रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से आदिवासी राष्ट्रपति को दूर रखने तथा देश की शान पहलवान बेटियों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को शर्मनाक घटना करार दिया है. साथ ही 28 मई के दिन को देश के लोकतंत्रिक इतिहास का काला दिन बताया है.
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हरमू स्थित झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में मीडिया से बातचीत के क्रम में केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि 28 मई का दिन देश के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा. क्योंकि इस दिन जहां एक जनजातीय महिला राष्ट्रपति का अपमान हुआ, वहीं मातृशक्ति की प्रतीक हमारी पदक वीर बेटियों पर भी पुलिसिया अत्याचार हुआ है.
'पीएम मोदी का वास्तविक चेहरा अधिनायक का है': झामुमो नेता ने कहा कि यह महज संजोग नहीं है कि 28 मई के दिन जहां एक आदिवासी समुदाय से आने वाली महिला राष्ट्रपति का अपमान किया गया, बल्कि देश के लिए मेडल जीतकर लाने वाली बेटियों पर संसद भवन से चंद किलोमीटर की दूरी पर डंडे लाठियों से पीटा गया. ये दिखाता है कि लोकतंत्र की दुहाई देने वाले पीएम मोदी का वास्तविक चेहरा अधिनायक का है.
सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहंकार और सिर्फ "मैं" वाली सोच की वजह से देश जब कोरोना महामारी से जूझ रहा था, दुनिया इस चिंता में थी कि कल पता नहीं क्या होगा, जिंदा रहेंगे या नहीं, इसकी भी उम्मीद लोगों ने छोड़ रखी थी. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलित समुदाय से आने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दरकिनार कर नए संसद भवन का शिलान्यास किया था और जब 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन होना था, तब फिर एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अहंकार में एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति को निमंत्रित तक नहीं किया.
'बलात्कार का आरोपी सांसद संसद में क्यों बैठा हुआ है?': झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि देश का नाम रोशन करने वाली हमारी रेसलर बेटियां क्या मांग कर रही थी? उनकी तो बस एक ही मांग थी कि बलात्कार का आरोपी सांसद संसद में क्यों बैठा हुआ है? कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद पर कई आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद प्रधानमंत्री कैसे उसे लोकतंत्र का पाठ और धर्म अधर्म की बातें संसद में बैठाकर बता सकते हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जिस रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति रहते शिलान्यास कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था, उन्हें उद्घाटन समारोह में बुलाया गया क्योंकि अब वह भूतपूर्व हो चुके थे और भूतपूर्व राष्ट्रपति का नाम लोकार्पण पट पर नहीं होता. लेकिन अगर वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति होती तो उनका नाम प्रधानमंत्री से ऊपर होता है और यह बात नरेंद्र मोदी को स्वीकार नहीं है.
झामुमो नेता ने कहा कि अब तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम को भी अपमानित किया जा रहा है और देश अधिनायकवाद की ओर बढ़ रहा है. जिस तरह से कल संविधान की रक्षक और देश की पहली महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन से दूर रखा गया, वह शर्मसार करने वाला है.