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झारखंड घोटाला कथा: 24 घंटे में पांच लाख बच्चों के बीच बांटी टी-शर्ट और टॉफी, हाई कोर्ट से जांच की गुहार

झारखंड सरकार ने स्थापना दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों के बीच टी-शर्ट और टॉफी बांटने का फैसला लिया. इसके तहत राज्य के तकरीबन नौ लाख स्कूलों में टी-शर्ट और टॉफी के वितरण का लक्ष्य रखा गया. दावा किया गया कि 5 लाख बच्चों के बीच टॉफी और टी-शर्ट बांटे गए, जो अब सवाल के घेरे में है.

Jharkhand scam story
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Published : Oct 18, 2021, 6:03 AM IST

रांची: राज्य स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी देने का फैसला लिया गया. इसके लिए कुछ कंपनियों को टेंडर भी दिया गया. टी-शर्ट, टॉफी की सप्लाई भी हुई और बच्चों के बीच बांटने का दावा भी किया गया. यही दावा अब जांच के दायरे में है.

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: ...तो क्या एक और पूर्व मुख्यमंत्री की जेल यात्रा की लिखी जा रही है स्क्रिप्ट

बिना निविदा निकाले मनोनयन

यह घोटाला वर्ष 2016 और 2017 में 15 नवंबर को हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में स्कूली बच्चों के बीच टॉफी, टी-शर्ट बांटने और गीत-संगीत की महफिल सजाने और रांची शहर की साज-सज्जा से संबंधित हैं. राज्य स्थापना दिवस समारोह, 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी के पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदे गए थे. टॉफी की खरीद सिदगोड़ा, जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से और टी-शर्ट की खरीद कदमा, जमशेदपुर के प्रकाश शर्मा के माध्यम से कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना से दिखाई गई.

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स्थापना दिवस समारोह के नाम पर घोटाला

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: बिना कोई काम हुए खर्च हो गए 21 करोड़, सच क्या है खंगाल रही ACB

लल्ला इंटरप्राइजेज पर जुर्माना

प्रारम्भिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लल्ला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदी और न ही बेची, परंतु एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उस पर बिक्री कर (वैट) का करीब 4 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया. वाणिज्य कर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के लिये लल्ला इंटरप्राइजेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया.

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: 34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन में अधिकारी और नेता डकार गए 30 करोड़ से अधिक रुपए, जानिए कैसे

बिना रोड परमिट का पंजाब से कैसे पहुंचा?

जमशेदपुर निवासी लुधियाना के स्थानीय एजेंट प्रकाश शर्मा के माध्यम से 5 करोड़ रुपये की टी-शर्ट की खरीद लुधियाना के कुडू फैब्रिक्स से दिखाई गई है. पर झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिये रोड परमिट नहीं दिया है. टी-शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से आई या रेल मार्ग से आई इसकी सूचना वाणिज्य कर विभाग को नहीं है. पर भुगतान पूरा हो गया है. अब झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने पंजाब सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है.

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सजावट पर 4 करोड़ खर्च

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: राज्यसभा चुनाव 2016 में बीजेपी को दिलाई थी जीत, अब मुश्किल में हैं पूर्व सीएम!

चार करोड़ से अधिक सजावट पर खर्च

रांची शहर में एक दिन की सजावट पर बिजली विभाग ने 15 नवंबर 2016 को 4 करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिखाया. यही खर्च 2017 में करीब 2 करोड़ रुपये का दिखाया गया. 2016 के कार्यक्रम में कुल खर्च करीब 9.50 करोड़ रुपया दिखाया गया. जबकि यही खर्च 2017 के राज्य स्थापना दिवस पर करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक दिखाया गया. 2017 में प्रभात फेरी के लिये टॉफी की खरीद मां लक्ष्मी भंडार, जुगसलाई से और टी-शर्ट की खरीद आदित्यपुर के प्रतीक फैबनिट से की गई.

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: राज्य में निवेश बढ़ाने के नाम पर मोमेंटम झारखंड में हो गया करोड़ों का खेला!

विधानसभा समिति कर रही है जांच

बजट सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ने विधानसभा में इस मामले को उठाया था. सरकार की तरफ से विधानसभा समिति से जांच के आदेश दिए गए थे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने समय सदन में कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर पूरे मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी.

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विधानसभा की समिति कर रही है जांच

ये भी पढ़ें- झारखंड घोटाला कथा: चारा घोटाला की तर्ज पर हुआ कंबल घोटाला! जानिए कितने का और कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

हाई कोर्ट में लंबित है मामला

टी-शर्ट और टॉफी घोटाले की जांच मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसपर अदालत में सुनवाई चल रही है.

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रांची: राज्य स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी देने का फैसला लिया गया. इसके लिए कुछ कंपनियों को टेंडर भी दिया गया. टी-शर्ट, टॉफी की सप्लाई भी हुई और बच्चों के बीच बांटने का दावा भी किया गया. यही दावा अब जांच के दायरे में है.

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बिना निविदा निकाले मनोनयन

यह घोटाला वर्ष 2016 और 2017 में 15 नवंबर को हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में स्कूली बच्चों के बीच टॉफी, टी-शर्ट बांटने और गीत-संगीत की महफिल सजाने और रांची शहर की साज-सज्जा से संबंधित हैं. राज्य स्थापना दिवस समारोह, 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी के पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदे गए थे. टॉफी की खरीद सिदगोड़ा, जमशेदपुर के लल्ला इंटरप्राइजेज से और टी-शर्ट की खरीद कदमा, जमशेदपुर के प्रकाश शर्मा के माध्यम से कुडु फैब्रिक्स, लुधियाना से दिखाई गई.

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स्थापना दिवस समारोह के नाम पर घोटाला

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लल्ला इंटरप्राइजेज पर जुर्माना

प्रारम्भिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लल्ला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदी और न ही बेची, परंतु एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उस पर बिक्री कर (वैट) का करीब 4 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया. वाणिज्य कर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के लिये लल्ला इंटरप्राइजेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया.

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बिना रोड परमिट का पंजाब से कैसे पहुंचा?

जमशेदपुर निवासी लुधियाना के स्थानीय एजेंट प्रकाश शर्मा के माध्यम से 5 करोड़ रुपये की टी-शर्ट की खरीद लुधियाना के कुडू फैब्रिक्स से दिखाई गई है. पर झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिये रोड परमिट नहीं दिया है. टी-शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से आई या रेल मार्ग से आई इसकी सूचना वाणिज्य कर विभाग को नहीं है. पर भुगतान पूरा हो गया है. अब झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने पंजाब सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है.

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सजावट पर 4 करोड़ खर्च

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चार करोड़ से अधिक सजावट पर खर्च

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विधानसभा समिति कर रही है जांच

बजट सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ने विधानसभा में इस मामले को उठाया था. सरकार की तरफ से विधानसभा समिति से जांच के आदेश दिए गए थे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने समय सदन में कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग, वाणिज्य कर विभाग और परिवहन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर पूरे मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी.

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