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न्यायालय के डर से निशिकांत दुबे दे रहे अनर्गल बयान, झारखंड में उनका खेल हो चुका है खत्म: झामुमो - रांची में निशिकांत दुबे के बयान पर जेएमएम का पलटवार

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में झारखंड में बढ़ रहे अपराध का मुद्दा उठाया था, जिस पर झामुमो की कड़ी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने जमकर हमला बोला है.

JMM hit back at Nishikant Dubey statement in Ranchi
न्यायालय के डर से निशिकांत दुबे दे रहे अनर्गल बयान
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Published : Feb 5, 2021, 7:30 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 7:48 PM IST

रांची: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा सदन में शून्यकाल के दौरान झारखंड में बलात्कार, साइबर अपराध और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया था और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. इसे लेकर झामुमो की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने निशिकांत दुबे पर जमकर हमला बोला है.

सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान
झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांगलोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड में बलात्कार, साइबर अपराध और धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले 1 साल में चार हजार बलात्कार की घटनाएं हुई है, साथ ही राज्य के कई इलाकों में धर्मांतरन चल रहा है. साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो चिंताजनक है. इसलिए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.

ये भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीनेशनः चतरा डीसी और एसपी ने लिया टीका

मानहानी का मुकदमा दायर

इसे लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि निशिकांत दुबे का सारा खेल धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. फर्जी जमीन, फर्जी तरीके से पैसा कमाना, लोगों को प्रताड़ित करना सारी चीजें सामने आ रही है. अब कोर्ट जल्द ही उन पर निर्णय लेने वाला है. इसीलिए लगता है उसी डर से निशिकांत दुबे ने ऐसी बातें कही है. मुख्यमंत्री कोई व्यक्ति नहीं होता है, प्रधानमंत्री कोई व्यक्ति नहीं होता है, बल्कि एक संस्थान होते हैं. आप उस पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है. इसी प्रकार के आरोपों के कारण झारखंड में उन पर मानहानी का मुकदमा दायर है.

रांची: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को लोकसभा सदन में शून्यकाल के दौरान झारखंड में बलात्कार, साइबर अपराध और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया था और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. इसे लेकर झामुमो की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने निशिकांत दुबे पर जमकर हमला बोला है.

सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान
झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांगलोकसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड में बलात्कार, साइबर अपराध और धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले 1 साल में चार हजार बलात्कार की घटनाएं हुई है, साथ ही राज्य के कई इलाकों में धर्मांतरन चल रहा है. साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो चिंताजनक है. इसलिए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.

ये भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीनेशनः चतरा डीसी और एसपी ने लिया टीका

मानहानी का मुकदमा दायर

इसे लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि निशिकांत दुबे का सारा खेल धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. फर्जी जमीन, फर्जी तरीके से पैसा कमाना, लोगों को प्रताड़ित करना सारी चीजें सामने आ रही है. अब कोर्ट जल्द ही उन पर निर्णय लेने वाला है. इसीलिए लगता है उसी डर से निशिकांत दुबे ने ऐसी बातें कही है. मुख्यमंत्री कोई व्यक्ति नहीं होता है, प्रधानमंत्री कोई व्यक्ति नहीं होता है, बल्कि एक संस्थान होते हैं. आप उस पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है. इसी प्रकार के आरोपों के कारण झारखंड में उन पर मानहानी का मुकदमा दायर है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 7:48 PM IST
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