रांची: जातीय जनगणना को लेकर राहुल गांधी के एक बयान ने मुद्दे को एक बड़ा बना दिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान के बाद जहां झारखंड कांग्रेस जातीय जनगणना को लेकर मुखर हो गयी है. वहीं अब सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी खुलकर जातीय जनगणना को जरूरी बताने लगा है. पहले जातीय जनगणना पर झामुमो का स्टैंड साफ नहीं था. वहीं झारखंड भाजपा जातीय जनगणना को लेकर अभी उधेड़बुन की स्थिति में दिखाई दे रही है.
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राजभवन बना राजनीति का केंद्र: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि विधानसभा से पारित विधेयकों को राजभवन लौटा रही है. उन विधेयकों को कैसे अमलीजामा पहनाया जाए. खासकर के ओबीसी के आरक्षण बढ़ाने के कानून जैसे विधेयकों को. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर अपनी सरकार से भी आग्रह करेंगे. समाज के सभी वर्गों की हिस्सेदारी तय करने के लिए जातीय जनगणना जरूरी है.
भाजपा से नहीं मिला स्पष्ट जवाब: जातीय जनगणना कराने को लेकर जहां सत्ताधारी दल कांग्रेस, झामुमो और राजद अब खुलकर बात कर रहे हैं. वहीं झारखंड भाजपा में की स्पष्ट राय नहीं है. झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि दरअसल कांग्रेस के पास कोई एजेंडा नहीं बचा है, ऐसे में वह जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सरकार में जितना ओबीसी का कल्याण हुआ है, उतना कांग्रेस ने कभी नहीं किया. बीजेपी से जब सवाल दोहराया गया कि क्या झारखंड भाजपा भी जातीय जनगणना के पक्ष में हैं ? जवाब में बस इतना ही कहा कि हम जनता के हितों के साथ रहते हैं.
जातीय जनगणना जरूरी: झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जातीय जनगणना जरूरी है. यह एक वैज्ञानिक पद्धति है. 1931 के बाद से कोई अधिकृत डेटा नहीं है कि किस जाति की कितनी संख्या है, वह क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के साथ धार्मिक सरना कोड भी लागू होना चाहिए. वहीं झारखंड राजद ने कहा कि एक राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की बात उठायी है, वह धन्यवाद के पात्र हैं. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल तो हमेशा से जातीय जनगणना के पक्ष में रहे हैं.