रांची: स्थायीकरण और वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर झारखंड के करीब 65 हजार पारा शिक्षक लगातार आंदोलित हैं. इसी कड़ी में 10 फरवरी को पारा शिक्षकों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री आवास घेरने का ऐलान किया है.
बता दें कि राज्य के पारा शिक्षक रघुवर सरकार के समय से ही स्थायीकरण और वेतनमान समेत कई मांगों को लेकर आंदोलित हैं. 17 जनवरी को शिक्षकों ने विधायकों और 24 जनवरी को मंत्रियों के आवास के बाहर धरना दिया था. पारा शिक्षक एकीकृत संघ की ओर से जानकारी दी गई है कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास के बाहर पारा शिक्षक गोलबंद होकर प्रदर्शन करेंगे. अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा. पारा शिक्षकों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद घोषणा की थी कि उन्हें स्थाई किया जाएगा और वेतन निर्धारित किए जाएंगे.
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इधर, नियुक्ति नियमावली रद्द होने से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी आंदोलन के मूड में हैं. बता दें कि कि जेएसएससी से जिलों में होने वाली नियुक्ति के लिए बनी नियोजन नीति को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है. इस नियोजन नीति के रद्द होने से 11,664 उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटक गया है. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि वैसे सभी नियुक्तियों को रद्द कर दोबारा विज्ञापन जारी किया जाएगा जिनमें उम्मीदवारों की ज्वॉइनिंग अब तक नहीं हुई है. जेएसएससी की ओर से 9 परीक्षा आयोजित की जा चुकी है जिनमें अब तक सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 2016 में हुई हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति, पंचायत सचिव और लिपिक परीक्षा के अभ्यर्थी प्रभावित हो गए हैं. उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा, विशेष शाखा सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा, हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा, डिप्लोमा स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा समेत कई परीक्षाओं में शामिल हुए अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले से आक्रोशित हैं.