रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित लोगों का आंकड़ा झारखंड में 50 हो गया है. बावजूद इसके अभी तक राज्य सरकार निजी अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने से बच रही है. फिलहाल राज्य में राजधानी स्थित रिम्स के अलावा जमशेदपुर के एमजीएम और धनबाद के पीएमसीएच में कोविड-19 से लड़ने के लिए व्यवस्था की गई है.
सरकारी सूत्रों की मानें तो न तो राज्य सरकार ने अभी तक किसी निजी चिकित्सा संस्थान को अप्रोच किया है और न ही किसी निजी चिकित्सा संस्थानों में से किसी ने कोई पहल की है.
रिम्स पर है सबसे ज्यादा लोड
हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी के बड़े चिकित्सा संस्थानों के डॉक्टरों के साथ परामर्श किया, लेकिन उसमें भी यह बात सामने आई कि रिम्स के अलावा कहीं भी कोरोना की जांच नहीं हो पा रही है.
साथ ही कोविड-19 की जांच राजधानी के रिम्स में ही हो रही है. वैसे तो आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में सरकार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर रही है, लेकिन अभी तक निजी क्षेत्र के अस्पताल खुलकर सामने नहीं आए हैं.
सूत्रों की मानें तो राजधानी के चार प्रमुख अस्पतालों में तैयारी की गई है जो आपदा की घड़ी में सहायक हो सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार फिलहाल अपने इंफ्रास्ट्रक्चर उपयोग करने के मूड में है.
मौजूदा आंकड़े के अनुसार रिम्स के ट्रामा सेंटर में 125 बेड के कोविड-19 हॉस्पिटल में 25 आईसीयू के बेड हैं और 100 नॉन आईसीयू बेड हैं, वहीं 100 पेइंग वार्ड के 36 बेड को आइसोलेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
क्या कहते हैं संक्रमण से जुड़े आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार अभी तक राज्य में 50 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं. उनमें सबसे ज्यादा रांची में 29 लोगों में यह संक्रमण पाया गया.
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वहीं बोकारो में 10, हजारीबाग में तीन, धनबाद,गिरिडीह और सिमडेगा में दो-दो, जबकि देवघर और गढ़वा में एक-एक मामले कोरोना संक्रमण के सामने आए हैं.
वहीं इस बाबत सरकार में शामिल कांग्रेस का मानना है कि जैसे- जैसे जरूरत पड़ेगी सरकार सुविधाएं बढ़ाएंगी. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि अपने स्तर राज्य सरकार मॉनिटरिंग कर रही है. अगर जरूरत होगी तो सरकार निजी होटल और अस्पतालों की भी मदद लेगी.