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Jharkhand Politics: 'जो ढोल बजा रहे, अबीर लगा रहे वे यूपी जाएं' कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर कहा कि लोकतंत्र में हार और जीत होती रहती है. कहा कि भाजपा अपनी हार की समीक्षा करेगी.

Jharkhand BJP Politics
जानकारी देते बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश
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Published : May 15, 2023, 7:32 PM IST

जानकारी देते बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश

रांची: बीजेपी अभी से ही 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. झारखंड में पिछले चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी को कम मत मिले थे, वैसे बुथों को अभी से मजबूत किया जा रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कर्नाटक चुनाव परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा कि कांग्रेस को यूपी में अपनी स्थिति देखनी चाहिए. जहां निकाय चुनाव में पार्टी सफाचट हो गई. कहा यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ती है.

ये भी पढ़ें:कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद क्या कांग्रेस की झारखंड में बदलेगी भूमिका? झामुमो और राजद ने दिया ये जवाब

कर्नाटक चुनाव परिणाम से झटका: कर्नाटक चुनाव परिणाम से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. उम्मीद के ठीक विपरीत आए इस चुनाव परिणाम के बाद अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चिंता बढा दी है. शायद यही वजह है कि पार्टी अभी से अपनी कमियों को दूर करने में जुट गई है. इसके तहत लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम का अध्ययन कर वैसे बूथों को चिंहित किया गया है, जहां बीजेपी प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ गए थे.

रांची लोकसभा में 100 बूथ चयनित: बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की देखरेख में हो रही इस आंतरिक सर्वे में रांची लोकसभा क्षेत्र में करीब 100 ऐसे बूथ चिंहित किए गए हैं, जहां बीजेपी प्रत्याशी वोट पाने में पिछड़ गए थे. हालांकि इस सीट से बीजेपी को भले ही जीत मिली, मगर ऐसे 100 बूथ पर पार्टी किन कारणों से पीछे रही इसका आकलन बड़े ही गुप्त रुप से कार्यकर्ताओं के द्वारा कराया जा रहा है. एक एक कार्यकर्ता को पांच से सात बूथ दिए गए हैं, जहां पर जाकर कारण सहित उन्हें लिखित में जवाब देना है.

विरोधी का नाम और नंबर भी: कमजोर बूथ को मजबूत करने के उद्देश्य से बीजेपी कमर कस चुकी है. आकलन के तहत उस बूथ के नजदीक रहनेवाले भाजपा विरोधी नेताओं के नाम और नंबर भी कार्यकर्ता सर्वे रिपोर्ट में लिख रहे हैं. इसके अलावे कमजोर बूथों को तीन श्रेणी में बांटकर इसका आकलन किया जा रहा है. पहला नंबर पर वैसे बूथ है जिसपर बीजेपी 2019 के चुनाव में महज 30 वोट से पिछड़ गई थी. दूसरा नंबर पर 120 वोट से पिछड़ने वाली और तीसरे नंबर पर 300 वोटों से पिछड़ने वाले बूथ है. इन बूथों पर बीजेपी हार के कारण, स्थानीय मुद्दा, सामाजिक और जातीय समीकरण और महिला पुरुष मतदाताओं की संख्या का आकलन कार्यकर्ता करेंगे.

पार्टी कमियों की कर रही समीक्षा: जानकारी के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दरम्यान कांटाटोली बस पड़ाव के नजदीक स्थित एक मतदान केन्द्र पर वोट काफी कम पड़े थे. इसी तरह हिंदपीढ़ी, धुर्वा, हटिया, सिल्ली, ईचागढ़ के कुछ मतदान केन्द्र पर भाजपा को कम वोट मिला था. जब ईटीवी भारत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से इस संदर्भ में पूछा तो उन्होंने भी इसे स्वीकारते हुए कहा कि पार्टी अपनी कमियों को इसके जरिए जानने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम का कोई खास प्रभाव नहीं पड़नेवाला है. भाजपा कार्यकर्ता पूरी तैयारी के साथ अगले साल चुनाव मैदान में उतरेंगे. आज जो जश्न मना रहे हैं उन्हें उत्तर प्रदेश जाना चाहिए जहां के निकाय चुनाव में कांग्रेस की अर्थी निकल गई है.

