रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के दिल्ली जाने के बाद झारखंड में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. मंत्रिमंडल का 12वां चेहरा कौन होगा और किस दल से होगा. इसको लेकर जेएमएम और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ने के आसार हैं. दोनों दलों का इस पद के लिए अपने-अपने दावे हैं और इसी आधार पर सियासी चाल भी चले जा रहे हैं.
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12वें मंत्री पद पर JMM का दावा
कैबिनेट विस्तार को लेकर JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को खुलेआम दावा ठोका और कहा हेमंत मंत्रिमंडल में जब भी 12वां मंत्री बनेगा वो JMM का होगा, उन्होंने कहा इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए. उनके अनुसार महागठबंधन फार्मूला के मुताबिक ये पहले से तय है कि सात मंत्री झामुमो के होंगे, 4 कांग्रेस के और एक राजद का होगा.
JMM के दावे पर कांग्रेस का पलटवार
झामुमो के दावे को कांग्रेस ने नकार दिया है. कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने झामुमो महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल विस्तार का अधिकार है. लेकिन जब कभी 12वां मंत्री बनाया जाएगा उस समय सत्ताधारी दल कांग्रेस, झामुमो और राजद की राय लेने के बाद ही नाम तय होगा, अकेले कोई दल इस पर फैसला नहीं ले सकता है. कांग्रेस के इस बयान से 12वें मंत्रीपद को लेकर दोनों दलों के बीच की खाई बढ़ती दिखाई दे रही है.
एक पद, कई दावे
वर्तमान में झारखंड मंत्रिमंडल में JMM के पास सीएम पद के अलावा पांच मंत्री पद है, जबकि कांग्रेस कोटे के चार मंत्री हैं और सहयोगी आरजेडी के पास एक मंत्रालय है. कांग्रेस और राजद के सहयोग से राज्य में सरकार बनाने में सफल रही झामुमो ने सत्ता में भागीदारी के लिए सरकार गठन के वक्त विधायकों की संख्या को आधार बनाते हुए फार्मूला तय किया था. जिसके तहत झामुमो को 06 कांग्रेस को 4 और राजद कोटे से 1 विधायक को मंत्री बनाया गया था. झामुमो को 06 मंत्री पद के अलावा स्पीकर और मुख्यमंत्री का पद भी मिला था. ऐसे में कांग्रेस द्वारा लगातार 12वें मंत्री की दावेदारी हो रही है और यही कारण है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दोनों दलों के बीच सियासी तलवार खिंचती नजर आ रही है.
झारखंड में मंत्रिमंडल पर क्या कहता है संविधान ?
संविधान के अनुच्छेद-164 में मंत्रियों की नियुक्ति के संबंध में व्याख्या की गई है. संविधान में कहा गया है कि राज्य कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की कुल संख्या संबंधित विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, झारखंड में अभी 11 मंत्री है, जबकि एक पद खाली है, इसी खाली पद को भरने के लिए खींचतान जारी है.