रांचीः पूरे उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. इसका असर झारखंड में भी दिख रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि रांची के कांके इलाके में पारा जीरो डिग्री तक पहुंच गया है. साल 2019 के बाद 9 जनवरी को कांके में जीरो डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ (ranchi kanke temperature reached zero degree )है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के ऑब्जर्वेटरी में यह डाटा रिकॉर्ड हुआ है.
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डाटा कंपाइल करने वाले बीएयू के ऑब्जर्वर अभय कुमार ने कहा कि 9 जनवरी को सुबह 6 बजकर 49 मिनट पर पारा जीरो डिग्री रिकॉर्ड हुआ. जबकि अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस था. उन्होंने कहा कि सुबह के वक्त ऑब्जर्वेटरी के आसपास मौजूद सूखे घास पर जमे ओस सफेद हो गये थे. वहीं बीएयू के वैज्ञानिक डॉ रमेश ने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह को बताया कि बीएयू के ऑब्जर्वेटरी का रिकॉर्ड शत प्रतिशत सही होता है. उन्होंने कहा कि IMD की देखरेख और उसके मानकों के आधार पर ही ऑब्जर्वेटरी बनी है. उन्होंने इसकी एक्यूरेसी की वजह भी बताई. उन्होंने बताया कि बीएयू के ऑब्जर्वेटरी कैंपस में ही आईएमडी का ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन टावर लगा है. यह ऑटोमेटिक मशीन है. जो अलग-अलग अंतराल पर तापमान रिकॉर्ड करता है. लेकिन बीएयू का मैनुअल सिस्टम है. यह थर्मामीटर सिस्टम है. जब भी पारा जीरो डिग्री आया, उसे इस थर्मामीटर ने रिकॉर्ड कर लिया. इसी वजह से थोड़ी देर के लिए आसपास के इलाकों के घास पर जमी ओस की बूंदे बर्फ में तब्दील होने लगी. चूकि जीरो डिग्री वाली स्थिति ज्यादा देर तक नहीं थी. इसलिए तापमान बढ़ने के साथ ही ओस के बर्फ में कंवर्ट होने की प्रक्रिया बंद हो गयी.
दूसरी तरफ भारत मौसम विज्ञान विभाग के रांची मौसम केंद्र के मुताबिक पिछले 24 घंटे में खूंटी के कृषि विकास केंद्र में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान चाईबासा में 29 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है. पिछले 24 घंटे में रांची का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री रहा है. खूंटी के बाद सिमडेगा में 5.4 डिग्री, डाल्टनगंज में 5.6 डिग्री, देवघर में 6.4 डिग्री, गिरिडीह में 6.8 डिग्री और बोकारो में 7.2 डिग्री न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुआ है. रांची मौसम केद्र के मुताबिक रांची में अगले 13 जनवरी तक न्यूनतम तापमान 9 डिग्री से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. सबसे राहत की बात है कि एक तरफ उत्तर भारत में दिन भर धुंध और कोहरे की वजह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर कम हो जाता है, इसकी वजह से बहुत ज्यादा ठंड महसूस होती है. लेकिन झारखंड के ज्यादातर इलाकों में सुबह होते ही खिली-खिली धूप निकल आती है. इसकी वजह से न्यूनतम और अधिकतम तापमान का अंतर बढ़ जाता है. अब रही बात कांके में रिकॉर्ड तापमान की तो बीएयू के वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. थोड़े पल के लिए जीरो डिग्री तापमान से फसल पर कोई खास असर नहीं पड़ता.