रांची: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा 16 अगस्त से सदस्यता अभियान चलाएगा. इसका फैसला संगठन के वैश्य प्रतिनिधि सम्मेलन में लिया गया. इसके अलावा स्थापना दिवस पर ताकत दिखाने का फैसला लिया गया. इसके लिए वैश्य मोर्चा के स्थापना दिवस पर 20 अक्टूबर को रांची में 'वैश्य-पिछड़ा सम्मलेन' के आयोजन का निर्णय लिया गया.
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अगस्त क्रांति दिवस पर हुआ कार्यक्रम
अगस्त क्रांति दिवस पर झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की ओर से वैश्य प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया. सोमवार को कोविड-19 गाइडलाइन के तहत हुए सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों से आए करीब 90 प्रतिनिधि शामिल हुए. सम्मेलन की अध्यक्षता वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू और संचालन प्रधान महासचिव बिरेन्द्र कुमार, केंद्रीय महासचिव इंदू भूषण गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया. इसमें सबसे पहले उप-प्रधान महासचिव उपेन्द्र प्रसाद साहू ने प्रस्तावना पढ़ी. प्रस्तावना पत्र में सम्मेलन के मुद्दों पर चर्चा की गई.
वैश्य समाज का दमन बढ़ाः महेश्वर साहू
अपने अध्यक्षीय संबोधन में केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू ने कहा कि झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में वैश्य समाज के लोगों ने भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया था, लेकिन आज वैश्य समाज के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है. कोरोनाकाल में छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों की स्थिति काफी खराब हो गई है. वैश्य समाज पर शोषण-दमन और अत्याचार बढ़े हैं. सरकारी स्तर पर भी उपेक्षा बढ़ी है.
27 % आरक्षण पर चर्चा
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू ने कहा कि अब तक ओबीसी को 27% आरक्षण देने का मामला अधर में लटका है. राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में प्रशासनिक स्तर पर मूल खतियानी रैयतों की जमीन लूटी जा रही है. इस काम में बड़े स्तर के अधिकारी भी लगे हुए हैं. इसलिए वैश्य मोर्चा अपने लोगों को बचाने के लिए संघर्ष तेज करेगा.
आबादी के हिसाब से भागीदारी
इसके पूर्व सम्मेलन को कार्यकारी अध्यक्ष रेखा मंडल (धनबाद), हीरानाथ साहू (कांके), प्रमंडलीय अध्यक्ष प्रमोद चौधरी (देवघर), वरीय उपाध्यक्ष रामसेवक प्रसाद (बरकट्ठा), संजीव चौधरी (रांची), मोहन साव (गोमिया), केंद्रीय उपाध्यक्ष अजित प्रजापति (गिद्दी), ढलन साव (बड़कागांव), विजय जायसवाल (रामगढ़), नंदलाल पंडित (देवघर), राष्ट्रीय सुढी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सनत मंडल (जमशेदपुर), अश्विनी साहू (अरगोड़ा), राजाराम प्रसाद (बलकुदरा) आदि ने संबोधित किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि सामाजिक न्याय और सम्मान के लिए वैश्य समाज को घरों से बाहर निकलना होगा. आबादी के हिसाब से सत्ता और विकास योजनाओं में भी हमें भागीदारी मिलनी चाहिए.
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के सम्मेलन में ये प्रस्ताव हुए पारित
1. कोरोना महामारी के कारण पिछले सवा साल से छोटे एवं मध्यम दर्जे के कारोबारी, व्यवसायी, दुकानदार आर्थिक रूप से तबाह हैं, लेकिन सरकार की ओर से इनके लिए कोई राहत पैकेज नहीं दिया गया है. सरकार इस कैटेगरी में आने वाले व्यवसायियों-दुकानदारों का 10 लाख रुपये तक का ऋण माफ करे और फिर से व्यवसाय व रोजगार करने के लिए सस्ते दर में राहत ऋण उपलब्ध कराने की पहल करे.
2. सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने की तत्काल व्यवस्था करे, तत्पश्चात ही सरकारी नौकरियों की बहाली की प्रक्रिया शुरू करे.
3. रांची के बजरा ग्राम के मूल खतियानी रैयतों की जमीन तत्काल प्रभाव से वापस की जाए और भू-माफिया से मिलीभगत करने वाले रांची के उपायुक्त को निलंबित किया जाए.
4. कोरोना काल में जान गंवाने वाले सभी वर्गों एवं समाज के लोगों के लिए वैश्य मोर्चा अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से मांग करता है कि उनके आश्रितों/परिवार वालों को समुचित मुआवजा और रोजगार के साधन उपलब्ध कराए.
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झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के आगामी कार्यक्रम
1. 16 अगस्त से वैश्य समाज के घरों एवं दुकानों-प्रतिष्ठानों में 'झंडा गाड़ो' और सदस्यता अभियान चलाया जाएगा.
2. 31 अगस्त को अपनी मांगों को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान से 'न्याय दो-अधिकार दो' पैदल मार्च निकाला जाएगा.
3. 1 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रखंड एवं जिला स्तरीय बैठक, विचार गोष्ठी एवं सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और समाज को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक एवं संगठित किया जाएगा.
4. 2 अक्टूबर को सभी जिलों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाएगी और वैश्य समाज को हक-अधिकार एवं मान-सम्मान दिलवाने का संकल्प लिया जाएगा.
5. वैश्य मोर्चा के स्थापना दिवस पर 20 अक्टूबर को रांची में 'वैश्य-पिछड़ा सम्मलेन' का आयोजन किया जाएगा.
बैठक के अंत में कोरोनाकाल में जान गवांने वाले सभी समाज एवं वर्गों के लोगों के लिए दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. धन्यवाद ज्ञापन राजधाम साहू ने किया.