ETV Bharat / state

झारखंडः वेतनमान फिक्स करने का काम अब विश्वविद्यालयों का, राज्य सरकार नहीं करेगी हस्तक्षेप

राज्य सरकार अब वेतनमान फिक्स करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन को देने पर विचार विमर्श कर रही है. विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ही विभाग सही मानकर इस पर हस्तक्षेप नहीं करेगी.

रांची विवि.
रांची विवि.
author img

By

Published : May 8, 2020, 7:59 AM IST

Updated : May 8, 2020, 9:56 AM IST

रांचीः शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हो रही परेशानी को देखते हुए जल्द कदम उठाए जाएंगे. विलंब के मद्देनजर सरकार द्वारा वेतनमान फिक्स करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन को देने पर विचार विमर्श कर रही है. विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ही विभाग सही मानकर ,इस पर हस्तक्षेप नहीं करेगी. वर्तमान में विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति राज्य सरकार ही देती है.

इधर रांची विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों के सातवें वेतनमान में गड़बड़ी का एक मामला आया है. दरअसल जब शिक्षकों को एरियर भुगतान करने के लिए विभाग ने अनुमोदन मांगा तो उस दौरान पता चला कि ऐसे कई शिक्षक हैं जो सातवें वेतनमान लागू होने की तिथि से पहले ही रिटायर्ड हो चुके हैं और उन्हें पेंशन भी दी जा रही है. इसके बावजूद भी उनका नाम सातवें वेतनमान को लेकर संबंधित विभाग को दिया गया है और पैसों की निकासी भी कर ली गई है.

यह भी पढ़ेंः रांचीः अधिवक्ताओं के आर्थिक सहयोग के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने से झारखंड हाई कोर्ट ने किया इंकार

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी भूल कैसे की गई इसकी जांच की जा रही है. इस विश्वविद्यालय के रिटायर्ड शिक्षकों को कार्यरत दिखाकर राज्य सरकार से वेतन और एरियर मद में लाखों रुपए भी ले लिए गए हैं.

उच्च शिक्षा विभाग को मिली इस प्रस्ताव को देखने के बाद यह स्पष्ट हो सका है .इसमें केओ कॉलेज गुमला के भूगोल विभाग के शिक्षक ,डोरंडा कॉलेज के शिक्षक के अलावा और भी कई शिक्षकों के नाम शामिल हैं.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बात कर फिलहाल शिक्षकों का भुगतान रोक दिया है.

रांचीः शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हो रही परेशानी को देखते हुए जल्द कदम उठाए जाएंगे. विलंब के मद्देनजर सरकार द्वारा वेतनमान फिक्स करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन को देने पर विचार विमर्श कर रही है. विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ही विभाग सही मानकर ,इस पर हस्तक्षेप नहीं करेगी. वर्तमान में विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति राज्य सरकार ही देती है.

इधर रांची विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों के सातवें वेतनमान में गड़बड़ी का एक मामला आया है. दरअसल जब शिक्षकों को एरियर भुगतान करने के लिए विभाग ने अनुमोदन मांगा तो उस दौरान पता चला कि ऐसे कई शिक्षक हैं जो सातवें वेतनमान लागू होने की तिथि से पहले ही रिटायर्ड हो चुके हैं और उन्हें पेंशन भी दी जा रही है. इसके बावजूद भी उनका नाम सातवें वेतनमान को लेकर संबंधित विभाग को दिया गया है और पैसों की निकासी भी कर ली गई है.

यह भी पढ़ेंः रांचीः अधिवक्ताओं के आर्थिक सहयोग के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने से झारखंड हाई कोर्ट ने किया इंकार

रांची विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी भूल कैसे की गई इसकी जांच की जा रही है. इस विश्वविद्यालय के रिटायर्ड शिक्षकों को कार्यरत दिखाकर राज्य सरकार से वेतन और एरियर मद में लाखों रुपए भी ले लिए गए हैं.

उच्च शिक्षा विभाग को मिली इस प्रस्ताव को देखने के बाद यह स्पष्ट हो सका है .इसमें केओ कॉलेज गुमला के भूगोल विभाग के शिक्षक ,डोरंडा कॉलेज के शिक्षक के अलावा और भी कई शिक्षकों के नाम शामिल हैं.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बात कर फिलहाल शिक्षकों का भुगतान रोक दिया है.

Last Updated : May 8, 2020, 9:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.