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भूख हड़ताल पर बैठे हैं झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के लोग, बिजली बोर्ड ने नहीं ली सुध

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Published : Dec 8, 2022, 7:46 AM IST

अपनी मांगों को लेकर झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (Jharkhand Power Workers Union Hunger Strike) पर बैठ गए हैं. इस दौरान बिजली बोर्ड के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई. लेकिन वार्ता विफल रही.

JPWU indefinite hunger strike in Ranchi
JPWU indefinite hunger strike in Ranchi

रांची: झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (Jharkhand Power Workers Union Hunger Strike) पर बैठ गया है. बिजली बोर्ड मुख्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर कर्मचारियों के बैठ जाने से कहीं ना कहीं बिजली सप्लाई पर प्रभाव पड़ने की आशंका है. इधर बिजली बोर्ड भूख हड़ताल कर रहे कर्मियों की किसी ने कोई सुध पहले दिन नहीं ली. जिससे बिजलीकर्मी खासे नाराज दिखे.


यह भी पढ़ें: झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन ने दी चेतावनी, कहा-मांगें पूरी नहीं हुई तो बुधवार से करेंगे भूख हड़ताल

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: भूख हड़ताल पर बैठे पांच कर्मचारियों में संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार, मनिंदर राणा, सुरेश हांसदा, राकेश कुमार रजक और उत्तम पासवान शामिल है. भूख हड़ताल पर बैठे पावर वर्कर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि यही रवैया रहा तो राज्य में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी. इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार होगा. गौरतलब है कि कर्मचारियों ने पहले बिजली बोर्ड के समक्ष प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रबंधन ने आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन बातचीत फेल हो गई.

झारखंड पावर वर्कर्स की मांग
- न्यू डिजीगनेशन मैपिंग के तहत कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए. यूनियन का आरोप है की इसके तहत पदाधिकारियों को नए ग्रेड पे का लाभ दिया गया है, जबकि कर्मचारियों को इसका लाभ देने के लिए टालमटोल किया जा रहा है.
- कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाए.
- निगम कर्मियों को 6% ऊर्जा बता दिया जाए.
- कनीय प्रबंधक के पदों को 50% पर पर आईटीआई वालों को प्रोन्नति देकर भरा जाए और शेष 50% पदों पर सीधी नियुक्ति की जाए.
- बोर्ड निगम द्वारा वर्ष 2007 से आंतरिक नियुक्ति के तहत नियुक्त कर्मियों के मामले में निदेशक मंडल से अनुमोदन प्राप्त कर सभी नियुक्ति को यथावत रखते हुए उन सभी को नए ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर के तहत प्रोन्नति दी जाए.
- सभी तकनीकी कर्मियों को केंद्रीय मुख्यालय स्तर से पदोन्नति दी जाए क्योंकि अलग-अलग अंचलों में की जाने वाले प्रोन्नति से एक ही साथ नियुक्त कर्मियों की प्रोन्नति तिथि में भिन्नता के कारण वरीय कनीय तथा कनीय-वरीय हो जाते हैं.
- वैसे कर्मी जो डिप्लोमा/ डिग्री/एमबीए पास हैं. उन कर्मियों की आंतरिक नियुक्ति से निकालकर नियुक्त किया जाए.

रांची: झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (Jharkhand Power Workers Union Hunger Strike) पर बैठ गया है. बिजली बोर्ड मुख्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर कर्मचारियों के बैठ जाने से कहीं ना कहीं बिजली सप्लाई पर प्रभाव पड़ने की आशंका है. इधर बिजली बोर्ड भूख हड़ताल कर रहे कर्मियों की किसी ने कोई सुध पहले दिन नहीं ली. जिससे बिजलीकर्मी खासे नाराज दिखे.


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सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: भूख हड़ताल पर बैठे पांच कर्मचारियों में संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार, मनिंदर राणा, सुरेश हांसदा, राकेश कुमार रजक और उत्तम पासवान शामिल है. भूख हड़ताल पर बैठे पावर वर्कर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि यही रवैया रहा तो राज्य में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी. इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार होगा. गौरतलब है कि कर्मचारियों ने पहले बिजली बोर्ड के समक्ष प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रबंधन ने आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन बातचीत फेल हो गई.

झारखंड पावर वर्कर्स की मांग
- न्यू डिजीगनेशन मैपिंग के तहत कर्मचारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए. यूनियन का आरोप है की इसके तहत पदाधिकारियों को नए ग्रेड पे का लाभ दिया गया है, जबकि कर्मचारियों को इसका लाभ देने के लिए टालमटोल किया जा रहा है.
- कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों को नियमित किया जाए.
- निगम कर्मियों को 6% ऊर्जा बता दिया जाए.
- कनीय प्रबंधक के पदों को 50% पर पर आईटीआई वालों को प्रोन्नति देकर भरा जाए और शेष 50% पदों पर सीधी नियुक्ति की जाए.
- बोर्ड निगम द्वारा वर्ष 2007 से आंतरिक नियुक्ति के तहत नियुक्त कर्मियों के मामले में निदेशक मंडल से अनुमोदन प्राप्त कर सभी नियुक्ति को यथावत रखते हुए उन सभी को नए ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर के तहत प्रोन्नति दी जाए.
- सभी तकनीकी कर्मियों को केंद्रीय मुख्यालय स्तर से पदोन्नति दी जाए क्योंकि अलग-अलग अंचलों में की जाने वाले प्रोन्नति से एक ही साथ नियुक्त कर्मियों की प्रोन्नति तिथि में भिन्नता के कारण वरीय कनीय तथा कनीय-वरीय हो जाते हैं.
- वैसे कर्मी जो डिप्लोमा/ डिग्री/एमबीए पास हैं. उन कर्मियों की आंतरिक नियुक्ति से निकालकर नियुक्त किया जाए.

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