रांची: झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 झारखंड विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन पहुंच गया है. राज्यपाल रमेश बैस की मुहर लगने के बाद यह कानून बन जायेगा. विधानसभा से भेजे गये इस बिल पर राज्यपाल कानूनी राय भी ले सकते हैं. उसके बाद इसपर सहमति मिलने की संभावना है.
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गौरतलब है कि विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान 21 दिसंबर को सदन के पटल पर यह बिल राज्य सरकार की ओर से लाया गया था. इस बिल के प्रावधानों पर हालांकि विपक्षी दल बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए सदन से वाक आउट किया था. इस बिल के विरोध में बीजेपी राज्यपाल से मिलकर इसकी मंजूरी नहीं देने की अपील कर चुकी है.
मॉब लिंचिंग बिल में ये है प्रावधान
- झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 में कहा गया है कि अगर कोई मॉब लिंचिंग में शामिल रहता है और ऐसी घटना में पीड़ित की मौत हो जाती है तो दोषी को सश्रम आजीवन कारावास के साथ 25 लाख रुपये तक जुर्माना देना होगा.
- लिंचिंग का माहौल बनाने में सहयोग करने वाले ऐसे व्यक्ति को 3 साल की सजा और एक से 3 लाख तक जुर्माना होगा.
- विधेयक में उकसाने वालों को भी दोषी माना गया है और उन्हें 3 साल की सजा और एक से 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
- मॉब लिंचिंग की रोकथाम के लिए पुलिस महानिदेशक स्तर के पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
- मॉब लिंचिंग में गंभीर रुप से घायल होने पर इस घटना के दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्र कैद तक की सजा होगी. इसके साथ ही 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.