रांचीः झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का मामला विधानसभा न्यायाधिकरण में लंबित है. इस बीच झारखंड के सियासी गलियारे में प्रदेश भाजपा की बागडोर बाबूलाल मरांडी को सौंपे जाने के कयास लगाए जाने लगे हैं (Babulal Marandi As Jharkhand BJP President). ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस ने भाजपा और बाबूलाल मरांडी पर राजनीतिक कटाक्ष करना शुरू कर दिया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और सोरेन परिवार के बेहद करीबी सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल मरांडी को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने की अटकल पर कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी का यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को लाभ दिलाएगा तो कांग्रेस ने यह कहते हुए तंज कसा है कि राज्य की जनता का भरोसा बाबूलाल मरांडी ने खो दिया है. ऐसे में भाजपा चाहे उन्हें किसी पद पर बैठा दे, उसका कोई लाभ नहीं होने वाला है.
क्या है पूरा मामलाः बता दें कि आजकल राज्य की राजनीति में बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं और बाबूलाल मरांडी ने भी इसका खंडन नहीं किया है कि प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज्य की कमान दीपक प्रकाश की जगह बाबूलाल मरांडी को सौंपी जा सकती है. इस कयास के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि प्रदेश भाजपा की कमान बाबूलाल मरांडी को मिल जाए ताकि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का पूरी तरह सफाया राज्य की जनता कर दे.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा प्रदेश में खाता खोल ले तो वह अचीवमेंट होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही कई ऐसे ग्रुप हैं जो उनको पसंद नहीं करते. वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव और अनुभवी कांग्रेसी नेता जगदीश प्रसाद साहू ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को प्रदेश भाजपा का नेतृत्व सौंपने का कोई फायदा भारतीय जनता पार्टी को नहीं मिलेगा क्योंकि राज्य की जनता का विश्वास उन्होंने खो दिया है.
भाजपा का पलटवारः वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने बाबूलाल मरांडी को लेकर झामुमो और कांग्रेस के कटाक्ष पर कहा कि दरअसल उनकी टीका टिप्पणी यह बताती है कि कैसे वह बाबूलाल मरांडी के कुशल नेतृत्व क्षमता से वे सहमे हुए हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल 2024 के चुनाव में बाबूलाल मरांडी के रूप में सामने खड़ी चुनौती से घबराई कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता उनपर और भाजपा पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं.