रांची: झारखंड के कुल 8 खिलाड़ियों ने कई प्रतिस्पर्धाओं के लिए ओलंपिक में हिस्सा लिया है. अब तक झारखंड को मात्र दो ही ओलंपिक के मेडल मिले हैं, जिसमें से एक गोल्ड मेडल(gold medal) महान हॉकी खिलाड़ी सिलबनुस डुंगडुंग के नाम है. वहीं, जयपाल सिंह मुंडा को कौन भूल सकता है. हर क्षेत्र में माहिर जयपाल सिंह मुंडा हॉकी के पहले ओलंपिक खिलाड़ी(olympic player) है. सिलबनुस डुंगडुंग के साथ के खिलाड़ी मनोहर टोपनो ने भी हॉकी को एक नया मुकाम दिया और ओलंपिक तक का सफर तय किया है
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काफी समय बाद एक बार फिर ओलंपिक में झारखंड का जलवा देखने को मिलेगा. बता दें कि साल 2021 के ओलंपिक गेम में झारखंड से 3 खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जिसमें हॉकी से दो खिलाड़ी हैं और एक खिलाड़ी तीरंदाजी(archery) की है. ये तीनों खिलाड़ी महिला टीम में शामिल हुई है.
झारखंड की बेटियों ने बढ़ाया मान
झारखंड की बेटियां हमेशा ही हर क्षेत्र में अव्वल रही हैं और खेल के क्षेत्र में तो पूरे विश्व को अपना लोहा मनवा चुकी है. खूंटी की रहने वाली निक्की प्रधान सिमडेगा की सलीमा टेटे और रांची से रातू चट्टी की दीपिका कुमारी इस ओलंपिक में खेलेंगी. ओलंपिक डे के मौके पर झारखंड के खेल प्रेमी और लोग अपनी बेटियों पर भरोसा भी जता रहे हैं और उम्मीद भी कर रहे हैं कि यहां की बेटियां ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर भारत के लिए मेडल जरूर जीतेंगी.
खिलाड़ियों का इतिहास
एम्स्टर्डेम में साल 1928 में जयपाल सिंह मुंडा ने ओलंपिक खेला था. मास्को ओलंपिक 1980 में आयोजित हुई थी और इस ओलंपिक में सिलबनुस डुंगडुंग ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था. मास्को में ही 1980 में ही सिलबनुस के साथ ही बास्केटबॉल गेम में हरभजन सिंह ने अचंभित करने वाला प्रदर्शन दिखाया था. मनोहर टोपनो हॉकी के लिए 1984 में ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व लॉस एंजेलिस में किया था. वहीं 2004 ओलंपिक में रीना कुमारी तीरंदाजी में शामिल हुई थी. लंदन ओलंपिक 2012 में दीपिका कुमारी तीरंदाजी गेम में खेली थी. निक्की प्रधान 2016 में आयोजित रियो ओलंपिक में खेल चुकी है. शालीमा टेटे भी 2020 टोक्यो ओलंपिक में एक बार खेल चुकी है. इस बार भी दीपिका, निक्की और सलीमा 2021 टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेंगी.