रांची: बिहार विधानसभा चुनाव करीब आते ही झारखंड में भी चुनावी हलचल तेज हो गई है. इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमाएगा. इसे लेकर जेएमएम ने बुधवार को बिहार कमेटी के नेताओं के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम महागठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा.
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस प्रकार झारखंड में हमने राष्ट्रीय जनता दल के साथ समझौता करते हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में सम्मान दिया है उसी प्रकार राष्ट्रीय जनता दल भी बिहार विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा को सम्मान देगा. उन्होंने आगे कहा कि इसे लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से भी लगातार बातचीत जारी है और उन्होंने भी अपनी ओर से आश्वस्त किया है कि जेएमएम को सम्मान के साथ महागठबंधन में स्थान दिया जाएगा.
जुलाई के अंत तक स्पष्ट होगी चीजें
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जुलाई महीने के अंत तक सभी चीजें स्पष्ट हो जाएगी उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, पार्टी के सांसद, विधायक, मंत्री व सभी वरिष्ठ नेता बिहार की ओर शिफ्ट कर जाएंगे और चुनाव के प्रचार में जोर-शोर से लग जाएंगे.
मजदूरों के प्रति राज्य सरकार की जिम्मेदार
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य लाने के बाद राज्य सरकार ने अपने अल्प संसाधनों में कई तरह के योजनाओं की शुभारंभ कर रोजगार देने का काम किया है. जबकि अन्य राज्य सिर्फ मनरेगा के तहत ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार दे पा रहे हैं. उन्होंने सरकार की तरफ से क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार बनने के मात्र 6 महीने बाद से ही राज्य सरकार ने निलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत कर बाहर से आए मजदूरों को रोजगार देने का काम किया है. उन्होंने राज्य सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बाहर से आए मजदूरों को रोजगार देने के लिए झारखंड पहला ऐसा राज्य है जहां एमओयू के साथ मजदूरों को काम करने के लिए बाहर भेजा गया, जो मजदूरों के प्रति राज्य सरकार की जिम्मेदारियों को दर्शाता है.
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पीएम मोदी पर कसा तंज
वहीं सुप्रियो भट्टाचार्य ने 30 जून को प्रधानमंत्री द्वारा किए गए पीएम गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ाने की घोषणा पर तंज कसते हुए हुए कहा कि प्रधानमंत्री योजना की कम और त्योहारों की अत्यधिक चर्चा कर रहे थे. जिससे साफ प्रतीत होता है कि उन्हें गरीबों की चिंता से ज्यादा बिहार विधानसभा चुनाव की चिंता सता रही है. बता दें कि इस साल के अंत तक बिहार विधानसभा का चुनाव होना है ऐसे में बिहार विधान सभा चुनाव की हलचल झारखंड में भी देखी जा रही है. इसी को लेकर झारखंड में राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है.