रांची: झारखंड में गरीबों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त और सस्ते दर पर अनाज मुहैया कराया जाता है. लेकिन पीडीएस दुकानदारों की मनमानी, ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से लाभुकों की हकमारी होती रहती है. लाचार लाभुक समझ नहीं पाते कि आखिर शिकायत करें तो कहां करें.
दरअसल, लाभुकों को सुगमता से अनाज मिले इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी और जवाबदेही राज्य खाद्य आयोग की होती है. आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर (Commission Chairman Himanshu Shekhar) ने बताया कि उन्होंने लाभुकों को जागरूक करने के लिए मुखिया से सीधा संवाद कार्यक्रम चलाया था. इसका नतीजा दिखने लगा है. अब बड़ी संख्या में लोग आयोग के पास व्हाट्सएप और अन्य माध्यम से शिकायत पहुंचा रहे हैं. जिसका तीव्र गति से निष्पादन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में 9 दिसंबर को झारखंड राज्य खाद्य आयोग (Jharkhand State Food Commission) का स्थापना दिवस सह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें शिकायतों के निष्पादन में बेहतर कार्य करने वाले डीजीआरओ यानी जिला शिकायत निवारण पदाधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चार कैटगरी में बेहतर सेवा देने वालों का चयन हुआ है. इसके अलावा ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर भी पदाधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा. सम्मानित होने वाले पदाधिकारियों के नाम की घोषणा की जाएगी.
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो बतौर मुख्य अतिशि शिरकत करेंगे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद है पदाधिकारियों को मोटिवेट करना है ताकि वे जरूरतमंदों की समस्याओं का तीव्रता से निष्पादन कर सकें. उन्होंने कहा कि पीडीएस सिस्टम में कई खामियां देखने को मिलती हैं. उन खामियों को एक-एक कर दूर किया जा रहा है. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मुखिया को मालूम ही नहीं है कि पीडीएस सिस्टम में उनके क्या अधिकार है. इसपर आयोग गंभीरता से कार्य कर रहा है.