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प. बंगाल चुनाव में कांग्रेस से जुदा हुई झामुमो की राह, हेमंत करेंगे ममता के लिए प्रचार तो कांग्रेस बनेगी वाम की साथी - वित्त मंत्री रामेश्वर उरांंव

प. बंगाल चुनाव में झारखंड सरकार में साथी घटक दलों की राहें जुदा हो गईं हैं. यहां चुनाव में जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ममता दीदी की वापसी के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे तो झारखंड सरकार के प्रमुख घटक कांग्रेस ममता की राह मश्किल करने के लिए वाम मोर्चा का साथ देगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद ममता दीदी के लिए प्रचार का ऐलान किया है.

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प. बंगाल चुनाव में कांग्रेस से जुदा हुई झामुमो की राह
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Published : Mar 13, 2021, 8:17 AM IST

रांची: प. बंगाल चुनाव में झारखंड सरकार में साथी घटक दलों की राहें जुदा हो गईं हैं. यहां चुनाव में जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ममता दीदी की वापसी के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे तो झारखंड सरकार के प्रमुख घटक कांग्रेस ममता की राह मश्किल करने के लिए वाम मोर्चा का साथ देगी. इससे बंगाल में रोचक सियासी समीकरण तैयार होते नजर आएंगे.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-मीन संक्रांति 2021ः सूर्य के राशि परिवर्तन से चमकेगा भाग्य, करिए ये खास उपाय

प. बंगाल विधानसभा चुनाव ने झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए के घटक दलों को अलग राह पर चलने को मजबूर कर दिया है. कांग्रेस की ओर से वाम मोर्चा और आईएसएफ के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है. इसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो ने टीएमसी का साथ देने का निर्णय ले लिया है. इस तरह से यह स्पष्ट हो गया है कि बंगाल चुनाव 2021 में झारखंड के यूपीए गठबंधन के सत्तारूढ़ दल अलग अलग चुनाव प्रचार करते हुए दिखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद बंगाल चुनाव में ममता दीदी की वापसी के लिए वोट मांगते दिखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है.मख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए उन्होंने ममता दीदी का साथ दिया है और उन्हें फिर वापस लाने के लिए वे चुनाव प्रचार करेंगे.

झारखंड में नहीं पड़ेगा फैसले का असर

इधर झारखंड में गठबंधन पर इसका कोई असर पड़ने से इनकार करते हुए झामुमो नेता और सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा को बंगाल में रोकने के लिए ममता दीदी का साथ देना आवश्यक था. बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थी और 48 सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 92 सीट पर अपने प्रत्याशी उतार रही है. झारखंड का पड़ोसी राज्य होने के कारण कांग्रेस के कई नेता बंगाल चुनाव में प्रचार करते हुए दिखेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांंव ने कहा है कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ बंगाल चुनाव लड़ेगी और इसका कोई असर झारखंड में गठबंधन पर नहीं पड़ेगा.

यह है बंगाल चुनाव का कार्यक्रम
प. बंगाल में 294 सीट के लिए आठ चरणों में वोटिंग होगी. 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदान होगा. पहले चरण में 38 सीट पर वोटिंग होगी. दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होगा, इसके तहत 30 सीट पर लोग वोट डाले जाएंगे. तीसरे चरण की वोटिंग के लिए 6 अप्रैल का दिन तय किया गया है, जहां 31 सीट पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीट पर वोटिंग होगी. पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होगा, जहां 45 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा 22 अप्रैल को छठे चरण में 41 सीट, 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत 36 सीट तो वहीं आखिरी और आठवें चरण में 35 सीट पर वोटिंग होगी. नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.

रांची: प. बंगाल चुनाव में झारखंड सरकार में साथी घटक दलों की राहें जुदा हो गईं हैं. यहां चुनाव में जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ममता दीदी की वापसी के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे तो झारखंड सरकार के प्रमुख घटक कांग्रेस ममता की राह मश्किल करने के लिए वाम मोर्चा का साथ देगी. इससे बंगाल में रोचक सियासी समीकरण तैयार होते नजर आएंगे.

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प. बंगाल विधानसभा चुनाव ने झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए के घटक दलों को अलग राह पर चलने को मजबूर कर दिया है. कांग्रेस की ओर से वाम मोर्चा और आईएसएफ के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है. इसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो ने टीएमसी का साथ देने का निर्णय ले लिया है. इस तरह से यह स्पष्ट हो गया है कि बंगाल चुनाव 2021 में झारखंड के यूपीए गठबंधन के सत्तारूढ़ दल अलग अलग चुनाव प्रचार करते हुए दिखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद बंगाल चुनाव में ममता दीदी की वापसी के लिए वोट मांगते दिखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है.मख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए उन्होंने ममता दीदी का साथ दिया है और उन्हें फिर वापस लाने के लिए वे चुनाव प्रचार करेंगे.

झारखंड में नहीं पड़ेगा फैसले का असर

इधर झारखंड में गठबंधन पर इसका कोई असर पड़ने से इनकार करते हुए झामुमो नेता और सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा को बंगाल में रोकने के लिए ममता दीदी का साथ देना आवश्यक था. बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थी और 48 सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 92 सीट पर अपने प्रत्याशी उतार रही है. झारखंड का पड़ोसी राज्य होने के कारण कांग्रेस के कई नेता बंगाल चुनाव में प्रचार करते हुए दिखेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांंव ने कहा है कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ बंगाल चुनाव लड़ेगी और इसका कोई असर झारखंड में गठबंधन पर नहीं पड़ेगा.

यह है बंगाल चुनाव का कार्यक्रम
प. बंगाल में 294 सीट के लिए आठ चरणों में वोटिंग होगी. 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदान होगा. पहले चरण में 38 सीट पर वोटिंग होगी. दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होगा, इसके तहत 30 सीट पर लोग वोट डाले जाएंगे. तीसरे चरण की वोटिंग के लिए 6 अप्रैल का दिन तय किया गया है, जहां 31 सीट पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीट पर वोटिंग होगी. पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होगा, जहां 45 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा 22 अप्रैल को छठे चरण में 41 सीट, 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत 36 सीट तो वहीं आखिरी और आठवें चरण में 35 सीट पर वोटिंग होगी. नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.

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