रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र कई मायनों में अहम रहा. 28 जुलाई से 4 अगस्त तक चले इस मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार के द्वारा जहां नकल विरोधी विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक को सदन से पास कराया गया. वहीं सदन की कार्यवाही के दौरान नियोजन नीति, सुखाड़ और विधि व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक होती रही.
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6 दिनों के इस मानसून सत्र के द्वारा सदन में कुल 131 अल्प सूचित प्रश्न और 233 तारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए. इनमें से 9 अनुसूचित प्रश्न का सदन में जवाब दिया गया तथा 218 तारांकित प्रश्नों के उत्तर सदन को प्राप्त हुए. 6 अनुसूचित प्रश्नों के उत्तर तथा पांच तारांकित प्रश्नों के उत्तर विभागों के पास लंबित हैं. 25 स्वीकृत ध्यानाकर्षण सूचनाओं में से पांच ध्यानाकर्षण सूचनाओं का जवाब दिया गया. शेष लंबे ध्यान आकर्षण सूचनाओं को प्रश्न और ध्यान आकर्षण समिति को सदन के द्वारा सपोर्ट किया गया है. सदन की कार्यवाही के दौरान 39 निवेदन स्वीकृत हुए.
मानसून सत्र से संतुष्ट दिखे मुख्यमंत्री: मानसून सत्र से सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संतुष्ट दिखे. सत्रावसान के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 6 दिनों के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए हैं और सदस्यों ने अपनी बातों को रखा है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया के द्वारा राहुल गांधी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है. इसलिए स्वाभाविक रूप से देश के सभी नेताओं ने न्यायपालिका पर अपनी बातें रखी हैं.
मानसून सत्र में 8 विधेयक हुए पास: मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार के द्वारा पेश 8 विधेयक को सदन द्वारा पारित किया गया. चार अधिनियम की नियमावली सदन के पटल पर रखी गई. इसके अलावा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के लिए लेखा परीक्षा प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा गया. तीन प्रतिवेदन विधानसभा के समितियों के द्वारा भी इस दौरान रखे गए. स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने मानसून सत्र को अहम बताते हुए कहा कि 6 दिनों के इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के द्वारा जहां अपनी अपनी बातों को रखा गया. वहीं सरकार के द्वारा 8 विधेयक सदन द्वारा पारित किया जाना गौरव की बात है. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को मूर्त रूप प्रदान किया गया है, जो विधानसभा के प्रत्यायुक्त विधान समिति के सतत प्रयास का प्रतिफल है. जो विधानसभा समिति की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह राज्य सरकार की सकारात्मक सोच और अपने कर्मियों के प्रति संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करता है.