स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने शोक संदेश में लिखा है कि झारखंड के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री साइमन मरांडी के निधन से मन विचलित है. झारखंड ने आज अपना लाल खो दिया है. उनसे आत्मीय संबंध था. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. शुभचिंतकों को दुख सहने का साहस दे.
पूर्व मंत्री साइमन मरांडी का कोलकाता में निधन, सीएम हेमंत ने जताया दुख - पूर्व मंत्री साइमन मरांडी का निधन
09:21 April 13
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जताया दुख
09:11 April 13
सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साइमन मरांडी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है. झारखंड के संघर्ष में उनका विशेष योगदान रहा है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे साथ ही परिवार और कार्यकर्ताओं को दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति दे.
08:51 April 13
नहीं रहे साइमन मरांडी
पाकुड़: झारखंड मुक्ति मोर्चा के फाउंडर मेंबर साइमन मरांडी का निधन हो गया. कोलकाता के आरएन टाइगर अस्पताल में बीते रात उनका निधन हुआ. वो बीते एक महीने से कोलकाता में इलाज करा रहे थे. ह्रदय रोग के अलावा कई गंभीर रोग से ग्रसित साइमन मरांडी के साथ इलाज के दौरान उनके विधायक बेटे दिनेश विलियम मरांडी सहित उनका परिवार कोलकाता में ही उनकी देखभाल कर रहे थे.
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जेएमएम के फाउंडर मेंबर थे साइमन
साइमन दो बार राजमहल क्षेत्र के सांसद, पांच बार विधायक और झारखंड राज्य के मंत्री भी रहे. इनके व्यवहार और अपनापन के कारण क्षेत्र के लोग इन्हें दादा के नाम से ज्यादा पुकारते थे. इन्होंने पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर यानी पूरे संथाल परगना में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जमीन मजबूत करने नये लोगों को पार्टी में लाकर संगठन को मजबूत करने में अपनी सूझबूझ दिखाते हुए पूरी ताकत लगायी थी. जिसका लाभ भी झामुमो को मिला.
बुधवार को होगा अंतिम संस्कार
गुरुजी को संथाल की जमीन में दिशोम गुरु बनाने वालों में एक नाम साइमन मरांडी तो दूसरा नाम सूरज मंडल का आता है. साइमन मरांडी के निधन की सूचना से पूरे जिले के झामुमो कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेस, भाजपा, जदयू, आजसू कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मरांडी के निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. परिजनों ने बताया कि 14 अप्रैल यानी बुधवार को लिट्टीपाड़ा प्रखंड के ताल पहाड़ी डुमरिया स्थित उनके पैतृक आवास के उन्हें निकट दफनाया जाएगा.
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1977 में पहली बार विधायक बने साइमन मरांडी
साइमन मरांडी दो बार जेएमएम के टिकट पर राजमहल लोकसभा से चुनाव लड़े और दोनों बार जीत दर्ज की. वह पांच बार लिट्टीपाड़ा से विधायक भी चुने गए थे और झारखंड सरकार में मंत्री भी थे. क्षेत्र के लोग उन्हें दादा के नाम से पुकारते थे. साइमन मरांडी ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत की थी. 1977 में वो पहली बार विधायक बने. साल 1977, 1980, 1985, 2009 और 2017 में साइमन मरांडी विधायक बने. उन्होंने पाकुड, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा देवघर में जेएमएम की जमीन मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी.
09:21 April 13
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जताया दुख
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने शोक संदेश में लिखा है कि झारखंड के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री साइमन मरांडी के निधन से मन विचलित है. झारखंड ने आज अपना लाल खो दिया है. उनसे आत्मीय संबंध था. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. शुभचिंतकों को दुख सहने का साहस दे.
09:11 April 13
सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साइमन मरांडी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है. झारखंड के संघर्ष में उनका विशेष योगदान रहा है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे साथ ही परिवार और कार्यकर्ताओं को दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति दे.
08:51 April 13
नहीं रहे साइमन मरांडी
पाकुड़: झारखंड मुक्ति मोर्चा के फाउंडर मेंबर साइमन मरांडी का निधन हो गया. कोलकाता के आरएन टाइगर अस्पताल में बीते रात उनका निधन हुआ. वो बीते एक महीने से कोलकाता में इलाज करा रहे थे. ह्रदय रोग के अलावा कई गंभीर रोग से ग्रसित साइमन मरांडी के साथ इलाज के दौरान उनके विधायक बेटे दिनेश विलियम मरांडी सहित उनका परिवार कोलकाता में ही उनकी देखभाल कर रहे थे.
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जेएमएम के फाउंडर मेंबर थे साइमन
साइमन दो बार राजमहल क्षेत्र के सांसद, पांच बार विधायक और झारखंड राज्य के मंत्री भी रहे. इनके व्यवहार और अपनापन के कारण क्षेत्र के लोग इन्हें दादा के नाम से ज्यादा पुकारते थे. इन्होंने पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर यानी पूरे संथाल परगना में झारखंड मुक्ति मोर्चा की जमीन मजबूत करने नये लोगों को पार्टी में लाकर संगठन को मजबूत करने में अपनी सूझबूझ दिखाते हुए पूरी ताकत लगायी थी. जिसका लाभ भी झामुमो को मिला.
बुधवार को होगा अंतिम संस्कार
गुरुजी को संथाल की जमीन में दिशोम गुरु बनाने वालों में एक नाम साइमन मरांडी तो दूसरा नाम सूरज मंडल का आता है. साइमन मरांडी के निधन की सूचना से पूरे जिले के झामुमो कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेस, भाजपा, जदयू, आजसू कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मरांडी के निधन को प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. परिजनों ने बताया कि 14 अप्रैल यानी बुधवार को लिट्टीपाड़ा प्रखंड के ताल पहाड़ी डुमरिया स्थित उनके पैतृक आवास के उन्हें निकट दफनाया जाएगा.
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1977 में पहली बार विधायक बने साइमन मरांडी
साइमन मरांडी दो बार जेएमएम के टिकट पर राजमहल लोकसभा से चुनाव लड़े और दोनों बार जीत दर्ज की. वह पांच बार लिट्टीपाड़ा से विधायक भी चुने गए थे और झारखंड सरकार में मंत्री भी थे. क्षेत्र के लोग उन्हें दादा के नाम से पुकारते थे. साइमन मरांडी ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत की थी. 1977 में वो पहली बार विधायक बने. साल 1977, 1980, 1985, 2009 और 2017 में साइमन मरांडी विधायक बने. उन्होंने पाकुड, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा देवघर में जेएमएम की जमीन मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी.