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Swami Vivekananda Birth Anniversary: स्वामी विवेकानंद जयंती पर झारखंड के नेताओं ने ट्वीट कर किया नमन - झारखंड न्यूज

पूरा देश स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती मना रहा है. सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी लोग उन्हें याद कर नमन कर रहे हैं. झारखंड के नेता भी स्वामी विवेकानंद जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उन्हें याद कर रहे (Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda) हैं.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
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Published : Jan 12, 2023, 10:19 AM IST

रांचीः स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर भारत राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मना रहा है. वहीं लोग उन्हें नमन कर अपने श्रद्धा सुमन स्वामी विवेकानंद को अर्पित कर रहे हैं. ऐसे में झारखंड के आला नेताओं और मंत्रियों ने ट्वीट के माध्यम से उन्हें नमन किया (Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda) है.

इसे भी पढ़ें- National Youth Day: रांची में राष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यक्रम, स्वामी विवेकानंद जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे सीएम

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ताः 'भारतीय गौरवशाली परंपरा, सभ्यता एवं संस्कृति को विश्वभर में ख्याति दिलाने वाले आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक ज्योतिपूँज को दुनिया भर में प्रचारित करने वाले, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन, सभी देशवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का ट्वीट

कृषि मंत्री बादल पत्रलेखः 'उठो, जागो, और तब तक चलो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये: स्वामी विवेकानंद. स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर शत शत नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का ट्वीट

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाः 'सनातन संस्कृति व भारतीय आध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी, युग प्रवर्तक और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के जयंती दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का ट्वीट

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडीः 'वैश्विक पटल पर भारतीय संस्कृति की सर्वोच्चता स्थापित करने वाले, महान आध्यात्मिक गुरु और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन एवं राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दासः 'युग प्रवर्तक, आध्यात्मिक गुरू, सनातन धर्म व संस्कृति को दुनिया में प्रतिष्ठित करने वाले, युवाओं से प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटिशः प्रणाम. राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
पूर्व सीएम रघुवर दास का ट्वीट

कांग्रेस सांसद गीता कोड़ाः 'विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति को स्थापित करने वाले महान आध्यात्मिक गुरु, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन, राष्ट्रीय युवा दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा का ट्वीट

बीजेपी सांसद निशिकांत दूबेः 'हम सभी के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें नमन व राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे का ट्वीट

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाशः 'युग प्रवर्तक, भारतीय संस्कृति को वैश्विक क्षितिज तक पहुंचाने वाले महान विचारक और संपूर्ण युवा शक्ति के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन, साथ ही राष्ट्रीय युवा दिवस की भी ढेर सारी शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश का ट्वीट

बीजेपी विधायक अनंत ओझाः 'राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, विश्व में भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करनेवाले युग प्रवर्तक एवं युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी विधायक अनंत ओझा का ट्वीट

स्वामी विवेकानंद- जीवन परिचयः स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को कलकत्ता में एक कुलीन कायस्थ परिवार में हुआ था. उनके घर का नाम वीरेश्वर रखा गया पर उनका औपचारिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे. दुर्गाचरण दत्ता (नरेंद्र के दादा) संस्कृत और फारसी के विद्वान थे. उन्होंने अपने परिवार को 25 वर्ष की आयु में छोड़ दिया और एक साधु बन गए. उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं. उनका अधिकांश समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था. नरेन्द्र के पिता और उनकी मां के धार्मिक, प्रगतिशील व तर्कसंगत रवैया ने उनकी सोच और व्यक्तित्व को आकार देने में सहायता की.

बचपन से कुशाग्र बुद्धि के थे नरेंद्र दत्तः बचपन से ही नरेंद्र अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के तो थे ही साथ ही नटखट भी खू थे. अपने साथियों के साथ वो खूब शरारत करते और मौका मिलने पर अपने अध्यापकों के साथ भी शरारत करने से नहीं चूकते थे. उनके घर में नियमपूर्वक रोज पूजा-पाठ होता था, धार्मिक प्रवृत्ति की होने के कारण माता भुवनेश्वरी देवी को पुराण, रामायण, महाभारत की कथा सुनने का बहुत शौक था. कथावाचक बराबर इनके घर आते रहते थे, नियमित रूप से भजन-कीर्तन भी होता रहता था. परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेंद्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे होते गये. माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखायी देने लगी थी. ईश्वर के बारे में जानने की उत्सुकता में कभी-कभी वे ऐसे प्रश्न पूछ बैठते थे कि इनके माता-पिता और कथावाचक पंडित तक के चक्कर में पड़ जाते थे.

आध्यात्म की ओर विवेकानंद का झुकावः कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्म की ओर झुके हुए थे. वो अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे, जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवों मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं. इसलिए मानव जाति जो मनुष्य दूसरे जरूरतमंदों की मदद करता है या सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है. रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा की और ब्रिटिश भारत में तत्कालीन स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया. बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया. विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया और कई सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया. भारत में विवेकानंद को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

आज भी 'मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों' का भाषण लोगों के दिलों में आज भी मौजूदः उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था. भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके प्रवचरनों के कारण ही पहुंचा. यहां उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था लेकिन उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरंभ 'मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों' के साथ करने के लिये जाना जाता है. उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था.

