रांची: जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार (Central Government) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज देश काफी खराब स्थिति से गुजर रहा है, जहां सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग पूरे देश के लोगों को गुमराह करने में लगे हैं, वहीं ईवीएम हैक (EVM Hack) करने की कोशिश भी केंद्र सरकार कर चुकी है.
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देश के लोगों को किया जा रहा है गुमराह
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के लोगों को और अधिक भय में जीने को मजबूर किया जा रहा है, लोगों को अंधविश्वास में रखा गया है, संसद में जो बातें कही गई कि देश में आज तक कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है, यह सुनियोजित झूठ है, जो परमात्मा की शरण में हैं, उनको भी बीजेपी आहत कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीते जी लोगों को सांस नहीं लेने दे रही है और मरने के बाद भी अपमानित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है, झूठ बोलकर लोगों के भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है, देश के करोड़ों लोगों ने अपनों को खोया है.
केंद्र सरकार के कंट्रोल में कोविड सिस्टम
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि अप्रैल और मई में जब पश्चिम बंगाल का चुनाव चल रहा था, उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी दौरा कर रहे थे, पूरा कोविड का मैनेजमेंट केंद्र के हाथों में था, पिछले साल से पीएम केयर फंड, स्वास्थ्य विभाग का बजट सभी कुछ केंद्र सरकार के पास था, यहां तक कि दवाइयों के हिसाब का नियंत्रण भी केंद्र सरकार के पास ही था, लेकिन केंद्र सरकार ने लोगों को राहत नहीं पहुंचाया.
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सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि चोरी कीजिए, डकैती कीजिए, विदेश से लाइए, लेकिन ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए, एक समय देश भर में ऑक्सीजन की कमी के कारण हाहाकार मचा हुआ था और इसे छुपाने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है.
ईवीएम हैक की कोशिश
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरा देश परेशान है, उस दौरान केंद्र सरकार जासूसी करवा रही है, वह भी विदेशी सॉफ्टवेयर के जरिए, यह कितना सही है. उन्होंने कहा कि ईवीएम हैक करने का सौदा भी बीजेपी और चुनाव प्रबंधन समिति के लोग कर चुके हैं, दुबई के एक होटल में इजराइल के कंपनी के साथ ईवीएम हैक करने का करार हुआ था. उन्होंने कहा कि जब इस मामले पर अशोक बालसा ने सवाल उठाया था तो उनकी जासूसी हुई, उस दौरान उनके घर पर ईडी के छापा भी पड़ा था, चुनाव आयोग से उनको इस्तीफा देना पड़ गया था. उन्होंने कहा कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में भी जासूसी का प्रयोग किया गया, भारत सरकार जवाब देना चाहिए कि इजराइल से किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर भारत सरकार ने नहीं खरीदा है.