रांचीः जेएमएम ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस (JMM PC in Office) की. इस दौरान राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. साथ ही चुनाव आयोग की सिफारिश से पर्दा उठाने की अपील की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपील की कि राज्यपाल रमेश बैस खुद को पत्थर खदान आवंटित करने के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश से पर्दा उठाकर भ्रम की स्थिति को दूर करें.
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जेएमएम की पीसी में जेएमएम केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस 6 दिन के लंबे दिल्ली प्रवास से लौटे हैं, मैं उनका स्वागत करता हूं. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सुना है कि राज्यपाल ने अपने स्वास्थ्य का चेकअप कराया है. वह स्वस्थ रहें, इसकी भी कामना करता हूं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पीसी में कहा कि झारखंड का स्वास्थ्य भी लोकतांत्रिक तरीके से सुधरे, इसका भी प्रयास होना चाहिए. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग की सिफारिश को लेकर 01 सितंबर को राजभवन जाकर असमंजस दूर करने की गुहार लगाई थी. इस दौरान राज्यपाल ने उस समय दो दिन में अपने मंतव्य से निर्वाचन आयोग को अवगत कराने का भरोसदा दिलाया था, परंतु दूसरे दिन दिल्ली चले गए.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहाकि आज सातवां दिन है. लेकिन यह बातें स्पष्ट नहीं हो पाईं हैं कि निर्वाचन आयोग के लिफाफे में क्या है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरह की भ्रम की स्थिति राज्य में बनाई गई और परसेप्शन का खेल खेला जा रहा है, उसको दूर करने के लिए UPA की सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर यह बताने का प्रयास किया कि निलंबित विधायकों को मिलाकर 51 विधायकों का समर्थन सरकार को है, लेकिन अब इस मामले में देरी ठीक नहीं है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा लगातार राज्य में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह के मामले को लटकाना ठीक नहीं है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि निर्वाचन आयोग की अनुशंसा चाहे अच्छी हो या बुरी, काली हो या उजली ,उसे सार्वजनिक कर देना चाहिए.
क्या है मामलाः भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल में स्टोन खनन पट्टा लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यपाल और भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी. निर्वाचन आयोग ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला माना था. इस मामले में सुनवाई के बाद राजभवन को उनके मंतव्य के लिए निर्वाचन आयोग से 25 अगस्त को पत्र दिया गया है, जिस पर अभी तक राज्यपाल ने अपना मंतव्य नहीं दिया है.
इसको लेकर 11 सितम्बर को UPA के 11 सदस्यीय दल ने राजभवन जाकर जल्द अपना मंतव्य देकर राजनीतिक असमंजस की स्थिति को समाप्त करने का आग्रह किया था, झामुमो नेताओं के अनुसार राज्यपाल ने दो दिनों में अपने मंतव्य के साथ पत्र निर्वाचन आयोग भेज देने का भरोसा दिलाया था पर आज छह दिन बाद भी राजभवन से निर्वाचन आयोग को पत्र नहीं भेजा गया है, जिससे झामुमो के नेता नाराज हैं.