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कपड़े पर जीएसटी वृद्धि का प्रस्ताव नहीं आया रास, झारखंड के कपड़ा व्यापारियों ने की हड़ताल

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Published : Dec 31, 2021, 1:49 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 4:31 PM IST

कपड़े पर जीएसटी की नई दर नए साल यानी एक जनवरी 2022 से लागू किए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन जीएसटी वृद्धि का यह प्रस्ताव झारखंड के कपड़ा व्यापारियों को रास नहीं आया. इसके विरोध में नए साल से एक दिन पहले ही झारखंड के व्यापारी सड़क पर उतर आए हैं. शुक्रवार को जीएसटी की नई दर के विरोध में झारखंड के व्यापारी सड़क पर उतर आए.

Jharkhand textile traders strike against proposal to increase GST on clothes
कपड़े पर जीएसटी वृद्धि का प्रस्ताव नहीं आया रास

रांचीः कपड़े पर जीएसटी की नई दर नए साल यानी एक जनवरी 2022 से लागू किए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन जीएसटी वृद्धि का यह प्रस्ताव झारखंड के कपड़ा व्यापारियों को रास नहीं आया. झारखंड के कपड़ा व्यापारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए. कपड़े पर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक दुकानें बंद रखीं. बाद में काला बिल्ला लगाकर दुकान खोली और कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध किया.

ये भी पढ़ें- Language Controversy in Jharkhand: अपनी भाषा के हक पर हल्लाबोल, विधायकों के मौन पर फूट पड़े युवाओं के विरोध के स्वर

दरअसल, राज्य सरकार और केंद्र के प्रतिनिधित्व वाली जीएसटी काउंसिल ने 01 जनवरी 2022 से सभी तरह के वस्त्रों पर जीएसटी को 05% से बढ़ा कर 12% करने का फैसला किया है, जिससे देशभर के कपड़ा व्यवसायी नाराज हैं. इसके विरोध में झारखंड के 22 हजार से ज्यादा कपड़ा व्यवसायियों ने अपनी प्रतिष्ठानों (दुकानों) को 12 बजे तक बंद रखा और जीएसटी परिषद के फैसले का विरोध किया. बाद में दुकानें खोलीं लेकिन काला बिल्ला लगाकर केंद्र सरकार से कपड़े पर GST पहले जैसा ही 5% रखने की मांग की.

देखें पूरी खबर
अपर बाजार में पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के आह्वान पर शुक्रवार को रांची के अपर बाजार में थोक, खुदरा और रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी इकट्ठा हुए और GST बढ़ाने का विरोध किया. व्यापारी बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. व्यापारियों ने सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार इंसान की मूलभूत जरूरतों में से एक कपड़े पर GST क्यों बढ़ा रही है, जिससे महंगाई बढ़ेगी और कपड़ा महंगा हो जाएगा.


झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ की राय

झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र अरोड़ा, सचिव कमल जैन, रांची खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के रतन मोदी ने कहा कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध इसलिए जरूरी है क्योंकि पहले से ही कोरोना की वजह से जनता और व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति खराब है. इधर वस्त्र को 05 % की जगह 12% GST वाले स्लैब में डाल दिया जाएगा तो दोनों पर खराब असर पड़ेगा.

कपड़ा व्यवसायी राज्य के वित्त मंत्री को सौंपेगे ज्ञापन

प्रकाश चंद्र अरोड़ा ने बताया कि कोरोनाकाल में एक ओर जहां कपड़ा व्यवसाय बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं, महंगाई चरम पर है. ऐसे में राज्य के कपड़ा व्यवसायियों की भावना से केंद्र को अवगत कराने के लिए वे झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को ज्ञापन सौंपेगा.

रांचीः कपड़े पर जीएसटी की नई दर नए साल यानी एक जनवरी 2022 से लागू किए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन जीएसटी वृद्धि का यह प्रस्ताव झारखंड के कपड़ा व्यापारियों को रास नहीं आया. झारखंड के कपड़ा व्यापारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए. कपड़े पर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक दुकानें बंद रखीं. बाद में काला बिल्ला लगाकर दुकान खोली और कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध किया.

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दरअसल, राज्य सरकार और केंद्र के प्रतिनिधित्व वाली जीएसटी काउंसिल ने 01 जनवरी 2022 से सभी तरह के वस्त्रों पर जीएसटी को 05% से बढ़ा कर 12% करने का फैसला किया है, जिससे देशभर के कपड़ा व्यवसायी नाराज हैं. इसके विरोध में झारखंड के 22 हजार से ज्यादा कपड़ा व्यवसायियों ने अपनी प्रतिष्ठानों (दुकानों) को 12 बजे तक बंद रखा और जीएसटी परिषद के फैसले का विरोध किया. बाद में दुकानें खोलीं लेकिन काला बिल्ला लगाकर केंद्र सरकार से कपड़े पर GST पहले जैसा ही 5% रखने की मांग की.

देखें पूरी खबर
अपर बाजार में पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के आह्वान पर शुक्रवार को रांची के अपर बाजार में थोक, खुदरा और रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी इकट्ठा हुए और GST बढ़ाने का विरोध किया. व्यापारी बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. व्यापारियों ने सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार इंसान की मूलभूत जरूरतों में से एक कपड़े पर GST क्यों बढ़ा रही है, जिससे महंगाई बढ़ेगी और कपड़ा महंगा हो जाएगा.


झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ की राय

झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र अरोड़ा, सचिव कमल जैन, रांची खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के रतन मोदी ने कहा कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का विरोध इसलिए जरूरी है क्योंकि पहले से ही कोरोना की वजह से जनता और व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति खराब है. इधर वस्त्र को 05 % की जगह 12% GST वाले स्लैब में डाल दिया जाएगा तो दोनों पर खराब असर पड़ेगा.

कपड़ा व्यवसायी राज्य के वित्त मंत्री को सौंपेगे ज्ञापन

प्रकाश चंद्र अरोड़ा ने बताया कि कोरोनाकाल में एक ओर जहां कपड़ा व्यवसाय बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं, महंगाई चरम पर है. ऐसे में राज्य के कपड़ा व्यवसायियों की भावना से केंद्र को अवगत कराने के लिए वे झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को ज्ञापन सौंपेगा.

Last Updated : Dec 31, 2021, 4:31 PM IST
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