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JMM MLA Protest: हेमंत ना मेरी सुनते हैं ना गुरूजी की, अनोखे अंदाज में सदन पहुंचे लोबिन हेम्ब्रम

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Published : Feb 28, 2023, 12:09 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 1:20 PM IST

जेएमएम के विधायक मंगलवार को एक अलग ही अंदाज में दिखे. अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर काम नहीं होगा तो विरोध करेंगे ही.

Protest of JMM MLA Lobin Hembram
Protest of JMM MLA Lobin Hembram
जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम

रांची: स्थानीय नीति को लेकर अपनी ही सरकार का पोल हमेशा खोलने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम बजट सत्र के दूसरे दिन अनोखे अंदाज में विधानसभा परिसर पहुंचे. हरे परिधान में सजे लोबिन हेंब्रम के कंधे पर बांघी में सजा दो घड़ा सरकार के विरुद्ध उलगुलान का संदेश दे रहा था. इस दौरान मीडिया के सुर्खियों में बने लोबिन हेंब्रम ने सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा.

ये भी पढ़ें- Budget Session: झारखंड विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा

उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ झारखंड का गठन हुआ उसे पूरा करने में आज तक किसी सरकार ने रुचि नहीं दिखाई. आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण राज्य में एसपीटी और सीएनटी एक्ट का प्रावधान है. मगर सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं कर पा रही है. इसी तरह से उन्होंने स्थानीय नीति नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गुरुजी के सपना को पूरा नहीं किया जा रहा है. ऐसे में भले ही हमारी ही सरकार क्यों ना हो हम विरोध जरूर दर्ज कराते रहेंगे और इसी के तहत हमने सोचा कि विधानसभा सत्र के दौरान इस माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया जाए.

अपनी सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं लोबिन हेम्ब्रम: साहिबगंज जिला के बोरिओ विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक सह झारखंड बचाओ मोर्चा के सुप्रीमो लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोलते रहे हैं. 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर आवाज बुलंद करने वाले लोबिन हेंब्रम के समय-समय पर आ रहे बयान से झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर कई बार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बातें उठती रही हैं मगर अब तक ऐसा नहीं हो सका है.

गुरुजी शिबू सोरेन को राजनीतिक गुरु मानने वाले लोबिन हेंब्रम का साफ मानना है कि जिस झारखंड को बनाने का गुरुजी ने सपना देखा था. वह आज 22 साल गुजर जाने के बावजूद भी संभव नहीं हो सका है. चाहे वह 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति हो या नियोजन नीति या सीएनटी एसपीटी एक्ट जैसे अन्य कानून जिसे कभी हाई कोर्ट रद्द करती है तो कभी राज्यपाल सरकार को वापस लौटा देती है. आज राज्य के युवा बेरोजगार बैठे हैं और उनमें घोर निराशा है उनके साथ खिलवाड़ हो रहा है. ऐसे में सरकार यदि इस पर पहल नहीं करती है तो घर से ही आवाज बुलंद करना मजबूरी हो जाता है.

जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम

रांची: स्थानीय नीति को लेकर अपनी ही सरकार का पोल हमेशा खोलने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम बजट सत्र के दूसरे दिन अनोखे अंदाज में विधानसभा परिसर पहुंचे. हरे परिधान में सजे लोबिन हेंब्रम के कंधे पर बांघी में सजा दो घड़ा सरकार के विरुद्ध उलगुलान का संदेश दे रहा था. इस दौरान मीडिया के सुर्खियों में बने लोबिन हेंब्रम ने सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा.

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उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ झारखंड का गठन हुआ उसे पूरा करने में आज तक किसी सरकार ने रुचि नहीं दिखाई. आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण राज्य में एसपीटी और सीएनटी एक्ट का प्रावधान है. मगर सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं कर पा रही है. इसी तरह से उन्होंने स्थानीय नीति नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गुरुजी के सपना को पूरा नहीं किया जा रहा है. ऐसे में भले ही हमारी ही सरकार क्यों ना हो हम विरोध जरूर दर्ज कराते रहेंगे और इसी के तहत हमने सोचा कि विधानसभा सत्र के दौरान इस माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया जाए.

अपनी सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं लोबिन हेम्ब्रम: साहिबगंज जिला के बोरिओ विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक सह झारखंड बचाओ मोर्चा के सुप्रीमो लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोलते रहे हैं. 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर आवाज बुलंद करने वाले लोबिन हेंब्रम के समय-समय पर आ रहे बयान से झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर कई बार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बातें उठती रही हैं मगर अब तक ऐसा नहीं हो सका है.

गुरुजी शिबू सोरेन को राजनीतिक गुरु मानने वाले लोबिन हेंब्रम का साफ मानना है कि जिस झारखंड को बनाने का गुरुजी ने सपना देखा था. वह आज 22 साल गुजर जाने के बावजूद भी संभव नहीं हो सका है. चाहे वह 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति हो या नियोजन नीति या सीएनटी एसपीटी एक्ट जैसे अन्य कानून जिसे कभी हाई कोर्ट रद्द करती है तो कभी राज्यपाल सरकार को वापस लौटा देती है. आज राज्य के युवा बेरोजगार बैठे हैं और उनमें घोर निराशा है उनके साथ खिलवाड़ हो रहा है. ऐसे में सरकार यदि इस पर पहल नहीं करती है तो घर से ही आवाज बुलंद करना मजबूरी हो जाता है.

Last Updated : Feb 28, 2023, 1:20 PM IST
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