ETV Bharat / state

झारखंड पुलिस के सिपाही से डीएसपी तक कर रहे प्रमोशन का इंतजार, टूट रहा सपना - केंद्रीय गृह मंत्रालय

झारखंड पुलिस विभाग (JHARKHAND POLICE DEPARTMENT)में चार साल से प्रमोशन नहीं हुआ (Promotion in Jharkhand Police pending ) है. इससे झारखंड पुलिस के सिपाही से डीएसपी तक प्रमोशन का इंतजार करते रिटायर हो रहे हैं. पद खाली होने से कामकाज पर भी असर पड़ रहा है.

Jharkhand Police Promotion pending
झारखंड पुलिस के सिपाही से डीएसपी तक कर रहे प्रमोशन का इंतजार
author img

By

Published : Aug 19, 2021, 9:25 AM IST

Updated : Aug 19, 2021, 12:25 PM IST

रांचीः झारखंड पुलिस की व्यवस्था ठीक से नहीं चल पा रही है. प्रमोशन की आस लिए सिपाही से लेकर डीएसपी तक रिटायर हो रहे हैं. डीएसपी बनने की ललक लिए इंस्पेक्टर स्तर के कई अधिकारी अब तक रिटायर हो चुके हैं. डीएसपी बनने का उनका सपना अब टूटता नजर आ रहा है. वहीं झारखंड में प्रमोशन नहीं (Jharkhand Police Promotion)होने से 24 आईपीएस अधिकारियों के पद भी खाली हैं.

ये भी पढ़ें-मिलिए, खतरों के खिलाड़ी इंस्पेक्टर 'मोदी' से, 27 साल के करियर में 800 बम कर चुके हैं डिफ्यूज

क्या है पूरा मामला

झारखंड में प्रमोशन नहीं होने के कारण प्रमोशन से भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के 24 पद भी खाली हैं. साल 2017 में 9, 2018 में 4 , 2019 में पांच आईपीएस रिटायर हुए थे, वहीं साल 2020 में भी छह प्रमोटी आईपीएस अधिकारी रिटायर हुए थे, ये सभी पद अभी तक खाली हैं. इन पदों पर प्रमोशन का इंतजार कर रहे कई अफसर भी आईपीएस बनने की चाहत लिए ही रिटायर हो चुके हैं. जबकि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही लिखा था कि साल 2017 से 19 तक की पेंडिंग सिलेक्शन लिस्ट प्राथमिकता के आधार पर बनाई जाए, ताकि पुलिस सेवा के अफसरों को प्रोन्नति दी जा सके.

आखिरी बार 2017 में हुई थी प्रोन्नति

गौरतलब है कि राज्य में जेपीएससी (JPSC) के जरिये बहाल हुए एक भी पुलिस सेवा के अधिकारी को अब तक आईपीएस में प्रोन्नति नहीं मिल पाई है. आखिरी बार साल 2017 में उससे पूर्व के खाली पदों पर आईपीएस में अधिकारियों की प्रोन्नति हुई थी. अभी राज्य निर्माण के बाद जेपीएससी से झारखंड पुलिस सेवा में बहाल हुए किसी भी पुलिस अधिकारी को डीएसपी से सीनियर डीएसपी, एएसपी या एसपी के रैंक में प्रमोशन नहीं मिल पाया है.

ये भी पढ़ें-Corona Vaccine Offer! झारखंड पुलिस की पेशकश- नक्सली सरेंडर करें और पाएं कोरोना टीका

इनके प्रमोशन में भी अड़ंगा

इधर सीमित परीक्षा के बाद प्रमोशन से भरे जाने वाले दरोगा के 1100 से अधिक पद खाली रह गए थे और नियमावली खत्म नहीं हो पाने के कारण बीते तीन सालों में प्रमोशन से दरोगा के लिए रिक्त पद बढ़कर अब तकरीबन 2 हजार हो गए हैं. प्रमोशन पर रोक के कारण जमादार से दरोगा पद पर भी कर्मचारियों की प्रोन्नति नहीं हो पा रही है.