रांचीः स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर भारत राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मना रहा है. वहीं लोग उन्हें नमन कर अपने श्रद्धा सुमन स्वामी विवेकानंद को अर्पित कर रहे हैं. ऐसे में झारखंड के आला नेताओं और मंत्रियों ने ट्वीट के माध्यम से उन्हें नमन किया (Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda) है.

इसे भी पढ़ें- National Youth Day: रांची में राष्ट्रीय युवा दिवस पर कार्यक्रम, स्वामी विवेकानंद जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे सीएम

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ताः 'भारतीय गौरवशाली परंपरा, सभ्यता एवं संस्कृति को विश्वभर में ख्याति दिलाने वाले आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक ज्योतिपूँज को दुनिया भर में प्रचारित करने वाले, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन, सभी देशवासियों को राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का ट्वीट

कृषि मंत्री बादल पत्रलेखः 'उठो, जागो, और तब तक चलो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये: स्वामी विवेकानंद. स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर शत शत नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का ट्वीट

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाः 'सनातन संस्कृति व भारतीय आध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी, युग प्रवर्तक और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के जयंती दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का ट्वीट

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडीः 'वैश्विक पटल पर भारतीय संस्कृति की सर्वोच्चता स्थापित करने वाले, महान आध्यात्मिक गुरु और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन एवं राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दासः 'युग प्रवर्तक, आध्यात्मिक गुरू, सनातन धर्म व संस्कृति को दुनिया में प्रतिष्ठित करने वाले, युवाओं से प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटिशः प्रणाम. राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
पूर्व सीएम रघुवर दास का ट्वीट

कांग्रेस सांसद गीता कोड़ाः 'विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति को स्थापित करने वाले महान आध्यात्मिक गुरु, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन, राष्ट्रीय युवा दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा का ट्वीट

बीजेपी सांसद निशिकांत दूबेः 'हम सभी के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें नमन व राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे का ट्वीट

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाशः 'युग प्रवर्तक, भारतीय संस्कृति को वैश्विक क्षितिज तक पहुंचाने वाले महान विचारक और संपूर्ण युवा शक्ति के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन, साथ ही राष्ट्रीय युवा दिवस की भी ढेर सारी शुभकामनाएं'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश का ट्वीट

बीजेपी विधायक अनंत ओझाः 'राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, विश्व में भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करनेवाले युग प्रवर्तक एवं युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन'.

Jharkhand leaders paid tribute On birth anniversary of Swami Vivekananda
बीजेपी विधायक अनंत ओझा का ट्वीट

स्वामी विवेकानंद- जीवन परिचयः स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को कलकत्ता में एक कुलीन कायस्थ परिवार में हुआ था. उनके घर का नाम वीरेश्वर रखा गया पर उनका औपचारिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे. दुर्गाचरण दत्ता (नरेंद्र के दादा) संस्कृत और फारसी के विद्वान थे. उन्होंने अपने परिवार को 25 वर्ष की आयु में छोड़ दिया और एक साधु बन गए. उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं. उनका अधिकांश समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था. नरेन्द्र के पिता और उनकी मां के धार्मिक, प्रगतिशील व तर्कसंगत रवैया ने उनकी सोच और व्यक्तित्व को आकार देने में सहायता की.

बचपन से कुशाग्र बुद्धि के थे नरेंद्र दत्तः बचपन से ही नरेंद्र अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के तो थे ही साथ ही नटखट भी खू थे. अपने साथियों के साथ वो खूब शरारत करते और मौका मिलने पर अपने अध्यापकों के साथ भी शरारत करने से नहीं चूकते थे. उनके घर में नियमपूर्वक रोज पूजा-पाठ होता था, धार्मिक प्रवृत्ति की होने के कारण माता भुवनेश्वरी देवी को पुराण, रामायण, महाभारत की कथा सुनने का बहुत शौक था. कथावाचक बराबर इनके घर आते रहते थे, नियमित रूप से भजन-कीर्तन भी होता रहता था. परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेंद्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे होते गये. माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखायी देने लगी थी. ईश्वर के बारे में जानने की उत्सुकता में कभी-कभी वे ऐसे प्रश्न पूछ बैठते थे कि इनके माता-पिता और कथावाचक पंडित तक के चक्कर में पड़ जाते थे.

आध्यात्म की ओर विवेकानंद का झुकावः कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्म की ओर झुके हुए थे. वो अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे, जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवों मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं. इसलिए मानव जाति जो मनुष्य दूसरे जरूरतमंदों की मदद करता है या सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है. रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा की और ब्रिटिश भारत में तत्कालीन स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया. बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया. विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया और कई सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया. भारत में विवेकानंद को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

आज भी 'मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों' का भाषण लोगों के दिलों में आज भी मौजूदः उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था. भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके प्रवचरनों के कारण ही पहुंचा. यहां उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था लेकिन उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरंभ 'मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों' के साथ करने के लिये जाना जाता है. उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था.

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