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16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे राज्यभर के 5600 मनरेगा कर्मी, कई योजनाओं पर पड़ेगा व्यापक असर - मनरेगा कर्मचारी संघ

अपनी मांगों को लेकर मनरेगा कर्मी 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं. राज्यभर के 5600 मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से विकास की कई योजनाएं प्रभावित होने की आशंका है. सभी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. Jharkhand MGNREGA workers indefinite strike

Jharkhand MGNREGA workers indefinite strike
MGNREGA workers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 13, 2023, 8:07 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 9:25 PM IST

हड़ताल पर जाएंगे राज्यभर के मनरेगा कर्मी

रांची: रोजगार गारंटी योजना "मनरेगा" के तहत सेवारत राज्य भर के लगभग 5600 मनरेगा कर्मियों ने 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. इससे पहले राज्य भर के मनरेगा कर्मी सेवा नियमितीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर 30 अक्टूबर को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव करेंगे. इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई तो झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ नवंबर के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: झारखंड के मनरेगा कर्मियों के मानदेय में कटौती पर मनरेगा कर्मी संघ ने जतायी नाराजगी, सरकार को दी बेमियादी हड़ताल की चेतावनी

ये हैं राज्य भर के मनरेगाकर्मियों की मुख्य मांगें:

  1. मनरेगाकर्मियों की सेवा राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर नियमित की जाए
  2. सेवा नियमितीकरण तक श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा निर्धारित वेतन और 10% प्रतिवर्ष की बढ़ोतरी का प्रावधान किया जाए. अन्य राज्यों की तरह मानदेय बढ़ाया जाए
  3. रोजगार सेवकों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा का लाभ दिया जाए
  4. बर्खास्तगी पर रोक लगे और पूर्व में बेवजह के बर्खास्त किये गए रोजगार सेवकों की सेवा बहाल की जाए
  5. सरकारी नियुक्तियों में बहाली के समय रोजगार सेवकों को उम्र में छूट का प्रावधान हो
  6. महिला रोजगार सेवकों को सवैतनिक मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए
  7. 2018 से ही मनरेगाकर्मी का EPF काटा जाए
  8. मनरेगाकर्मी ग्रामीण इलाकों में सेवा देते हैं जहां नेटवर्क समस्या होना लाजिमी है, ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त की जाए
  9. मनरेगा सामाजिक अंकेक्षण ग्रामसभा द्वारा चयनित लोगों से कराया जाए
  10. मनरेगाकर्मियों की सेवा स्थानीय प्रखंड में ही सुनिश्चित किया जाए

मनरेगा कर्मियों के आंदोलन से कई योजनाएं होंगी प्रभावित: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने हेमंत सोरेन सरकार पर 2019 में किये गये चुनाव के पहले किए वादे को भूलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अब राज्य भर के मनरेगा कर्मियों में गुस्सा है, क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि वर्तमान सरकार उन्हें धोखा दे रही है. राज्य के ग्रामीण विकास में योगदान देने वाले 4500 रोजगार सेवकों समेत 5600 मनरेगा कर्मियों के आंदोलन से सभी पंचायतों में रोजगार योजनाएं प्रभावित होंगी. रोजगार सेवक ही मनरेगा के तहत ली गयी योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं. मनरेगा कर्मियों के प्रस्तावित आंदोलन और हड़ताल से सिंचाई कूप योजना, बिरसा बागवानी योजना, मुख्यमंत्री पशु शेड योजना, डोभा निर्माण, टीसीबी, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना प्रभावित होगी.

हड़ताल पर जाएंगे राज्यभर के मनरेगा कर्मी

रांची: रोजगार गारंटी योजना "मनरेगा" के तहत सेवारत राज्य भर के लगभग 5600 मनरेगा कर्मियों ने 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. इससे पहले राज्य भर के मनरेगा कर्मी सेवा नियमितीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर 30 अक्टूबर को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव करेंगे. इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई तो झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ नवंबर के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: झारखंड के मनरेगा कर्मियों के मानदेय में कटौती पर मनरेगा कर्मी संघ ने जतायी नाराजगी, सरकार को दी बेमियादी हड़ताल की चेतावनी

ये हैं राज्य भर के मनरेगाकर्मियों की मुख्य मांगें:

  1. मनरेगाकर्मियों की सेवा राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर नियमित की जाए
  2. सेवा नियमितीकरण तक श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा निर्धारित वेतन और 10% प्रतिवर्ष की बढ़ोतरी का प्रावधान किया जाए. अन्य राज्यों की तरह मानदेय बढ़ाया जाए
  3. रोजगार सेवकों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा का लाभ दिया जाए
  4. बर्खास्तगी पर रोक लगे और पूर्व में बेवजह के बर्खास्त किये गए रोजगार सेवकों की सेवा बहाल की जाए
  5. सरकारी नियुक्तियों में बहाली के समय रोजगार सेवकों को उम्र में छूट का प्रावधान हो
  6. महिला रोजगार सेवकों को सवैतनिक मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए
  7. 2018 से ही मनरेगाकर्मी का EPF काटा जाए
  8. मनरेगाकर्मी ग्रामीण इलाकों में सेवा देते हैं जहां नेटवर्क समस्या होना लाजिमी है, ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त की जाए
  9. मनरेगा सामाजिक अंकेक्षण ग्रामसभा द्वारा चयनित लोगों से कराया जाए
  10. मनरेगाकर्मियों की सेवा स्थानीय प्रखंड में ही सुनिश्चित किया जाए

मनरेगा कर्मियों के आंदोलन से कई योजनाएं होंगी प्रभावित: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने हेमंत सोरेन सरकार पर 2019 में किये गये चुनाव के पहले किए वादे को भूलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अब राज्य भर के मनरेगा कर्मियों में गुस्सा है, क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि वर्तमान सरकार उन्हें धोखा दे रही है. राज्य के ग्रामीण विकास में योगदान देने वाले 4500 रोजगार सेवकों समेत 5600 मनरेगा कर्मियों के आंदोलन से सभी पंचायतों में रोजगार योजनाएं प्रभावित होंगी. रोजगार सेवक ही मनरेगा के तहत ली गयी योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हैं. मनरेगा कर्मियों के प्रस्तावित आंदोलन और हड़ताल से सिंचाई कूप योजना, बिरसा बागवानी योजना, मुख्यमंत्री पशु शेड योजना, डोभा निर्माण, टीसीबी, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना प्रभावित होगी.

Last Updated : Oct 13, 2023, 9:25 PM IST
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