रांचीः निजी स्कूलों पर नकेल की मांग को लेकर झारखंड अभिभावक संघ का प्रदर्शन पांचवें दिन में पहुंच गया. सोमवार को चौक-चौराहों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है. लेकिन अभी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. अभिभावकों का कहना है निजी स्कूल अनाप-शनाप फीस वसूल रहे हैं और न सरकार की न अदालत की हिदायतों को मान रहे हैं. इससे अभिभावकों की मश्किल बढ़ गई है.
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राज्य सरकार के निर्देश पर अप्रैल 2020 में निजी स्कूलों से कहा गया था कि वह कोविड-19 काल के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से ले सकेंगे. बिल्डिंग फंड, री-एडमिशन और अन्य मदों में पैसे नहीं लेंगे. 2021 में भी कोरोना वायरस का असर है, लेकिन इस ओर सरकार के ध्यान न देने से स्कूल अभिभावकों से मनमानी फीस लेने लगे हैं. जो अभिभावक समय पर ट्यूशन फीस नहीं दे पा रहे उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में शामिल नहीं किया जा रहा. निजी स्कूल वर्ष 2020 का नियम का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि 2021 में कोई स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार से नहीं मिला है. इसलिए वह फीस की बढ़ोतरी भी करेंगे और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में अभिभावकों से पैसे भी लेंगे.
सुन नहीं रही सरकार
इस मामले को लेकर झारखंड अभिभावक संघ लगातार आंदोलन चला रहा है. अभिभावक संघ का आरोप है स्कूल अनाप-शनाप फीस ले रहे हैं. संघ सरकार से निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग कर रहा है. कुछ समय पहले इस पर संज्ञान लेते हुए रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने एक कमेटी गठित कर दी थी और निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में पैसे लेने से रोक दिया था . अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों के दबाव में आकर उपायुक्त ने यू-टर्न लिया और पूरा ठीकरा राज्य सरकार के माथे पर फोड़ दिया. राज्य सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.