रांची: कोरोना महामारी के काल में झारखंड पुलिस का डायल 100 ईश्वर का दूसरा रूप बन गया है. कोरोना महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए झारखंड सहित देश भर में लॉकडाउन जारी है. इस वजह से परेशान लोग हर काम के लिए पुलिस की मदद ले रहे हैं. ऐसे क्राइम कंट्रोल के लिए बने डायल 100 का स्वरूप बदल गया है. लॉक डाउन के दौरान लोगों की निर्भरता 100 डायल पर इस प्रकार बढ़ी है की वह अब अपने फोन और डीटीएच को रिचार्ज करने के लिए भी पुलिस के पास फोन कर रहे हैं.
लॉकडाउन में बना 100 डायल सहारा
झारखंड पुलिस का 100 डायल सेवा की मदद से लॉकडाउन के पीरियड में अब जरूरतमंदों को खाना और राशन भी पहुंचाया जा रहा है. वैसे यह सेवा आम जनता को तत्काल पुलिस सेवा मुहैया कराने के लिए है, लेकिन कोरोना आपदा के बीच लगे लॉकडाउन के कारण 100 डायल पर अधिकांश सूचनाएं राशन और खाना ना होने की आ रही हैं. इसलिए बदलते वक्त में झारखंड पुलिस भी नई भूमिका में आ गई है. जैसे ही डायल 100 पर ऐसी कोई सूचना आती है पुलिस जरूरतमंद तक तत्काल खाना और राशन लेकर पहुंच जाती है, या फिर किसी माध्यम से उन तक खाना और राशन पहुंचा दिया जाता है. इस काम में पुलिस को पूरे झारखंड में जन सहयोग भी मिल रहा है.
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पुलिस की छवि बदल गई
रांची के डीआईजी अमोल होमकर की आंखें खुशी से चमक जाती है जब वे बताते हैं कि इन दिनों सड़कों पर पुलिस की गाड़ियां किसी अपराध की सूचना पर नहीं, बल्कि राशन खत्म होने की सूचना पर दौड़ रही है. पुलिस की टीम अपने साथ खाने के पैकेट और राशन लेकर जा रही है. रोजमर्रा की शिकायतों के बीच डायल 100 के कंट्रोल रूम में राशन और खाना ना होने की सूचना मिल रही है.
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जब अधिकांश फोन कॉल खाना और राशन से जुड़े आने लगे तो झारखंड पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और उसने जरूरतमंद लोगों की मदद की ठान ली. झारखंड के डीजीपी एमबी राव ने तुरंत निर्णय लेते हुए झारखंड के सभी थानों में सबसे पहले सामुदायिक किचन खुलवा दिए और साथ यह निर्देश दिया कि 100 डायल पर जैसे ही कोई सूचना खाने से संबंधी आती है, तुरंत उस व्यक्ति तक खाना पहुंचाया जाए.
झारखंड पुलिस के एडीजी मुरारी लाल मीणा भी अपने महकमे के काम से काफी खुश हैं. उनका कहना है लॉकडाउन में अपराध की वारदातों में बेहद कमी आई है, अब 100 डायल पर सिर्फ वैसे लोगों के फोन आ रहे हैं जो पुलिस से अपने लिए दैनिक मदद चाहते हैं.
लगातार बिजी दिख रहे जवान, 24 घंटे चल रही ड्यूटी
रांची के सीनियर एसपी कार्यालय के छठे माले पर स्थित 100 डायल का कार्यालय में इन दिनों चौबीसों घंटे गहमागहमी रहती है. ईटीवी भारत की टीम जब 100 डायल के कंट्रोल रूम में पहुंची तो वहां का नजारा बिल्कुल अलग था. डायल 100 के कंट्रोल रूम में तैनात पुलिस वाले लगातार लोगों के कॉल को अटेंड कर रहे थे और तुरंत उनकी समस्याओं को उनके संबंधित थानों और पीसीआर तक पहुंचा रहे थे, ताकि जरूरतमंद लोगों की समस्याओं का समाधान तुरंत हो सके.
