रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आज एक विशेष संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड दौरे पर आयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विशेष स्वागत किया. इस मौके पर झामुमो नेता और सोरेन परिवार के बेहद करीबी सुप्रियो भट्टाचार्या ने झारखंड के राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू के छह साल से अधिक दिनों के कार्यकाल को याद किया. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू झारखंड में सिर्फ राज्यपाल भर नहीं थीं, उन्होंने राज्यवासियों के साथ जो प्रगाढ़ रिश्ता बनाया था, वह मौसी, बुआ, दादी, नानी का था. उन्होंने एक अपनत्व और प्रेम का रिश्ता बनाया था, हर कोई उनमें मौसी, दादी और नानी का रूप देखता था.
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झामुमो नेता ने कहा कि CNT को कमजोर करने की जब तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कोशिश की तो राज्यपाल के रूप में वह मजबूत इरादे के साथ ढाल बनकर बीच में आ गयी थीं. आज भी झारखंड के लोग और खास कर जनजातीय समाज उनको याद करता है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2015-16 में बांग्ला महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उन्होंने बंगाल के साथ बिहार, झारखंड और ओडिशा का रिश्ता जोड़कर उन्होंने जो बातें कही थी, वह आज भी प्रेरणादायक है.
26 मई को राष्ट्रपति से मुलाकात करने का कोई कार्यक्रम नहीं- झामुमो: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 मई की सुबह का वक्त झारखंड के बुद्धिजीवियों और गणमान्य लोगों से मुलाकात भी रखा है, ऐसे में क्या झामुमो का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने जाएगा? इस सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्या ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के उस बयान का जिक्र किया. जिसमें उन्होने कहा था कि राष्ट्रपति से मुलाकात का शेड्यूल PMO तय करता है. ये बात कहकर उन्होंने इशारा कर दिया कि राष्ट्रपति से मुलाकात का पार्टी का कोई कार्यक्रम नहीं है. गौरतलब हो कि झामुमो सरना धर्म कोड सहित कई मुद्दों पर पूर्व में राष्ट्रपति से मुलाकात की बात कहता रहा है.