रांची: झारखंड में मनरेगा योजना (MNREGA scheme in Jharkhand) में सेवा दे रहे 5000 से ज्यादा मनरेगाकर्मी राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव (Gherao of Minister Alamgir Alam residence) करने निकले. मनरेगाकर्मियों के आंदोलन के समय विभागीय मंत्री अपने आवास पर ही थे. इधर, विधानसभा मैदान से मंत्री का आवास घेरने के लिए आए मनरेगाकर्मियों को पुलिस ने रोक दिया तो, मनरेगाकर्मी मंत्री आलमगीर आलम के आवास के सामने धरना पर बैठ गए. जिसके बाद मंत्री आलमगीर आलम ने मनरेगाकर्मियों से वार्ता की.
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मंत्री ने प्रदर्शनकारी मनरेगाकर्मियों को दिया आश्वासन: आंदोलित मनरेगाकर्मियों ने तख्ती बैनर लेकर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास के सामने प्रदर्शन किया. मनरेगाकर्मियों के प्रदर्शन को देखते हुए मंत्री ने संघ के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद मंत्री प्रदर्शनस्थल पर भी पहुंचे और मनरेगाकर्मियों को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और सेवा स्थायीकरण के लिए साल 2007 के मैन्युअल का आकलन करने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया. इसके बाद मनरेगाकर्मियों ने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की.
ये थी आंदोलनकारियों की मुख्य मांग:
- मनरेगाकर्मियों की मांग है कि उनकी मानदेय मनरेगा सेल में कार्यरत कर्मियों के मानदेय के बराबर हो.
- मानदेय की बढ़ोतरी 1 अगस्त 2022 की जगह 01 जनवरी 2022 से लागू किया जाए.
- मनरेगाकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा से जोड़ा जाए.
- मनरेगा संघ ने ग्रामीण विकास मंत्री से मनरेगा कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना बंद करने की मांग की और कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता और आरोपों पर सारा दोष निचले स्तर के मनरेगाकर्मियों पर डालकर उन्हें अपमानित करना बंद किया जाए.
मांगें पूरी नहीं होने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी: राज्य के आंदोलित मनरेगाकर्मियों ने विभागीय मंत्री आलमगीर आलम के साथ वार्ता और आश्वासन के बाद भले ही तत्काल आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं, ऐसे में अगर सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक फैसला नहीं लेते हैं तो एक बार फिर राज्य के मनरेगाकर्मी जोरदार आंदोलन करेंगे.