सुविधा के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं ब्लूटूथ फोन
रांची का डायल हंड्रेड कंट्रोल रूम बेहद आधुनिक है, सबसे पहले यहां तो किसी भी पुलिस वाले को फोन अपने हाथ से नहीं उठाना है. वह ब्लूटूथ से कनेक्ट है. ऐसे में पुलिस वालों को काफी आसानी होती है. उनके दोनों हाथ फ्री रहते हैं, जिसकी वजह से वे तुरंत आए हुए संदेशों को दूसरे जगह प्रेषित कर देते हैं.
पहले 3 हजार आते थे कॉल अब 6 हजार आते हैं रोज
डायल 100 के कंट्रोल रूम में अपनी ड्यूटी पर तैनात एएसआई राजश्री राय बेहद उत्साहित दिखी. उन्होंने बताया कि हमारे पास पहले (कोरोना महामारी के पहले) 3000 से 3500 कॉल हर रोज आते थे, लेकिन अब जब से लॉकडाउन हुआ तब से कॉल की संख्या बढ़ कर 6 हजार से अधिक हो गई है.
नादानी में भी करते है लोग कहते है फोन रिचार्ज कर दीजिए
डायल 100 में तैनात पुलिसकर्मियों की मानें तो वे दिन-रात यहां पर सिर्फ इसलिए ड्यूटी कर रहे हैं, ताकि लोगों की मदद की जा सके और उनकी मदद की भी जा रही है, क्योंकि कोरोना वायरस से लोग मुसीबत में फंसे हैं और उनके पास खाने-पीने के सामान नहीं है. ऐसे में वे लगातार 100 डायल पर सूचना देते हैं और उन्हें खाना पहुंचाया जाता है या फिर दूसरी तरह की सहायता भी दी जाती है, लेकिन कुछ ऐसे नादान लोग भी हैं जो 100 डायल में फोन कर डीटीएच और फोन को रिचार्ज करने की बातें भी कहते हैं. उनके साथ भी हमारे पुलिसकर्मी दुर्व्यवहार नहीं करते बल्कि उन्हें समझाया जाता है, कि डीटीएच और फोन रिचार्ज आप खुद कर सकते हैं. उसके लिए पुलिस की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कुछ लोग डायल 100 पर देते हैं गालियां
डायल 100 जाने पर यह भी पता चला है कि कुछ लोग आपदा की घड़ी में काम लोगों की मदद करने वाले कंट्रोल रूम में भी फोन करके गालियां देते हैं. खासकर जब डायल 100 में महिला कर्मी ड्यूटी पर रहती हैं, हालांकि इन सबके बावजूद यह टीम बहुत ही बेहतर काम कर रही है. पुलिसकर्मी 24 घंटे लगातार ड्यूटी करते हैं और गालियां सुनकर भी बुरा नहीं मानते हैं. वह यह सोचकर सब कुछ भूल जाते हैं, कि यह समय महामारी से निपटने का है.
मैन पावर बढ़ाया गया है
रांची डीआईजी अमोल होमकर के अनुसार करोना के संक्रमण के काल में 100 डायल की टीम का काम काफी बढ़ गया है. ऐसे में वहां पर अतिरिक्त मैन पावर लगाया गया है. एक डीएसपी स्तर के अधिकारी को भी तैनात किया गया है, जो पूरे मामले की मॉनिटरिंग करते हैं. डीआईजी की मानें तो केवल 100 डायल पर ही नहीं इस विपदा की घड़ी में झारखंड के डीजीपी सहित हर पुलिस अधिकारी का नंबर सार्वजनिक कर दिया गया है, लोग इन नंबरों पर फोन करके भी किसी भी वक्त मदद मांग सकते हैं और उन्हें मदद पहुंचाई भी जाएगी.