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झामुमो ने गुजरात विधानसभा चुनाव में SC-ST की सीटों पर भाजपा की हार सुनिश्चित कराने का किया दावा, ECI पर भी साधा निशाना - रांची न्यूज

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख (Gujarat assembly elections 2022 Date) की घोषणा के बाद झामुमो ने ECI, भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है (JMM Attacked Modi government). झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमने जैसै कहा था वैसा ही हो रहा है. उन्होंने दावा किया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में SC-ST की सीटों पर भाजपा की हार सुनिश्चित करायेंगे.

JMM Attacked Modi government
JMM Attacked Modi government
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Published : Nov 3, 2022, 8:37 PM IST

रांची: भारत निर्वाचन आयोग ने 3 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख की घोषणा दो चरणों में की (Gujarat assembly elections 2022 Date). जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारत निर्वाचन आयोग, भारतीय जनता पार्टी और केंद्र से मोदी सरकार पर निशाना साधा है (JMM Attacked Modi government). झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहले से ही उन्होंने आशंका जताई थी कि पीएम मोदी का गुजरात दौरा समाप्त हो गया है और मोरबी घटना को लेकर शोक दिवस के बाद अब निर्वाचन आयोग चुनाव की तिथियों की घोषणा करेगा और ऐसा ही हुआ.

ये भी पढ़ें: इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया अब इलेक्शन चॉइस ऑफ इंडीविजुअल हो गया है: झामुमो


सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 'प्रधानमंत्री का पिछले 12 महीनों में 12 बार गुजरात जाना और अंतिम समय में लगातार तीन दिन गुजरात में रहने के बाद लगभग 1 महीने के अंतराल में गुजरात चुनाव का शेड्यूल जारी करना यह दर्शाता है कि भारत निर्वाचन आयोग का नाम ECI यानी इलेक्शन कन्वीनियंस इंडिविजुअल हो गया है (ECI as Election Choice of Individual). हिमाचल जैसे छोटे और हमारे जैसे सुदूरवर्ती इलाकों में पहाड़ों में जो मतदान करेंगे उनको लगभग 01 महीने तक का इंतजार करना होगा कि उनका प्रतिनिधि कौन है.'


झामुमो सुप्रीमो ने कहा कि 'गुजरात में विधानसभा की 182 सीट है. गुजरात में दो चरण में चुनाव हो रहा है, वहां भी 27 एसटी की सीट है और हमारे यहां भी 28 एसटी है, लेकिन हमलोग का चुनाव पांच चरणों में होता है और गुजरात का चुनाव दो चरणों में होता है. इस खेल को समझना पड़ेगा कि किस तरह से अब निर्वाचन को मैनिपुलेट और मैनेज किया जाता है. अब यह केवल संवैधानिक प्रक्रिया है, इसलिए उसको निभाना पड़ता है.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गुजरात में पिछले 5 सालों में दलितों और आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, वह सबके सामने हैं, सारी चीजें हम लोगों को याद है. यहां भी आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है. उसी तरह से गुजरात के दलितों आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि गुजरात की अनुसूचित जाति और जनजाति की कुल मिलाकर 40 विधानसभा सीटों पर कैसे भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा उजागर किया जाए. इसका पूरा खाका झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से लेकर फिजिकल सभा तक की योजना है ताकि गुजरात के आदिवासी और दलितों को यह बता सकें कि भाजपा और उनकी सरकार किस तरह से इनको प्रताड़ित करती है.

रांची: भारत निर्वाचन आयोग ने 3 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख की घोषणा दो चरणों में की (Gujarat assembly elections 2022 Date). जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारत निर्वाचन आयोग, भारतीय जनता पार्टी और केंद्र से मोदी सरकार पर निशाना साधा है (JMM Attacked Modi government). झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहले से ही उन्होंने आशंका जताई थी कि पीएम मोदी का गुजरात दौरा समाप्त हो गया है और मोरबी घटना को लेकर शोक दिवस के बाद अब निर्वाचन आयोग चुनाव की तिथियों की घोषणा करेगा और ऐसा ही हुआ.

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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 'प्रधानमंत्री का पिछले 12 महीनों में 12 बार गुजरात जाना और अंतिम समय में लगातार तीन दिन गुजरात में रहने के बाद लगभग 1 महीने के अंतराल में गुजरात चुनाव का शेड्यूल जारी करना यह दर्शाता है कि भारत निर्वाचन आयोग का नाम ECI यानी इलेक्शन कन्वीनियंस इंडिविजुअल हो गया है (ECI as Election Choice of Individual). हिमाचल जैसे छोटे और हमारे जैसे सुदूरवर्ती इलाकों में पहाड़ों में जो मतदान करेंगे उनको लगभग 01 महीने तक का इंतजार करना होगा कि उनका प्रतिनिधि कौन है.'


झामुमो सुप्रीमो ने कहा कि 'गुजरात में विधानसभा की 182 सीट है. गुजरात में दो चरण में चुनाव हो रहा है, वहां भी 27 एसटी की सीट है और हमारे यहां भी 28 एसटी है, लेकिन हमलोग का चुनाव पांच चरणों में होता है और गुजरात का चुनाव दो चरणों में होता है. इस खेल को समझना पड़ेगा कि किस तरह से अब निर्वाचन को मैनिपुलेट और मैनेज किया जाता है. अब यह केवल संवैधानिक प्रक्रिया है, इसलिए उसको निभाना पड़ता है.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गुजरात में पिछले 5 सालों में दलितों और आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, वह सबके सामने हैं, सारी चीजें हम लोगों को याद है. यहां भी आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है. उसी तरह से गुजरात के दलितों आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि गुजरात की अनुसूचित जाति और जनजाति की कुल मिलाकर 40 विधानसभा सीटों पर कैसे भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा उजागर किया जाए. इसका पूरा खाका झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से लेकर फिजिकल सभा तक की योजना है ताकि गुजरात के आदिवासी और दलितों को यह बता सकें कि भाजपा और उनकी सरकार किस तरह से इनको प्रताड़ित करती है.

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