रांची: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में झारखंड के वीर सपूत शांति भूषण तिर्की शहीद हो गए. शांति भूषण के शहीद होने की सूचना पर उनके परिवार में मातम का माहौल है. शहीद शांति भूषण का अंतिम संस्कार रांची में ही होगा. सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की तरफ से इसकी तैयारियां की जा रही हैं.
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सिमडेगा के रहने वाले है शांति भूषण: बीजापुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण मूलतः झारखंड के सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड के कसीरा गांव के रहने वाले थे. लेकिन उनका पूरा परिवार रांची के डिबडीह इलाके में कई वर्षों से रह रहा था. शहीद शांति भूषण तिर्की के पिता बीएसएफ से रिटायर होकर रांची स्थित आवास में ही रह रहे थे. छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग होने के बाद शहीद की पत्नी पुष्पा तिर्की, 10 वर्षीय बेटा अनिकेत और ढाई साल की बेटी अनीशा अपने दादा के साथ ही रांची के घर में रह रहे थे.
शहीद होने की खबर मिलते ही घर में मचा कोहराम: जैसे ही परिवार वालों को शांति भूषण तिर्की के शहीद होने की सूचना मिली घर में कोहराम मच गया. पत्नी पुष्पा बार-बार बेहोश हो जा रही थी. किसी तरह आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला. वहीं मासूम अनीशा को तो यह पता भी नहीं था कि उसके सर से उसके पिता का साया उठ चुका है.
सीआरपीएफ अधिकारी पहुचे घर: शांति भूषण तिर्की के शहीद होने की खबर पर सीआरपीएफ के कई अधिकारी उनके रांची स्थित आवास पहुंचे और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया. सीआरपीएफ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शहीद शांति तिर्की का पार्थिव शरीर रविवार को रांची पहुंचेगा, जिसके बाद रांची में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शांति भूषण तिर्की सीआरपीएफ की 168 बटालियन में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात थे. साल 2003 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था. साल 2014 में प्रमोशन पाकर में असिस्टेंट कमांडेंट बने थे.
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर दुख जताया: सीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि 'छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई मुठभेड़ में झारखण्ड के लाल, सीआरपीएफ 168 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट एसबी तिर्की जी के शहीद होने की दुःखद खबर मिली है. परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे.'