रांची: बिहार में नकली शराब की वजह से हो रही मौतों के बाद झारखंड पुलिस और उत्पाद विभाग अलर्ट पर है (Police and Excise Department alert on mafias plan). सरकार के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय शराब के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के साथ-साथ लगातार शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. खासकर नए साल को लेकर शराब माफिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
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नकली शराब की हो रही तस्करी: दरअसल, झारखंड में भी किसी भी समय शराब का कहर देखने को मिल सकता है क्योंकि माफिया सस्ते शराब खरीदते हैं और उसे महंगी और ब्रांडेड बोतलों में डालकर चोरी-छिपे झारखंड में तो खपाते ही हैं, साथ ही उसकी तस्करी बिहार में भी करते हैं. कुछ माफिया लोकल शराब भी बनाते हैं. ब्रांडेड सस्ती शराब के साथ उसे मिलकर तस्करी इसकी करते हैं. इसका खुलासा हाल के दिनों में पकड़े गए शराब माफियाओं से हुई पूछताछ में भी हुआ है.
नए साल से लेकर होली तक तैयारी: पुलिस और उत्पाद विभाग के साथ-साथ स्पेशल ब्रांच की टीम भी अवैध शराब की तस्करी को रोकने में लगी हुई है. सूचना है कि बड़े पैमाने पर नए साल को लेकर अवैध शराब की खेप झारखंड के अलग-अलग इलाकों में जमा कराई गई है, जिसे धीरे-धीरे बाहर निकाला जा रहा है. जानकारी यह भी मिली है कि होली को लेकर भी अवैध शराब माफिया अभी से ही बड़े पैमाने पर अवैध शराब के निर्माण में लगे हुए हैं (Mafias plan to sell duplicate liquor in New Year). यही वजह है कि लगातार पुलिस सतर्कता बरत रही है.
एक सप्ताह में दो करोड़ से ज्यादा के शराब जब्त: पिछले एक सप्ताह में झारखंड पुलिस के द्वारा उत्पाद विभाग के सौजन्य से चलाए गए अभियान में दो करोड़ से ज्यादा के अवैध शराब जब्त किए गए हैं. वहीं 24 से ज्यादा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुचा दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईजी अभियान अमोल वी होमकर को अवैध शराब के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोडल अफसर बनाया है.
सभी जिलों में हो रही कार्रवाई: गौरतलब है कि बिहार में शराब बंदी के बाद से ही झारखंड से इसकी तस्करी बढ़ गई थी. शराब माफियाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. तस्करी के लिए हर दिन दस नए तरीके का इस्तेमाल शराब माफिया कर रहे हैं, ताकि उत्पाद और पुलिस अफसरों के आंख में धूल झोंका जा सके. तस्करी के मामलों में हो रही वृद्धि के बाद सरकार के स्तर से पुलिस मुख्यालय को टास्क दिया गया है कि वे उत्पाद विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसे. आईजी के आदेश के बाद राजधानी के साथ-साथ सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. रांची एसएसपी किशोर कौशल के अनुसार मुख्यालय के आदेश के बाद अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.
स्पेशल ब्रांच ने भी दी है रिपोर्ट: उत्पाद विभाग और स्पेशल ब्रांच ने मिलकर अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वाले ऐसे 90 शराब माफियाओं की सूची तैयार की है. इन माफियाओं पर सीसीए लगाने और तड़ीपार करने की अनुसंशा भी की गई है. एजेंसी का मानना है कि बिहार में शराबबंदी होने के बाद झारखंड में तस्करों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार अधिक कमाई होने की वजह से नए-नए लोग इस धंधे में जुड़ रहे हैं. बिहार में शराब की तस्करी भी कर रहे हैं. विभाग के पास ऐसे शराब माफियाओं की पूरी लिस्ट भी है. जानकारी यह भी है कि उत्पाद विभाग की टीम इन्हें पकड़ कर जेल भी भेज रही है, लेकिन जेल से छूटने के बाद वे फिर से शराब की तस्करी कर रहे हैं. कमाई का लालच देकर शराब माफिया इस धंधे में कई नए लोगों को भी जोड़कर उनसे तस्करी करवा रहे हैं.
