रांचीः झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन (Jharkhand Power Workers Union) ने अपने मांगों के समर्थन में बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने की घोषणा की है. बिजली बोर्ड मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने आये पावर वर्कर्स ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भूख हड़ताल पर जाने के बाद राज्य में बिजली व्यवस्था ठप हो जायेगी. इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार होगा.
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पावर वर्कर्स यूनियन से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों ने बोर्ड मुख्यालय पर जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों के भारी प्रदर्शन के बीच बिजली बोर्ड प्रबंधन ने आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया. वार्ता के दौरान यूनियन अपनी मांगों पर अड़ा रहा. यूनियन का मानना है कि आश्वासन देने के बदले बोर्ड इसे लागू करे. हालांकि, यूनियन की मांग को बोर्ड ने ठुकरा दिया है, जिससे वार्ता विफल हो गई और युनियन ने अनिश्तितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की.
झारखंड पावर वर्कर्स युनियन के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बोर्ड की वादा खिलाफी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस बार कर्मचारी आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि निगम में बैठे हुए कुछ पदाधिकारी मजदूर हितों के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रच रहे हैं. इसका पर्दाफाश करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि एक अधिकारी को ग्रेड पे का लाभ देने में निगम रुचि दिखाता है. वहीं, जब कर्मचारियों को महज 300 रुपया बढ़ाने की बात आती है तो वित्तीय बोझ का बहाना बनाया जाता है.
झारखंड पावर वर्कर्स की मांगें
न्यू डिजीगनेशन मैपिंग के तहत कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए.
कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाए
निगम कर्मियों को 6% ऊर्जा भत्ता दिया जाए
कनीय प्रबंधक के पदों को 50% आईटीआई वालों को प्रोन्नति देकर भरा जाए
बोर्ड निगम द्वारा वर्ष 2007 से आंतरिक नियुक्ति के तहत नियुक्त कर्मियों के मामले में निदेशक मंडल से अनुमोदन प्राप्त कर सभी नियुक्ति को यथावत रखते हुए उन सभी को नए ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर के तहत प्रोन्नति दी जाए
सभी तकनीकी कर्मियों को केंद्रीय मुख्यालय स्तर से पदोन्नति दी जाए