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Subhash Chandra Bose Birth Anniversary: झारखंड के नेताओं ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन - झारखंड न्यूज

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. भारत में इसे पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जा रहा है. उनकी 127वीं जयंती के मौके पर पूरा देश सुभाष चंद्र बोस को नमन कर रहा है.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर झारखंड के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
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Published : Jan 23, 2023, 10:28 AM IST

रांचीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आज पूरा देश उनको याद कर रहा है. नेताजी की 127वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जा रहे हैं. सुभाष चंद्र बोस जयंती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जा रहा है. इस मौक पर झारखंड ने नेताओं ने उन्हें याद करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित किया है.

इसे भी पढ़ें- Netaji Subhash Chandra Bose Birth Anniversary 2023: सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं मजदूरों के भी थे नेता

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाः नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 126वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में 23 और 24 जनवरी को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली में 'आदि शौर्य' मिलिट्री टैटू और जनजातीय नृत्य का आयोजन किया जा रहा है.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का ट्वीट

कांग्रेस सांसद धीरज साहूः 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें मेरी भावपूर्ण श्रद्धाजंलि.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
कांग्रेस सांसद धीरज साहू का ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दासः मां भारती के वीर सपूत, आजाद हिंद फ़ौज के संस्थापक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. उनका त्याग और देशप्रेम सदैव हर भारतवासी को प्रेरणा देते रहेगा। सभी देशभक्तों को ParakramDiwas की हार्दिक बधाई.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का ट्वीट

आजसू सुप्रिमो सुदेश महतोः जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे, तोबे एकला चलो रे... देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाली आजाद हिंद फौज की कमान संभालने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी तथा अपने क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता संग्राम में नया जोश भरने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर नमन नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
आजसू सुप्रिमो सुदेश महतो का ट्वीट

विधायक भानू प्रताप शाहीः 'अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है' आजाद हिंद फौज की स्थापना कर देश के युवाओं में क्रांतिकारी प्राण फूंकने वाले, स्वाधीनता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
विधायक भानू प्रताप शाही का ट्वीट

बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडाः 'अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है'. आजाद हिंद फौज की स्थापना कर देश के युवाओं में क्रांतिकारी प्राण फूंकने वाले, स्वाधीनता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का ट्वीट

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडीः आजाद हिन्द फौज के संस्थापक, स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती 'पराक्रम दिवस' पर पर उन्हें कोटिशः नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
बीजेप नेता बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

रांची मेयर आशा लकड़ाः नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
रांची मेयर आशा लकड़ा का ट्वीट

सुभाष चंद्र बोस- जीवन परिचयः जय हिंद का नारा बुलंद करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था. जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर अधिवक्ता थे. सुभाष चंद्र बोस के 14 भाई-बहनें थीं, जिसमें 6 बहनें और 8 भाई शामिल थे. सुभाष चंद्र अपने माता-पिता की 9वीं संतान और 5वें पुत्र थे. संपन्न बंगाली परिवार में जन्मे नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में की. इसके बाद उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई. देशभक्ति की भावना उनके शुरुआती जीवन में ही देखने को मिल गया था. बचपन में उन्होंने अपने शिक्षक के भारत विरोधी बयान पर घोर आपत्ति जताई थी.

ICS छोड़ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ेः सुभाष चंद्र बोस मेधावी छात्र थे, 1919 में उन्होने स्नातक किया. भारतीय प्रशासनिक सेवा (इंडियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए माता-पिता ने उनको इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया. अंग्रेजी शासन के जमाने में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत कठिन था, पर उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा न सिर्फ पास की बल्कि चौथा स्थान भी हासिल किया. भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सिविल सर्विस छोड़ने के बाद वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए. उनके मन में पहले से ही एक मजबूत और निडर व्यक्तित्व था. वो राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दासता से भारत को मुक्त करना चाहते थे.

2018 से शुरु हुआ पराक्रम दिवस मनाने का सिलसिलाः सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पहली बार वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला पर तिरंगा फहराया. 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 125वीं जयंती को केंद्र सरकार द्वार पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए 8 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में राजपथ, जिसका नामकरण कर्तव्यपथ किया गया, यहां पर नेताजी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया. 2018 के बाद अब नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है.

रांचीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आज पूरा देश उनको याद कर रहा है. नेताजी की 127वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जा रहे हैं. सुभाष चंद्र बोस जयंती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जा रहा है. इस मौक पर झारखंड ने नेताओं ने उन्हें याद करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित किया है.

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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाः नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 126वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में 23 और 24 जनवरी को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली में 'आदि शौर्य' मिलिट्री टैटू और जनजातीय नृत्य का आयोजन किया जा रहा है.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का ट्वीट

कांग्रेस सांसद धीरज साहूः 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें मेरी भावपूर्ण श्रद्धाजंलि.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
कांग्रेस सांसद धीरज साहू का ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दासः मां भारती के वीर सपूत, आजाद हिंद फ़ौज के संस्थापक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. उनका त्याग और देशप्रेम सदैव हर भारतवासी को प्रेरणा देते रहेगा। सभी देशभक्तों को ParakramDiwas की हार्दिक बधाई.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का ट्वीट

आजसू सुप्रिमो सुदेश महतोः जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे, तोबे एकला चलो रे... देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाली आजाद हिंद फौज की कमान संभालने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी तथा अपने क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता संग्राम में नया जोश भरने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर नमन नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
आजसू सुप्रिमो सुदेश महतो का ट्वीट

विधायक भानू प्रताप शाहीः 'अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है' आजाद हिंद फौज की स्थापना कर देश के युवाओं में क्रांतिकारी प्राण फूंकने वाले, स्वाधीनता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
विधायक भानू प्रताप शाही का ट्वीट

बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडाः 'अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है'. आजाद हिंद फौज की स्थापना कर देश के युवाओं में क्रांतिकारी प्राण फूंकने वाले, स्वाधीनता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का ट्वीट

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडीः आजाद हिन्द फौज के संस्थापक, स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती 'पराक्रम दिवस' पर पर उन्हें कोटिशः नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
बीजेप नेता बाबूलाल मरांडी का ट्वीट

रांची मेयर आशा लकड़ाः नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन.

Jharkhand Leaders paid tribute on birth anniversary of Subhash Chandra Bose
रांची मेयर आशा लकड़ा का ट्वीट

सुभाष चंद्र बोस- जीवन परिचयः जय हिंद का नारा बुलंद करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था. उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था. जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर अधिवक्ता थे. सुभाष चंद्र बोस के 14 भाई-बहनें थीं, जिसमें 6 बहनें और 8 भाई शामिल थे. सुभाष चंद्र अपने माता-पिता की 9वीं संतान और 5वें पुत्र थे. संपन्न बंगाली परिवार में जन्मे नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में की. इसके बाद उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई. देशभक्ति की भावना उनके शुरुआती जीवन में ही देखने को मिल गया था. बचपन में उन्होंने अपने शिक्षक के भारत विरोधी बयान पर घोर आपत्ति जताई थी.

ICS छोड़ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ेः सुभाष चंद्र बोस मेधावी छात्र थे, 1919 में उन्होने स्नातक किया. भारतीय प्रशासनिक सेवा (इंडियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए माता-पिता ने उनको इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया. अंग्रेजी शासन के जमाने में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत कठिन था, पर उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा न सिर्फ पास की बल्कि चौथा स्थान भी हासिल किया. भारतीय सिविल सेवा की नौकरी से उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सिविल सर्विस छोड़ने के बाद वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए. उनके मन में पहले से ही एक मजबूत और निडर व्यक्तित्व था. वो राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दासता से भारत को मुक्त करना चाहते थे.

2018 से शुरु हुआ पराक्रम दिवस मनाने का सिलसिलाः सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पहली बार वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला पर तिरंगा फहराया. 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 125वीं जयंती को केंद्र सरकार द्वार पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए 8 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में राजपथ, जिसका नामकरण कर्तव्यपथ किया गया, यहां पर नेताजी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया. 2018 के बाद अब नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है.

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