जूनियर अफसर प्रमोशन के इंतजार में हो रहे रिटायर

लंबे समय से प्रमोशन पर रोक के कारण राज्य पुलिस के डीएसपी रैंक पर प्रमोशन के योग्य पाए गए 36 अधिकारियों में से तकरीबन दस जुलाई महीने तक रिटायर हो चुके हैं. 2018 के बाद एएसआई स्तर के अधिकारियों की प्रोन्नति नहीं हुई है, नियमत: प्रत्येक साल के जून महीने तक की रिक्ति के आधार पर जुलाई महीने में प्रोन्नति हो जानी चाहिए, लेकिन सीमित परीक्षा संबंधी नियमावली वापस नहीं होने के कारण 2018 के बाद से 800 से अधिक दरोगा के पद खाली हो चुके हैं और प्रोन्नति के जरिए भरे जाने वाले पदों को नहीं भरे जाने के कारण दरोगा बनने के योग्य सैकड़ों पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-सूना-सूना पुलिस महकमा! IPS अधिकारियों के 22 पद खाली, हर विंग में अफसरों की भारी कमी

अफसरों की कमी का कामकाज पर असर

आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण अधिकांश बटालियनों की जिम्मेदारी प्रभार पर देकर चलाई जा रही है. सीआईडी, स्पेशल ब्रांच जैसे अहम संगठनों में भी एसपी के पद खाली हैं, एससीआरबी व एसीबी का काम प्रभार पर चलाया जा रहा है. सीआईडी में वर्तमान में चार पद हैं, लेकिन यहां सिर्फ एक एसपी कार्यरत हैं. राजधानी जैसी जगह पर ट्रैफिक एसपी का पद खाली है. इससे कामकाज पर असर पड़ रहा है.

गृह विभाग में लंबित है फाइल

राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस में प्रोन्नत करने से जुड़ी फाइल गृह विभाग में लंबित है. वर्तमान में जेपीएससी (JPSC) के दूसरे और तीसरे बैच के आईपीएस अधिकारी आईपीएस प्रमोशन के दायरे में आएंगे. लेकिन अबतक इन अधिकारियों का सीनियर डीएसपी व एएसपी पद पर भी प्रमोशन नहीं हुआ है. जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार डीएसपी स्तर के अधिकारियों को पहले सीनियर डीएसपी व एएसपी में प्रोन्नत करेगी, इसके बाद यूपीएससी के जरिए आईपीएस प्रमोशन किया जाएगा.

रांचीः झारखंड पुलिस की व्यवस्था ठीक से नहीं चल पा रही है. प्रमोशन की आस लिए सिपाही से लेकर डीएसपी तक रिटायर हो रहे हैं. डीएसपी बनने की ललक लिए इंस्पेक्टर स्तर के कई अधिकारी अब तक रिटायर हो चुके हैं. डीएसपी बनने का उनका सपना अब टूटता नजर आ रहा है. वहीं झारखंड में प्रमोशन नहीं (Jharkhand Police Promotion)होने से 24 आईपीएस अधिकारियों के पद भी खाली हैं.

ये भी पढ़ें-मिलिए, खतरों के खिलाड़ी इंस्पेक्टर 'मोदी' से, 27 साल के करियर में 800 बम कर चुके हैं डिफ्यूज

क्या है पूरा मामला

झारखंड में प्रमोशन नहीं होने के कारण प्रमोशन से भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के 24 पद भी खाली हैं. साल 2017 में 9, 2018 में 4 , 2019 में पांच आईपीएस रिटायर हुए थे, वहीं साल 2020 में भी छह प्रमोटी आईपीएस अधिकारी रिटायर हुए थे, ये सभी पद अभी तक खाली हैं. इन पदों पर प्रमोशन का इंतजार कर रहे कई अफसर भी आईपीएस बनने की चाहत लिए ही रिटायर हो चुके हैं. जबकि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही लिखा था कि साल 2017 से 19 तक की पेंडिंग सिलेक्शन लिस्ट प्राथमिकता के आधार पर बनाई जाए, ताकि पुलिस सेवा के अफसरों को प्रोन्नति दी जा सके.