उत्पाद विभाग ने पुलिस को सौंपा लिस्ट: उत्पाद विभाग ने रांची के वैसे सभी शराब माफियाओं की लिस्ट पुलिस विभाग को उपलब्ध करवाई है, जो लगातार अवैध शराब की तस्करी में एक्टिव रहते हैं. पुलिस विभाग को जो लिस्ट दी गई है, उसमें चान्हो का विष्णु साहू, खलारी का कैला महतो, नगड़ी का बालकरण महतो, चुटिया थाना क्षेत्र का गुड्डू साहू, टाटीसिल्वे का संतोष मुंडा, सिल्ली थाना क्षेत्र का विष्णु पोद्दार, नगड़ी का गणेश गोराई व हरेंद्र सिंह, सुखदेव नगर का अंकित गुप्ता, रातू का भूषण टोप्पो, सुखदेव नगर का संजय लोहरा, सुखदेवनगर का अनिल साहू, एयरपोर्ट थाना क्षेत्र का गंगा साहू व गंगा सागर, सोनाराम साहू, कांके का सोनू कुमार, राजू साव, अजय साहू, एयरपोर्ट थाना क्षेत्र का संजय साहू आदि शामिल है.
सरकार के निर्देश पर तैयार की गई सूची: सहायक उत्पाद आयुक्त रामलीला रवानी ने बताया कि नकली शराब की वजह से सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है. जिसे देखते हुए उत्पाद विभाग को शराब माफियाओं की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था. उत्पाद विभाग और स्पेशल ब्रांच ने मिलकर सिर्फ रांची में ही 90 नकली शराब का कारोबार करने वालों की सूची तैयार की है. पिछले 1 सप्ताह के भीतर ही लगभग एक हजार पेटी अवैध शराब जब्त भी किया है.
नये साल के जश्न में नकली शराब खपाने की योजना, पुलिस और उत्पाद विभाग अलर्ट, राडार पर हैं कई माफिया
नये साल को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं. इस उत्साह के बीच शराब माफिया झारखंड में अवैध शराब खपाने की योजना में है (Mafias plan to sell duplicate liquor in New Year). हालांकि, झारखंड में बिहार जैसी स्थिति ना हो इसे लेकर राज्य सरकार काफी अलर्ट है. झारखंड पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा शराब माफियाओं पर पैनी नजर रखी जा रही है. माफियाओं की एक लंबी लिस्ट भी तैयार की गई है.
रांची: बिहार में नकली शराब की वजह से हो रही मौतों के बाद झारखंड पुलिस और उत्पाद विभाग अलर्ट पर है (Police and Excise Department alert on mafias plan). सरकार के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय शराब के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के साथ-साथ लगातार शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. खासकर नए साल को लेकर शराब माफिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
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नकली शराब की हो रही तस्करी: दरअसल, झारखंड में भी किसी भी समय शराब का कहर देखने को मिल सकता है क्योंकि माफिया सस्ते शराब खरीदते हैं और उसे महंगी और ब्रांडेड बोतलों में डालकर चोरी-छिपे झारखंड में तो खपाते ही हैं, साथ ही उसकी तस्करी बिहार में भी करते हैं. कुछ माफिया लोकल शराब भी बनाते हैं. ब्रांडेड सस्ती शराब के साथ उसे मिलकर तस्करी इसकी करते हैं. इसका खुलासा हाल के दिनों में पकड़े गए शराब माफियाओं से हुई पूछताछ में भी हुआ है.
नए साल से लेकर होली तक तैयारी: पुलिस और उत्पाद विभाग के साथ-साथ स्पेशल ब्रांच की टीम भी अवैध शराब की तस्करी को रोकने में लगी हुई है. सूचना है कि बड़े पैमाने पर नए साल को लेकर अवैध शराब की खेप झारखंड के अलग-अलग इलाकों में जमा कराई गई है, जिसे धीरे-धीरे बाहर निकाला जा रहा है. जानकारी यह भी मिली है कि होली को लेकर भी अवैध शराब माफिया अभी से ही बड़े पैमाने पर अवैध शराब के निर्माण में लगे हुए हैं (Mafias plan to sell duplicate liquor in New Year). यही वजह है कि लगातार पुलिस सतर्कता बरत रही है.