जानकारी देते बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश

रांची: बीजेपी अभी से ही 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. झारखंड में पिछले चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी को कम मत मिले थे, वैसे बुथों को अभी से मजबूत किया जा रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कर्नाटक चुनाव परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा कि कांग्रेस को यूपी में अपनी स्थिति देखनी चाहिए. जहां निकाय चुनाव में पार्टी सफाचट हो गई. कहा यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ती है.

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कर्नाटक चुनाव परिणाम से झटका: कर्नाटक चुनाव परिणाम से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. उम्मीद के ठीक विपरीत आए इस चुनाव परिणाम के बाद अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चिंता बढा दी है. शायद यही वजह है कि पार्टी अभी से अपनी कमियों को दूर करने में जुट गई है. इसके तहत लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम का अध्ययन कर वैसे बूथों को चिंहित किया गया है, जहां बीजेपी प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ गए थे.

रांची लोकसभा में 100 बूथ चयनित: बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की देखरेख में हो रही इस आंतरिक सर्वे में रांची लोकसभा क्षेत्र में करीब 100 ऐसे बूथ चिंहित किए गए हैं, जहां बीजेपी प्रत्याशी वोट पाने में पिछड़ गए थे. हालांकि इस सीट से बीजेपी को भले ही जीत मिली, मगर ऐसे 100 बूथ पर पार्टी किन कारणों से पीछे रही इसका आकलन बड़े ही गुप्त रुप से कार्यकर्ताओं के द्वारा कराया जा रहा है. एक एक कार्यकर्ता को पांच से सात बूथ दिए गए हैं, जहां पर जाकर कारण सहित उन्हें लिखित में जवाब देना है.

विरोधी का नाम और नंबर भी: कमजोर बूथ को मजबूत करने के उद्देश्य से बीजेपी कमर कस चुकी है. आकलन के तहत उस बूथ के नजदीक रहनेवाले भाजपा विरोधी नेताओं के नाम और नंबर भी कार्यकर्ता सर्वे रिपोर्ट में लिख रहे हैं. इसके अलावे कमजोर बूथों को तीन श्रेणी में बांटकर इसका आकलन किया जा रहा है. पहला नंबर पर वैसे बूथ है जिसपर बीजेपी 2019 के चुनाव में महज 30 वोट से पिछड़ गई थी. दूसरा नंबर पर 120 वोट से पिछड़ने वाली और तीसरे नंबर पर 300 वोटों से पिछड़ने वाले बूथ है. इन बूथों पर बीजेपी हार के कारण, स्थानीय मुद्दा, सामाजिक और जातीय समीकरण और महिला पुरुष मतदाताओं की संख्या का आकलन कार्यकर्ता करेंगे.

पार्टी कमियों की कर रही समीक्षा: जानकारी के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दरम्यान कांटाटोली बस पड़ाव के नजदीक स्थित एक मतदान केन्द्र पर वोट काफी कम पड़े थे. इसी तरह हिंदपीढ़ी, धुर्वा, हटिया, सिल्ली, ईचागढ़ के कुछ मतदान केन्द्र पर भाजपा को कम वोट मिला था. जब ईटीवी भारत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से इस संदर्भ में पूछा तो उन्होंने भी इसे स्वीकारते हुए कहा कि पार्टी अपनी कमियों को इसके जरिए जानने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम का कोई खास प्रभाव नहीं पड़नेवाला है. भाजपा कार्यकर्ता पूरी तैयारी के साथ अगले साल चुनाव मैदान में उतरेंगे. आज जो जश्न मना रहे हैं उन्हें उत्तर प्रदेश जाना चाहिए जहां के निकाय चुनाव में कांग्रेस की अर्थी निकल गई है.

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