटे के साथ अन्याय हुआ तो झारखंड में उलगुलान होगा.
कांग्रेस की प्रतिक्रियाः राज्यपाल रमेश बैस के छत्तीसगढ़ में दिए बयान 'राज्य में एकाध एटम बम फूट ही सकता है' पर झारखंड कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. रांची में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि वो राज्य के महामहिम हैं और वह कोई भी बम छोड़ सकते हैं. लेकिन राज्य को अस्थिरता के माहौल से उबरना भी राज्यपाल का कर्तव्य है. ऐसे में अगर उन्हें ऐसा लगता है कि एटम बम फोड़ने से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता दूर होगी तो वह ऐसा कर के भी देख लें. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में महागठबंधन की सरकार में विकास की गति तेज है और उसे रोकने की कोशिश को राज्य की जनता बर्दश्त नहीं करेगी.
कब-कब और क्या-क्या था राज्यपाल रमेश बैस का बयानः झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर चल रहे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई के बाद अपना मंतव्य अगस्त महीने में ही राज्यपाल को भेज दिया था. राजनीतिक झंझावतों के बीच तबसे अब तक राज्यपाल ने तीन बयान दिए जो सुर्खियों में (Jharkhand Governor statement on Office of Profit) रही. सबसे पहले राज्यपाल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग से जो पत्र आया है वह इतना चिपका हुआ है कि खुल ही नहीं रहा. इसके बाद फिर उन्होंने बयान दिया कि यह राज्यपाल का स्वविवेक की बात है कि वह कब लिफाफा खोलें और अब हालिया राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में पटाखा बैन है, राज्य में एकाध एटम बम फूट ही सकता है. राज्यपाल के इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति अचानक गरमा गयी है.