रांची: झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास को घेरने (Siege of CM residence) के लिए मार्च निकाला. लेकिन पुलिस ने मोरहाबादी स्टेडियम के पास मार्च को रोक दिया. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 5 सूत्री मांगों को लेकर वर्षों से कर्मचारी मजदूर आंदोलन कर रहे हैं. कई बार लिखित समझौता भी हुआ. लेकिन राज्य के किसी भी नगर निकाय में एक भी मजदूर कर्मी, जो 10 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत है, उनकी सेवा नियमित नहीं हो सकी है.
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इसके अलावा नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्थापना मद में निकाय को अनुदान और ऋण मद में 70% राशि दी जाती थी, लेकिन वर्ष 2023 से वर्तमान सरकार ने उसे समाप्त कर दिया. जबकि वर्ष 2022 में सिर्फ 20% दिया. इसकी वजह से राज्य के अधिकांश निकाय में 2 से 10 महीने तक का वेतन लंबित है.
फेडरेशन ने नगर निगम में कार्यरत दैनिक अनुबंध कर्मी समेत नियमित कर्मी के खतरनाक कार्यकलाप को देखते हुए 20 लाख की बीमा सुनिश्चित कराने की मांग की है. इसके अलावा फेडरेशन की मांग है कि जब तक पूर्व से कार्यरत कर्मी की सेवा नियमित नहीं हो जाती है, तब तक नई नियुक्ति पर रोक लगाई जानी चाहिए. पांचवीं मांग यह है कि एनजीओ के कार्यकलाप पर रोक लगाई जाए.
पूरा काम विभाग से संपन्न कराया जाए. जब तक एनजीओ का कार्यकाल समाप्त नहीं होता है, तब तक भुगतान की राशि के आधार पर निगम कर्मी और एनजीओ के बीच शहरों की साफ-सफाई के कार्य का बंटवारा किया जाए. फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर 20 सितंबर तक उनकी मांग नहीं मानी गई तो नगर निगम के कर्मचारी मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.