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हमारी भी सुनो सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार!

निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ का प्रदर्शन पांचवें दिन प्रवेश कर गया. 7 वार 7 गुहार कार्यक्रम के तहत सोमवार को अभिभावकों ने राज्य सरकार से अभिभावकों की समस्या पर ध्यान देने की मांग की.

Jharkhand Parents Association's movement fifth day, allegation on private schools in jharkhand for arbitrariness
हमारी भी सुनो सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार!
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Published : Jul 5, 2021, 1:42 PM IST

रांचीः निजी स्कूलों पर नकेल की मांग को लेकर झारखंड अभिभावक संघ का प्रदर्शन पांचवें दिन में पहुंच गया. सोमवार को चौक-चौराहों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है. लेकिन अभी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. अभिभावकों का कहना है निजी स्कूल अनाप-शनाप फीस वसूल रहे हैं और न सरकार की न अदालत की हिदायतों को मान रहे हैं. इससे अभिभावकों की मश्किल बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें-झारखंड अभिभावक संघ का 7 वार 7 गुहार कार्यक्रम, रांची डीसी के यू-टर्न के खिलाफ आंदोलन

राज्य सरकार के निर्देश पर अप्रैल 2020 में निजी स्कूलों से कहा गया था कि वह कोविड-19 काल के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से ले सकेंगे. बिल्डिंग फंड, री-एडमिशन और अन्य मदों में पैसे नहीं लेंगे. 2021 में भी कोरोना वायरस का असर है, लेकिन इस ओर सरकार के ध्यान न देने से स्कूल अभिभावकों से मनमानी फीस लेने लगे हैं. जो अभिभावक समय पर ट्यूशन फीस नहीं दे पा रहे उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में शामिल नहीं किया जा रहा. निजी स्कूल वर्ष 2020 का नियम का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि 2021 में कोई स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार से नहीं मिला है. इसलिए वह फीस की बढ़ोतरी भी करेंगे और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में अभिभावकों से पैसे भी लेंगे.

देखें पूरी खबर


सुन नहीं रही सरकार

इस मामले को लेकर झारखंड अभिभावक संघ लगातार आंदोलन चला रहा है. अभिभावक संघ का आरोप है स्कूल अनाप-शनाप फीस ले रहे हैं. संघ सरकार से निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग कर रहा है. कुछ समय पहले इस पर संज्ञान लेते हुए रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने एक कमेटी गठित कर दी थी और निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में पैसे लेने से रोक दिया था . अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों के दबाव में आकर उपायुक्त ने यू-टर्न लिया और पूरा ठीकरा राज्य सरकार के माथे पर फोड़ दिया. राज्य सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

Jharkhand Parents Association's movement fifth day, allegation on private schools in jharkhand for arbitrariness
हमारी भी सुनो सरकार, निजी स्कूल दे रहे दुख अपार!
मुख्यमंत्री का भी नहीं ध्यानसंबंधित अधिकारियों से पूछे जाने पर उनसे कोई जवाब भी नहीं मिलता है. इन निजी स्कूलों के खिलाफ राज्य सरकार क्यों कार्रवाई नहीं करती है. यह एक बड़ा सवाल है. क्योंकि लगातार अभिभावकों की ओर से राज्य सरकार और विभिन्न मंचों पर शिकायत की जा रही है. मामले को लेकर अभिभावक संघ ने राज्यपाल से भी गुहार लगाने के बाद कही है. वहीं मुख्यमंत्री से बार-बार ऐसे निजी स्कूलों पर नकेल कसने की अपील की जा रही है.

रांचीः निजी स्कूलों पर नकेल की मांग को लेकर झारखंड अभिभावक संघ का प्रदर्शन पांचवें दिन में पहुंच गया. सोमवार को चौक-चौराहों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है. लेकिन अभी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. अभिभावकों का कहना है निजी स्कूल अनाप-शनाप फीस वसूल रहे हैं और न सरकार की न अदालत की हिदायतों को मान रहे हैं. इससे अभिभावकों की मश्किल बढ़ गई है.

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राज्य सरकार के निर्देश पर अप्रैल 2020 में निजी स्कूलों से कहा गया था कि वह कोविड-19 काल के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से ले सकेंगे. बिल्डिंग फंड, री-एडमिशन और अन्य मदों में पैसे नहीं लेंगे. 2021 में भी कोरोना वायरस का असर है, लेकिन इस ओर सरकार के ध्यान न देने से स्कूल अभिभावकों से मनमानी फीस लेने लगे हैं. जो अभिभावक समय पर ट्यूशन फीस नहीं दे पा रहे उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में शामिल नहीं किया जा रहा. निजी स्कूल वर्ष 2020 का नियम का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि 2021 में कोई स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार से नहीं मिला है. इसलिए वह फीस की बढ़ोतरी भी करेंगे और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में अभिभावकों से पैसे भी लेंगे.

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सुन नहीं रही सरकार

इस मामले को लेकर झारखंड अभिभावक संघ लगातार आंदोलन चला रहा है. अभिभावक संघ का आरोप है स्कूल अनाप-शनाप फीस ले रहे हैं. संघ सरकार से निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग कर रहा है. कुछ समय पहले इस पर संज्ञान लेते हुए रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने एक कमेटी गठित कर दी थी और निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में पैसे लेने से रोक दिया था . अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों के दबाव में आकर उपायुक्त ने यू-टर्न लिया और पूरा ठीकरा राज्य सरकार के माथे पर फोड़ दिया. राज्य सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

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मुख्यमंत्री का भी नहीं ध्यानसंबंधित अधिकारियों से पूछे जाने पर उनसे कोई जवाब भी नहीं मिलता है. इन निजी स्कूलों के खिलाफ राज्य सरकार क्यों कार्रवाई नहीं करती है. यह एक बड़ा सवाल है. क्योंकि लगातार अभिभावकों की ओर से राज्य सरकार और विभिन्न मंचों पर शिकायत की जा रही है. मामले को लेकर अभिभावक संघ ने राज्यपाल से भी गुहार लगाने के बाद कही है. वहीं मुख्यमंत्री से बार-बार ऐसे निजी स्कूलों पर नकेल कसने की अपील की जा रही है.
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