रांचीः 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. इस बार कुल 106 लोगों को यह सम्मान दिया जाएगा. इस बार कुल 6 लोगों को पद्म विभूषण दिया जा रहा है. ओआरएस के जनक डॉ. महलानाबीस को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिया जा रहा है. वहीं झारखंड के जानुम सिंह सोय को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. जानुम सिंह सोय के पद्मश्री अवार्ड के चयनित होने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बधाई दी.
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झारखंड के जानुम सिंह सोय को पद्मश्री सम्मानः बता दें कि जानुम सिंह सोय जनजातीय भाषा हो के विद्वान हैं. वो 72 साल के हैं. उन्होंने चार दशक तक हो भाषा के संरक्षण, विकास और प्रचार के लिए काम किया है. जानुम सिंह सोय ने आदिवासियों के विकास के लिए काफी काम किया है. उन्होंने आदिवासी जनजाति हो की संस्कृति और जीवनशैली पर 6 किताबें लिखी हैं. 72 वर्षीय प्रोफेसर सोय की पुस्तकों में आधुनिक हो, शिष्ट काव्य समेत छह पुस्तकें शामिल है.
हो भाषा के विकास में निभाई अग्रणी भूमिकाः उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर हो भाषा को सिलेबस में शामिल करने के लिए काफी मेहनत की. उन्हें हो भाषा को पीजी के सिलेबस में शामिल करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले के रूप में देखा जाता है. जानुम सिंह सोय कोल्हान यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत हुए हैं. वो चाईबासा के टाटा कॉलेज के हिंदी विभाग एचओडी थे. प्रोफेसर थे. रिटायर होने के बाद घाटशिला में रहते हैं. उन्होंने हो भाषा में सांस्कृतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर पुस्तकें लिखी है. वह घाटशिला कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल के रूप में पदस्थापित थे. 8 अगस्त 1950 में जन्मे जानुम सिंह सोय हो भाषा के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं.
106 लोगों को पद्म सम्मानः बता दें कि इस साल कुल 106 लोगों को पद्म सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. बुधवार को जारी लिस्ट में कुल 6 लोगों को पद्म विभूषण दिया जा रहा है. जबकि 9 लोगों को पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. वहीं 91 लोगों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. कुल 19 महिलाओं को पद्म सम्मान दिया जा रहा है. जबकि 7 लोगों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जा रहा है.