एक सप्ताह में दो करोड़ से ज्यादा के शराब जब्त: पिछले एक सप्ताह में झारखंड पुलिस के द्वारा उत्पाद विभाग के सौजन्य से चलाए गए अभियान में दो करोड़ से ज्यादा के अवैध शराब जब्त किए गए हैं. वहीं 24 से ज्यादा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुचा दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईजी अभियान अमोल वी होमकर को अवैध शराब के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोडल अफसर बनाया है.
सभी जिलों में हो रही कार्रवाई: गौरतलब है कि बिहार में शराब बंदी के बाद से ही झारखंड से इसकी तस्करी बढ़ गई थी. शराब माफियाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. तस्करी के लिए हर दिन दस नए तरीके का इस्तेमाल शराब माफिया कर रहे हैं, ताकि उत्पाद और पुलिस अफसरों के आंख में धूल झोंका जा सके. तस्करी के मामलों में हो रही वृद्धि के बाद सरकार के स्तर से पुलिस मुख्यालय को टास्क दिया गया है कि वे उत्पाद विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसे. आईजी के आदेश के बाद राजधानी के साथ-साथ सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. रांची एसएसपी किशोर कौशल के अनुसार मुख्यालय के आदेश के बाद अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.
स्पेशल ब्रांच ने भी दी है रिपोर्ट: उत्पाद विभाग और स्पेशल ब्रांच ने मिलकर अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वाले ऐसे 90 शराब माफियाओं की सूची तैयार की है. इन माफियाओं पर सीसीए लगाने और तड़ीपार करने की अनुसंशा भी की गई है. एजेंसी का मानना है कि बिहार में शराबबंदी होने के बाद झारखंड में तस्करों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार अधिक कमाई होने की वजह से नए-नए लोग इस धंधे में जुड़ रहे हैं. बिहार में शराब की तस्करी भी कर रहे हैं. विभाग के पास ऐसे शराब माफियाओं की पूरी लिस्ट भी है. जानकारी यह भी है कि उत्पाद विभाग की टीम इन्हें पकड़ कर जेल भी भेज रही है, लेकिन जेल से छूटने के बाद वे फिर से शराब की तस्करी कर रहे हैं. कमाई का लालच देकर शराब माफिया इस धंधे में कई नए लोगों को भी जोड़कर उनसे तस्करी करवा रहे हैं.
उत्पाद विभाग ने पुलिस को सौंपा लिस्ट: उत्पाद विभाग ने रांची के वैसे सभी शराब माफियाओं की लिस्ट पुलिस विभाग को उपलब्ध करवाई है, जो लगातार अवैध शराब की तस्करी में एक्टिव रहते हैं. पुलिस विभाग को जो लिस्ट दी गई है, उसमें चान्हो का विष्णु साहू, खलारी का कैला महतो, नगड़ी का बालकरण महतो, चुटिया थाना क्षेत्र का गुड्डू साहू, टाटीसिल्वे का संतोष मुंडा, सिल्ली थाना क्षेत्र का विष्णु पोद्दार, नगड़ी का गणेश गोराई व हरेंद्र सिंह, सुखदेव नगर का अंकित गुप्ता, रातू का भूषण टोप्पो, सुखदेव नगर का संजय लोहरा, सुखदेवनगर का अनिल साहू, एयरपोर्ट थाना क्षेत्र का गंगा साहू व गंगा सागर, सोनाराम साहू, कांके का सोनू कुमार, राजू साव, अजय साहू, एयरपोर्ट थाना क्षेत्र का संजय साहू आदि शामिल है.
सरकार के निर्देश पर तैयार की गई सूची: सहायक उत्पाद आयुक्त रामलीला रवानी ने बताया कि नकली शराब की वजह से सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है. जिसे देखते हुए उत्पाद विभाग को शराब माफियाओं की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था. उत्पाद विभाग और स्पेशल ब्रांच ने मिलकर सिर्फ रांची में ही 90 नकली शराब का कारोबार करने वालों की सूची तैयार की है. पिछले 1 सप्ताह के भीतर ही लगभग एक हजार पेटी अवैध शराब जब्त भी किया है.