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Vegetarian Meat of Jharkhand: झारखंड का 'शाकाहारी मटन' रुगड़ा, कीमत और फायदे जानकर उड़ जाएंगे होश

झारखंड में वेज मटन के नाम से प्रसिद्ध रुगड़ा के लोग दिवाने हैं. इसके खाने से स्वास्थ्य लाभ तो मिलता ही है. इसके साथ ही ये स्वादिष्ट भी होता है. खाने में इसका टेस्ट मटन से कम नहीं होता है. इसलीए लोग इसे शाकाहारी मटन भी कहते हैं.

Jharkhand News
झारखंडी मशरूम हाई प्रोटीन से भरपुर
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Published : Aug 16, 2023, 7:26 AM IST

Updated : Aug 16, 2023, 9:18 AM IST

देखें पूरी खबर

रांची: कई मान्यताओं के कारण कई लोग सावन में नॉवेज खाने से परहेज करते हैं. हालांकि इस दौरान इसकी कमी को पूरा करने के लिए कटहल खाना पसंद करते हैं. लेकिन झारखंड में रुगड़ा मशरूम (Rugda Mushroom) की बात ही अलग है. लोग इसके दीवाने हैं.

ये भी पढ़ें: परंपरागत खेती से अलग हटकर उगाया मशरूम, किसान की आय हुई दोगुनी

क्या होता है रुगड़ा: रुगड़ा जंगलों के बीच मिलने वाली सब्जी है, जो बारिश के मौसम में सखुआ के पेड़ के नीचे उगती है. झारखंडवासी इसे रुगड़ा मशरूम कहते है. यह बारिश के मौसम में ही होता है. वैज्ञानिक इसे एक फंगस के रूप में बताते हैं. जो सखुआ (साल) के पेड़ के नीचे बारिश के मौसम में अपने आप उग आते हैं.

1700 रुपये प्रति किलो से ज्यादा दाम: जंगल में रहने वाले ग्रामीण इसे चुनकर बाजार तक पहुंचाते हैं और बाजार में इसकी कीमत सात सौ से 1700 रुपये प्रति किलो तक होती है. झारखंड के स्थानीय लोग बताते हैं कि रुगड़ा खाने में नॉनवेज की तरह ही लगता है. इसके खाने में एक अलग ही मजा है. जब रांची के आसपास घने जंगल हुआ करते थे और साल के पेड़ों के समूह हुआ करते थे. यहीं पर बारिश के मौसम में ही पौधा उगता है. अब दिनों में जगह जंगल खत्म होने की वजह से अब घने जंगलों में ही यह पौधा लोगों को मिल पाता है.

रुगड़ा में पाए जाते हैं कई मिनरल्स: झारखंड के मशरूम रुगड़ा पर रिसर्च कर रहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शालिनी लाल बताती हैं कि इस पौधे में कार्बोहाइड्रेट, हाई प्रोटीन, विटामिन डी, आयरन, जिंक जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स प्रचूर मात्रा में मिलते हैं. उन्होंने बताया कि रुगड़ा झारखंड के अलावा प. बंगाल, छत्तीसगढ़ में भी पाया जाता है. वहीं अगर विदेश की बात करें तो थाईलैंड, वियतनाम, अफगानिस्तान और यूरोपीय देशों में भी इसे खूब पसंद किया जाता है.

कई बीमारियों में उपयोगी है रुगड़ा: प्रोफेसर शालिनी लाल ने बताया कि रुगड़ा से कई बीमारियों को भी नियंत्रण किया जा सकता है. जैसे हाई डायबिटीज से ग्रसित मरीज यदि रुगरा का सेवन करें तो उन्हें आराम मिलता है. प्रोफेसर शालिनी लाल ने बताया कि कैंसर की बीमारी के इलाज को लेकर भी वैज्ञानिक रुगड़ा पर रिसर्च कर रहे हैं.

