रांची: झारखंड से जेएमएम ने महुआ माजी को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह घोषणा की है. महुआ माजी जेएमएम की ओर राज्यसभा में पहली महिला सदस्य होंगी. मंगलवार को महुआ माजी नामांकन करेंगी.
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महुआ माजी जेएमएम महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी है. इन्हें सोरेन परिवार का बेहत करीबी माना जाता है. महुआ माजी राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय रहती हैं. उन्होंने साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में रांची सीट से चुनाव लड़ा था. दोनों बार बीजेपी के सीपी सिंह से उन्हें हार मुंह देखना पड़ा था. महुआ माजी झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
साहित्यकार से नेता बनी महुआ माजी: 10 दिसंबर 1964 को जन्मी महुआ मांझी ने रांची विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. वह नेता होने के साथ-साथ साहित्यकार भी हैं. महुआ माजी एक साहित्यकार भी हैं. उन्होंने कई कहानियां और उपन्यास लिखा है. जिनमें से झारखंडी बाबा, ताश का घर, रोल मॉडल, मोईन की मौत, जमीन और शितारे जैसी कहानियां काफी पसंद की गई थी. महुआ माजी का उपन्यास 'मैं बोरिशाइल्ला' को भी काफी सराहा गया था. उनका ये उपन्यास बांग्लादेश की मुक्ति गाथा पर केंद्रीत है. इस उपन्यास को विदेश के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी स्थान मिला है. महुआ मांजी प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल का पद भी संभाल चुकी है. 2010 में उन्हें झारखंड महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया था. महिला आयोग की अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद महुआ माजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की.
महुआ माजी की संपत्ति: 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा दिए गए हलफनामे के मुताबिक महुआ माजी के पास एक करोड़ 22 लाख 36 हजार 101 रुपए की चल संपत्ति थी, वहीं उनके पति के नाम 25 लाख 67 हजार 863 रुपए की चल संपति थी. 2019 में महुआ माजी के पास 22 लाख 43 हजार 356 रुपए की अचल संपत्ति थी वहीं उनके पति के पास मात्र 33, 454 रुपए की अचल संपत्ति थी.