आखिरी बार 2017 में हुई थी प्रोन्नति

गौरतलब है कि राज्य में जेपीएससी (JPSC) के जरिये बहाल हुए एक भी पुलिस सेवा के अधिकारी को अब तक आईपीएस में प्रोन्नति नहीं मिल पाई है. आखिरी बार साल 2017 में उससे पूर्व के खाली पदों पर आईपीएस में अधिकारियों की प्रोन्नति हुई थी. अभी राज्य निर्माण के बाद जेपीएससी से झारखंड पुलिस सेवा में बहाल हुए किसी भी पुलिस अधिकारी को डीएसपी से सीनियर डीएसपी, एएसपी या एसपी के रैंक में प्रमोशन नहीं मिल पाया है.

ये भी पढ़ें-Corona Vaccine Offer! झारखंड पुलिस की पेशकश- नक्सली सरेंडर करें और पाएं कोरोना टीका

इनके प्रमोशन में भी अड़ंगा

इधर सीमित परीक्षा के बाद प्रमोशन से भरे जाने वाले दरोगा के 1100 से अधिक पद खाली रह गए थे और नियमावली खत्म नहीं हो पाने के कारण बीते तीन सालों में प्रमोशन से दरोगा के लिए रिक्त पद बढ़कर अब तकरीबन 2 हजार हो गए हैं. प्रमोशन पर रोक के कारण जमादार से दरोगा पद पर भी कर्मचारियों की प्रोन्नति नहीं हो पा रही है.

जूनियर अफसर प्रमोशन के इंतजार में हो रहे रिटायर

लंबे समय से प्रमोशन पर रोक के कारण राज्य पुलिस के डीएसपी रैंक पर प्रमोशन के योग्य पाए गए 36 अधिकारियों में से तकरीबन दस जुलाई महीने तक रिटायर हो चुके हैं. 2018 के बाद एएसआई स्तर के अधिकारियों की प्रोन्नति नहीं हुई है, नियमत: प्रत्येक साल के जून महीने तक की रिक्ति के आधार पर जुलाई महीने में प्रोन्नति हो जानी चाहिए, लेकिन सीमित परीक्षा संबंधी नियमावली वापस नहीं होने के कारण 2018 के बाद से 800 से अधिक दरोगा के पद खाली हो चुके हैं और प्रोन्नति के जरिए भरे जाने वाले पदों को नहीं भरे जाने के कारण दरोगा बनने के योग्य सैकड़ों पुलिसकर्मी रिटायर हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-सूना-सूना पुलिस महकमा! IPS अधिकारियों के 22 पद खाली, हर विंग में अफसरों की भारी कमी

अफसरों की कमी का कामकाज पर असर

आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण अधिकांश बटालियनों की जिम्मेदारी प्रभार पर देकर चलाई जा रही है. सीआईडी, स्पेशल ब्रांच जैसे अहम संगठनों में भी एसपी के पद खाली हैं, एससीआरबी व एसीबी का काम प्रभार पर चलाया जा रहा है. सीआईडी में वर्तमान में चार पद हैं, लेकिन यहां सिर्फ एक एसपी कार्यरत हैं. राजधानी जैसी जगह पर ट्रैफिक एसपी का पद खाली है. इससे कामकाज पर असर पड़ रहा है.

गृह विभाग में लंबित है फाइल

राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस में प्रोन्नत करने से जुड़ी फाइल गृह विभाग में लंबित है. वर्तमान में जेपीएससी (JPSC) के दूसरे और तीसरे बैच के आईपीएस अधिकारी आईपीएस प्रमोशन के दायरे में आएंगे. लेकिन अबतक इन अधिकारियों का सीनियर डीएसपी व एएसपी पद पर भी प्रमोशन नहीं हुआ है. जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार डीएसपी स्तर के अधिकारियों को पहले सीनियर डीएसपी व एएसपी में प्रोन्नत करेगी, इसके बाद यूपीएससी के जरिए आईपीएस प्रमोशन किया जाएगा.

Last Updated : Aug 19, 2021, 12:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.