रांची: बोकारो के कसमार प्रखंड के सेवाती घाटी में झारखंड वाले हिस्से पर बंगाल सरकार दावेदारी कर रही है. सरकार ने इस स्थान पर बोर्ड लगा दिया है. झारखंड में इसका विरोध हो रहा है. राजनीतिक दलों ने झारखंड सरकार से इसे गंभीरता से लेते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से इस संदर्भ में तत्काल बातचीत कर सीमा विवाद को निपटाने की सलाह दी है.
महुआ माजी, सीएम करेंगी बात: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे गंभीर विषय मानते हुए कहा है कि बंगाल सरकार से इस संदर्भ में राज्य सरकार जरूर बात करेगी. राज्यसभा सांसद और झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता महुआ माजी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि वह इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से बात करेंगी. राज्य सरकार को बंगाल सरकार से बातचीत कर समाधान का रास्ता ढूंढने का प्रयास करना चाहिए. मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वे खुद पहल करेंगी.
बीजेपी ने क्या कहा: इधर प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मामले में आपत्ति जताई है. कहा है कि झारखंड सरकार को इस संदर्भ में बंगाल सरकार से तत्काल बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच अंतरराज्यीय विवाद बढ़ने से पहले झारखंड सरकार को इसमें पहल करना चाहिए.
झारखंड और बंगाल में बढ़ा विवाद: सेवाती घाटी के झारखंड वाले हिस्से को बंगाल सरकार के द्वारा अपना बताए जाने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल में सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है. इससे पहले मसानजोर डैम को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद है. बंगाल फॉरेस्ट के द्वारा पुरुलिया वन प्रमंडल के झालिदा रेंज द्वारा सेवाती घाटी में बोर्ड लगाकर यह लिखा गया है कि यह भूमि वन विभाग बंगाल की है और इसमें किसी प्रकार का अतिक्रमण गैरकानूनी है. इसका उल्लंघन करने पर इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 के तहत जेल या सजा अथवा दोनों हो सकती है. सेवाती घाटी कसमार प्रखंड की मुरहूलसुदी पंचायत के जुमरा गांव के समीप है. यह घाटी झारखंड सरकार की पर्यटन सूची में शामिल है. इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है.