मंहगा होने के बाद भी लेना चाहते स्वाद: झारखंड में जिस प्रकार रूगड़ा के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में आम लोगों को इसका आनंद लेने के लिए मोटी रकम ढीली करनी पड़ती है. बावजूद झारखंड के लोग इस खास व्यंजन को एक बार चखना जरूर चाहते हैं. राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर ग्रामीण इस सब्जी को बेच रहे हैं. सड़क पर आने जाने वाले लोग झारखंड के इस खास रुगड़ा मशरूम को खरीद रहे हैं.

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रांची: कई मान्यताओं के कारण कई लोग सावन में नॉवेज खाने से परहेज करते हैं. हालांकि इस दौरान इसकी कमी को पूरा करने के लिए कटहल खाना पसंद करते हैं. लेकिन झारखंड में रुगड़ा मशरूम (Rugda Mushroom) की बात ही अलग है. लोग इसके दीवाने हैं.

ये भी पढ़ें: परंपरागत खेती से अलग हटकर उगाया मशरूम, किसान की आय हुई दोगुनी

क्या होता है रुगड़ा: रुगड़ा जंगलों के बीच मिलने वाली सब्जी है, जो बारिश के मौसम में सखुआ के पेड़ के नीचे उगती है. झारखंडवासी इसे रुगड़ा मशरूम कहते है. यह बारिश के मौसम में ही होता है. वैज्ञानिक इसे एक फंगस के रूप में बताते हैं. जो सखुआ (साल) के पेड़ के नीचे बारिश के मौसम में अपने आप उग आते हैं.

1700 रुपये प्रति किलो से ज्यादा दाम: जंगल में रहने वाले ग्रामीण इसे चुनकर बाजार तक पहुंचाते हैं और बाजार में इसकी कीमत सात सौ से 1700 रुपये प्रति किलो तक होती है. झारखंड के स्थानीय लोग बताते हैं कि रुगड़ा खाने में नॉनवेज की तरह ही लगता है. इसके खाने में एक अलग ही मजा है. जब रांची के आसपास घने जंगल हुआ करते थे और साल के पेड़ों के समूह हुआ करते थे. यहीं पर बारिश के मौसम में ही पौधा उगता है. अब दिनों में जगह जंगल खत्म होने की वजह से अब घने जंगलों में ही यह पौधा लोगों को मिल पाता है.

रुगड़ा में पाए जाते हैं कई मिनरल्स: झारखंड के मशरूम रुगड़ा पर रिसर्च कर रहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शालिनी लाल बताती हैं कि इस पौधे में कार्बोहाइड्रेट, हाई प्रोटीन, विटामिन डी, आयरन, जिंक जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स प्रचूर मात्रा में मिलते हैं. उन्होंने बताया कि रुगड़ा झारखंड के अलावा प. बंगाल, छत्तीसगढ़ में भी पाया जाता है. वहीं अगर विदेश की बात करें तो थाईलैंड, वियतनाम, अफगानिस्तान और यूरोपीय देशों में भी इसे खूब पसंद किया जाता है.

कई बीमारियों में उपयोगी है रुगड़ा: प्रोफेसर शालिनी लाल ने बताया कि रुगड़ा से कई बीमारियों को भी नियंत्रण किया जा सकता है. जैसे हाई डायबिटीज से ग्रसित मरीज यदि रुगरा का सेवन करें तो उन्हें आराम मिलता है. प्रोफेसर शालिनी लाल ने बताया कि कैंसर की बीमारी के इलाज को लेकर भी वैज्ञानिक रुगड़ा पर रिसर्च कर रहे हैं.

मंहगा होने के बाद भी लेना चाहते स्वाद: झारखंड में जिस प्रकार रूगड़ा के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में आम लोगों को इसका आनंद लेने के लिए मोटी रकम ढीली करनी पड़ती है. बावजूद झारखंड के लोग इस खास व्यंजन को एक बार चखना जरूर चाहते हैं. राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर ग्रामीण इस सब्जी को बेच रहे हैं. सड़क पर आने जाने वाले लोग झारखंड के इस खास रुगड़ा मशरूम को खरीद रहे हैं.

Last Updated : Aug 16, 2023, 9:18 AM IST
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