रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण में महंगाई के मुद्दे पर दिए गए बयान के बाद सियासत शुरू हो गई है.भाजपा ने मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बहस करने की चुनौती दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कल तक भाजपा को महंगाई डायन लग रही थी और आज उसे भौजाई लग रही है.
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2023 सत्ता का सेमीफाइनल: मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति में नया मुद्दा उठ खड़ा हुआ है. 2024 के आने में भलें ही देरी हो मगर चुनाव की दृष्टि से साल 2023 को सेमिफाइनल के रुप में माना जा रहा है.इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित देश के 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. चुनावी इस माहौल को भांपते हुए नेताओं के बयान तेज होने लगे हैं. महंगाई के मुद्दे पर कल तक बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव केन्द्र की भाजपा सरकार को घेरते नजर आ रहे थे ठीक उसी राह पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी चल पड़े हैं.
खतियानी जोहार यात्रा: दूसरे चरण के लिए निकले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही दिन कोडरमा में महंगाई का मुद्दा जबरदस्ती रूप से उछाल कर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कल तक भाजपा को महंगाई डायन लग रही थी और आज उसे भौजाई लग रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस तरह का बयान आने का मतलब साफ है जिस चुनावी मुद्दे को लेकर भाजपा केंद्र की कांग्रेस के नेतृत्व में बनी यूपीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने में सफल हुई उसी मुद्दे के सहारे विपक्ष भाजपा को घेरने में जुट गई है.
महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री करायें खुली बहस: भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा महंगाई के मुद्दे पर दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री चाहे तो इस पर खुली बहस करा लें भारतीय जनता पार्टी का हरेक कार्यकर्ता इसके लिए तैयार है.पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री आंकड़े लेकर बैठें यूपीए के 10 वर्षों के कार्यकाल का और हमारा 8 वर्षों के कार्यकाल का.मुद्रास्फीति की दर उस समय क्या था और अभी का क्या है.
खाद्य सूचकांक की क्या स्थिति रही इन तमाम चीजों पर भारतीय जनता पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता भी डिबेट करने के लिए तैयार है. परिस्थितिजन्य कुछ चीजों के दाम जरूर बढे मगर सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप कर इस पर लगाम लगाने की कोशिश की. प्रदीप सिन्हा ने गेहूं और प्याज के मूल्यों में हुए वृद्धि की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इसके एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाकर मूल्य नियंत्रित करने का सराहनीय कदम उठाया. ऐसे में आरोप लगाना सहज है मगर यह हकीकत से कोई वास्ता नहीं रखता है.