रांची: झारखंड में दो सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में कुल तीन उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी के तरफ से मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार मैदान में थे. वहीं, जेएमएम की ओर से शिबू सोरेन के छोटे बेटे और हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ताल ठोक रहे थे. विधानसभा के अंक गणित के मुताबिक बीजेपी के एक उम्मीदवार की जीत तो तय थी लेकिन दूसरी सीट पर जीत किसकी होगी इसके लिए जोड़-तोड़ का दौर जारी था.
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क्रॉस वोटिंग ने बिगाड़ा मामला
विपक्षी दल के उम्मीदवार बसंत सोरेन को कांग्रेस-जेवीएम समेत कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन था. उस समय विधानसभा में जो संख्या बल था ,उससे दूसरी सीट के लिए जीत किसकी होगी ये तय नहीं था. इसलिए उम्मीदवार अपने समर्थकों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए बेताब थे तो वहीं विरोधियों के समर्थक कैसे समय पर मतदान के लिए ना पहुंच सकें इसकी जुगत में लगे थे. वोटिंग के दिन इस तरह की बातें होने लगी कि कांग्रेस के दो विधायक बिट्टू सिंह और निर्मला देवी को पुलिस किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए उनका मतदान केंद्र पर पहुंचने को लेकर संशय बरकरार था. काफी जद्दोजहद के बाद निर्मला देवी मतदान के लिए पहुंची लेकिन देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह मतदान के लिए नहीं पहुंचे. मतदान के बाद रिजल्ट बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में आया और बसंत सोरेन बहुत ही कम अंतर से हार गए. इस मतदान में क्रॉस वोटिंग होने की भी चर्चाएं होने लगी थी.
बाबूलाल ने जारी किया ऑडियो टेप
राज्यसभा चुनाव के कुछ दिन बाद तत्कालीन जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया, जिसमें कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को बीजेपी पक्ष में वोट देने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही थी. हालांकि इस टेप में पैसों की लेन देन का कोई जिक्र नहीं था. ऑडियो टेप जारी करते हुए बाबूलाल मरांडी ने तत्कालीन सीएम रघुवर दास पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था.
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निर्मला देवी का आरोप
ऑडियो टेप जारी होने के बाद कांग्रेस विधायक ने रघुवर दास पर राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था. निर्मला देवी ने कहा था कि रघुवर दास एक बार उनके घर भी आए थे. विधायक निर्मला देवी ने मुख्यमंत्री के सलाकार अजय कुमार और एक आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता पर भी आरोप लगाए. बाबूलाल के ऑडियो टेप और निर्मला देवी के बयान के आधार पर जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया और जांच शुरू हई.
सरकार बदलने के साथ जांच तेज
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई और जेएमएम की जीत. हेमंत सोरेन की सरकार बनी और इस मामले की फाइल खोलकर जांच तेज कर दी गई. झारखंड सीआईडी इस मामले में 35-40 बिंदुओं पर जांच कर रही है. इस दौरान आईपीएस अनुराग गुप्ता पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व सीएम रघुवर दास, उनके सलाहकार अजय कुमार और आईपीएस अफसर अनुराग ठाकुर पर पीसी एक्ट (प्रीवेंसन ऑफ करप्शन एक्ट) के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया. इस आदेश के आलोक में सीआईडी ने कोर्ट से पीसी एक्ट जोड़ने का आग्रह किया था, जिसे सिविल कोर्ट ने विजिलेंस कोर्ट में रेफर कर दिया है. इस मामले में दुर्गा उरांव ने हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की थी.
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बदले की राजनीति का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले पर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि “झारखंड सरकार छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 के मामले में नई धाराएं जोड़कर मुझे भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है, अगर ऐसा है तो इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं.” रघुवर दास ने कहा कि पिछले लगभग चार साल से मामले की जांच चल रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिल पाया, मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नई धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया है, झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है, लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है, यह 2024 की तैयारी है.