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कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड की चिकित्सा व्यवस्था चरमराई, चैंबर ने साधा निशाना

राज्य की वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था पर झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने नाराजगी जताई है. अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत स्वास्थ्य सेवा की है, लेकिन स्वास्थ्य सेवा कहीं नजर नहीं आ रहीं हैं.

medical system of Jharkhand is poor
कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड की चिकित्सा व्यवस्था चरमराई
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Published : Apr 16, 2021, 12:30 AM IST

रांचीः राज्य की वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने कहा कि लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत स्वास्थ्य सेवा की हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा कहीं नजर नहीं आ रही है. चैंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि चिंता की बात केवल यह नहीं कि कोरोना संक्रमितों और दम तोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, बल्कि यह भी है कि अस्पतालों में कोविड की दवा रेमडेसिविर की कमी के कारण मरीजों के परिजन चक्कर लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःकोरोना इफेक्टः फल की कीमतों में उछाल, खरीदारी करना हुआ मुहाल

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर मिलने में ही परेशानी नहीं हो रही, बल्कि जरूरी दवाएं भी नहीं मिल रही हैं. संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के आसार नहीं है. इस स्थिति को स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र ही दुरुस्त करना होगा. अन्यथा आने वाले समय में और अधिक कठिनाई बढ़ सकती है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से रेमडेसिविर की मांग

चैंबर अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि संक्रमण की पहली लहर से सबक लेते हुए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज होनी चाहिए थी, जो नहीं की गई. सामान्य दिनों की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफर करने में लगी है. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्द्धन को भी पत्र लिखकर झारखंड में पर्याप्त संख्या में रेमडेसिविर की आपूर्ति की मांग की है.

समय से नहीं मिल रही जांच रिपोर्ट

चैंबर अध्यक्ष ने जांच रिपोर्ट विलंब से मिलने पर आपत्ति जताई है और कहा कि जांच रिपार्ट मिलने में 5 से 7 दिन लग रहे हैं. इससे संक्रमित व्यक्ति का इलाज विलंब से शुरू हो पता है. स्थिति यह है कि कोरोना जांच रिपोर्ट मिलने तक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाएं.

रांचीः राज्य की वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने कहा कि लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत स्वास्थ्य सेवा की हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा कहीं नजर नहीं आ रही है. चैंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि चिंता की बात केवल यह नहीं कि कोरोना संक्रमितों और दम तोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, बल्कि यह भी है कि अस्पतालों में कोविड की दवा रेमडेसिविर की कमी के कारण मरीजों के परिजन चक्कर लगा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर मिलने में ही परेशानी नहीं हो रही, बल्कि जरूरी दवाएं भी नहीं मिल रही हैं. संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के आसार नहीं है. इस स्थिति को स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र ही दुरुस्त करना होगा. अन्यथा आने वाले समय में और अधिक कठिनाई बढ़ सकती है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से रेमडेसिविर की मांग

चैंबर अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि संक्रमण की पहली लहर से सबक लेते हुए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज होनी चाहिए थी, जो नहीं की गई. सामान्य दिनों की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफर करने में लगी है. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्द्धन को भी पत्र लिखकर झारखंड में पर्याप्त संख्या में रेमडेसिविर की आपूर्ति की मांग की है.

समय से नहीं मिल रही जांच रिपोर्ट

चैंबर अध्यक्ष ने जांच रिपोर्ट विलंब से मिलने पर आपत्ति जताई है और कहा कि जांच रिपार्ट मिलने में 5 से 7 दिन लग रहे हैं. इससे संक्रमित व्यक्ति का इलाज विलंब से शुरू हो पता है. स्थिति यह है कि कोरोना जांच रिपोर्ट मिलने तक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाएं.

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