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रांची: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने किया नो वर्क नो पे का खंडन, लॉकडाउन में मजदूरी भत्ता की मांग

रांची में शुक्रवार को मनरेगा संघ के सचिव प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने नामकुम खिचड़ी ब्लॉक में बैठक की. जहां राज्य सरकार से लॉकडाउन के दौरान मिलने वाले मजदूरी भत्ता की मांग की गई, साथ ही कहा कि झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने नो वर्क नो पे का खंडन करती है.

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Published : Jul 31, 2020, 4:33 PM IST

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मनरेगा कर्मचारी संघ ने किया नो वर्क नो पे का खंडन

रांची: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को पांचवे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एक बैठक आहूत की, जिसमें पिछले दिनों राज्य सरकार के अधिकारियों की तरफ से मनरेगा मजदूरों को नो वर्क नो पे का फरमान जारी किया गया था. इसका खंडन करते हुए महासंघ ने राज्य सरकार से अपनी मानदेय और लॉकडाउन के दौरान का मजदूरी भत्ता की मांग की है.


मजदूरी भत्ता की मांग
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों आदेश दिया गया था कि सभी मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान मजदूरी भत्ता दिया जाएगा. इसको लेकर झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की तरफ से राज्य सरकार से मांग किया कि यह मनमानी नहीं चलेगा. हमारा मजदूरी भत्ता दिया जाए या कहीं न कहीं मजदूरों के खिलाफ शोषण की नीति है और अराजकता है, इसे मजदूरों में लॉकडाउन के दौरान में काफी स्थिति दयनीय हो गई थी, जबकि केंद्र सरकार का आदेश है जो राज्य सरकार को मानना होगा और हमारा मजदूरी भत्ता देना पड़ेगा.


इसे भी पढ़ें-झारखंड टूल रूम कर रहा मिट्टी के बर्तनों का निर्माण, कारीगरों में बढ़ रही आत्मनिर्भरता


नो वर्क नो पे नियम
मनरेगा कमिश्नर की तरफ से नो वर्क नो पे नियम झारखंड मनरेगा मजदूरों पर नहीं चलेगी. संघ की ओर से मांग किया गया कि लॉकडाउन के दौरान वाली मजदूरी भत्ता सरकार और वरीय अधिकारी 5000 मजदूरों का मजदूरी भत्ता देने का काम करें. हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल तक जारी रहेगा. मनरेगा संघ के सचिव प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने शुक्रवार को नामकुम खिचड़ी ब्लॉक में बैठक किया और राज्य सरकार से लॉकडाउन के दौरान मिलने वाले मजदूरी भत्ता की मांग की है.

रांची: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को पांचवे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एक बैठक आहूत की, जिसमें पिछले दिनों राज्य सरकार के अधिकारियों की तरफ से मनरेगा मजदूरों को नो वर्क नो पे का फरमान जारी किया गया था. इसका खंडन करते हुए महासंघ ने राज्य सरकार से अपनी मानदेय और लॉकडाउन के दौरान का मजदूरी भत्ता की मांग की है.


मजदूरी भत्ता की मांग
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों आदेश दिया गया था कि सभी मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान मजदूरी भत्ता दिया जाएगा. इसको लेकर झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की तरफ से राज्य सरकार से मांग किया कि यह मनमानी नहीं चलेगा. हमारा मजदूरी भत्ता दिया जाए या कहीं न कहीं मजदूरों के खिलाफ शोषण की नीति है और अराजकता है, इसे मजदूरों में लॉकडाउन के दौरान में काफी स्थिति दयनीय हो गई थी, जबकि केंद्र सरकार का आदेश है जो राज्य सरकार को मानना होगा और हमारा मजदूरी भत्ता देना पड़ेगा.


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नो वर्क नो पे नियम
मनरेगा कमिश्नर की तरफ से नो वर्क नो पे नियम झारखंड मनरेगा मजदूरों पर नहीं चलेगी. संघ की ओर से मांग किया गया कि लॉकडाउन के दौरान वाली मजदूरी भत्ता सरकार और वरीय अधिकारी 5000 मजदूरों का मजदूरी भत्ता देने का काम करें. हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल तक जारी रहेगा. मनरेगा संघ के सचिव प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने शुक्रवार को नामकुम खिचड़ी ब्लॉक में बैठक किया और राज्य सरकार से लॉकडाउन के दौरान मिलने वाले मजदूरी भत्ता की मांग की है.

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