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खेल विभाग का फरमान: सिल्ली और रांची में करेंगे 16-16 खिलाड़ी प्रैक्टिस, हॉस्टल करना होगा खाली

झारखंड के कल्याण विभाग ने खिलाड़ियों को हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया है. जिसके बाद खेल विभाग ने तीरंदाजी के 16 खिलड़ियों को सिल्ली और 16 खिलाड़ियों को रांची में प्रैक्टिस करने का फरमान सुनाया है.

Jharkhand welfare department orders players to vacate hostel
Jharkhand welfare department orders players to vacate hostel
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Published : Mar 5, 2022, 4:07 PM IST

रांची: हॉकी और तीरंदाजी में झारखंड के खिलाड़ियों का हमेशा ही बेहतर प्रदर्शन रहा है. यहां के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बेहतर मुकाम हासिल किया है. लेकिन इन दिनों झारखंड के तीरंदाजी खिलाड़ियों को हॉस्टल खाली करने का फरमान तक सुनाया जा रहा है. जिससे नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी परेशानी में हैं.

ये भी पढ़ें- जिंदगी से जंग लड़ रहे निशानेबाज लिंबाराम, तीरंदाजी में कभी भारत को चमकाया था

खेल विभाग का फरमान: तीरंदाजी के जिस आवासीय सेंट्रर के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन किया है. कई बड़े प्रतियोगिताओं में उम्दा प्रदर्शन किया है. आज उन्हीं खिलाड़ियों को खेल विभाग की ओर से एक फरमान सुना दिया गया है. राज्य के सबसे बेहतरीन तीरंदाजी सेंटर सिल्ली आवासीय तीरंदाजी केंद्र के प्रशिक्षु परेशानी में हैं. इन खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया है कि सेंटर की महिला तीरंदाज सिल्ली में जबकि पुरुष तीरंदाज रांची में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

देखें पूरी खबर

जानकारी के मुताबिक इस सेंटर के हॉस्टल को खाली करने का आदेश दिया गया है. उसके बाद खेल विभाग ने खिलाड़ियों को यह निर्देश दिया है. झारखंड खेल प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सेन्टर के 16 बालक खिलाड़ियों को रांची के होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स स्टेडियम में और 16 बालिका खिलाड़ियों को सिल्ली में ही खेल छात्रावास में रहने की व्यवस्था की जा रही है.

दरअसल, सिल्ली स्थित जिस भवन में सेंटर के खिलाड़ी रह रहे हैं. वह झारखंड के कल्याण विभाग का हॉस्टल है और खेल विभाग पर कल्याण विभाग लगातार इस हॉस्टल को खाली करने का दबाव बना रहा है. अंत में बीच का रास्ता निकालते हुए राज्य सरकार के खेल विभाग ने यह फैसला लिया है और बालक बालिका खिलाड़ियों को दो भाग में बांट कर अलग-अलग सेंटर में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है . मामले को लेकर हमारी टीम ने खेल पदाधिकारी उपवन बाड़ा से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि विभाग का यह निर्णय है. इससे खिलाड़ियों को परेशानी नहीं होगी.

रांची: हॉकी और तीरंदाजी में झारखंड के खिलाड़ियों का हमेशा ही बेहतर प्रदर्शन रहा है. यहां के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बेहतर मुकाम हासिल किया है. लेकिन इन दिनों झारखंड के तीरंदाजी खिलाड़ियों को हॉस्टल खाली करने का फरमान तक सुनाया जा रहा है. जिससे नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी परेशानी में हैं.

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खेल विभाग का फरमान: तीरंदाजी के जिस आवासीय सेंट्रर के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन किया है. कई बड़े प्रतियोगिताओं में उम्दा प्रदर्शन किया है. आज उन्हीं खिलाड़ियों को खेल विभाग की ओर से एक फरमान सुना दिया गया है. राज्य के सबसे बेहतरीन तीरंदाजी सेंटर सिल्ली आवासीय तीरंदाजी केंद्र के प्रशिक्षु परेशानी में हैं. इन खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया है कि सेंटर की महिला तीरंदाज सिल्ली में जबकि पुरुष तीरंदाज रांची में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

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जानकारी के मुताबिक इस सेंटर के हॉस्टल को खाली करने का आदेश दिया गया है. उसके बाद खेल विभाग ने खिलाड़ियों को यह निर्देश दिया है. झारखंड खेल प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सेन्टर के 16 बालक खिलाड़ियों को रांची के होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स स्टेडियम में और 16 बालिका खिलाड़ियों को सिल्ली में ही खेल छात्रावास में रहने की व्यवस्था की जा रही है.

दरअसल, सिल्ली स्थित जिस भवन में सेंटर के खिलाड़ी रह रहे हैं. वह झारखंड के कल्याण विभाग का हॉस्टल है और खेल विभाग पर कल्याण विभाग लगातार इस हॉस्टल को खाली करने का दबाव बना रहा है. अंत में बीच का रास्ता निकालते हुए राज्य सरकार के खेल विभाग ने यह फैसला लिया है और बालक बालिका खिलाड़ियों को दो भाग में बांट कर अलग-अलग सेंटर में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है . मामले को लेकर हमारी टीम ने खेल पदाधिकारी उपवन बाड़ा से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि विभाग का यह निर्णय है. इससे खिलाड़ियों को परेशानी नहीं होगी.

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